सूरजपुर: रमजान के आखिरी जुमे पर सूरजपुर के जामा मस्जिद में कोविड नियमों के पालन के साथ नमाज अदा की गई. नमाज में कोरोना सलामती के लिए दुआ मांगी गई. कोरोना संक्रमण के कारण मस्जिदों के मौलवियों ने नमाज अदा की. आखिरी जुमा को 'अलविदा जुमा' (Alvida Jumma) कहते हैं. इस्लाम में अलविदा का खास महत्व और दर्जा है. इस दिन को दुनिया भर के मुसलमान पूरी अजमत अकीदत से और अल्लाह (Allah) की इबादत (Worship) करके गुजारते हैं.
पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के बीच मना था ईद
बता दें कि कोरोना काल में पिछले साल भी सभी धार्मिक स्थल बंद थे. इस साल भी रमजान कोरोना संक्रमण के बीच मनाया जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में सूरजपुर जिले में 15 मई तक लॉकडाउन है. बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों को ध्यान में रखते हुए लोग अपने घरों में ही नमाज अदा कर रहे हैं. शहर जामा मस्जिद के इमाम साहिल सिद्दिकी ने कहा कि समाज के सभी लोग घर पर रहकर दुआ कर रहे हैं. ईद आपसी भाईचारा और सौहार्द्र को बढ़ाने का त्योहार होता है. उन्होंने सभी लोगों से कोरोना गाइडलान का पालन करते हुए रामजान का महीना मनाने की अपील की.
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इस दिन को कहते हैं 'छोटी ईद'
अलविदा की नमाज हर मुसलमान के लिए बेहद खास होती है. इस दिन कुछ मुसलमान नए कपड़े पहन कर अपने रब की इबादत करते हैं. अलविदा को छोटी ईद भी कहते हैं. माना जाता है कि अलविदा की नमाज के बाद अगर सच्चे दिल से मांगी जाए तो अल्लाह बंदे की हर जायज दुआ कुबूल फ़रमाते हैं और बंदों की तौबा को कुबूल करके उनके गुनाह माफ करते हैं.