सूरजपुर: कोरोना वायरस की वजह से घोषित लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. मजदूरों को लॉकडाउन के कारण दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी रही हैं. कहीं से पैदल, तो कहीं से साइकिल पर ये लोग अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं. रायपुर से साइकिल चलाकर बिहार के मजदूर प्रतापपुर पहुंचे, जिनको समाजसेवी संगठन ने भोजन कराया.
रायपुर से प्रतापपुर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि वे पिछले 7 दिनों से साइकिल चला रहे हैं. इन्हें रास्ते में किसी तरह की मदद नहीं मिली. मजदूरों ने बताया कि वो जहां काम कर रहे थे, वहां मालिक ने आधी मजदूरी लेकिन जाने का इंतजाम नहीं कराया. मजबूरी में उन्हें साइकिल से ही घर निकलना पड़ा. मजदूरों ने बताया कि अभी वे 400 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं, 500 किलोमीटर का सफर तय कर अपने राज्य बिहार पहुंचेंगे.
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मालिक ने मजदूरों की नहीं की मदद
मजदूरों ने बताया कि वे सभी बिहार के पटना जा रहे हैं. कुछ को मजदूरी मिली है और कुछ को नहीं. साथ ही मजदूरों ने बताया कि रास्ते में इनके जैसे और भी मजदूर पैदल अपने घरों के लिए निकले हैं, जो भूखे-प्यासे पैदल चल रहे हैं.
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समाजसेवियों ने मजदूरों को कराया भोजन
बता दें कि बिहार के मजदूरों की सूचना मिलते ही समाजसेवी राकेश मित्तल, तरुण शर्मा और स्थानीय एक पुलिसकर्मी ने प्रतापपुर पहंचकर सभी को भोजन कराया, जिससे अभी उनको कुछ आराम मिला है, लेकिन अभी उनके किस्मत में मंजिल पाने के लिए आधा से ज्यादा सफर तय करना बाकी है.