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सूरजपुर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी, मरीज परेशान

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Published : Oct 9, 2019, 4:28 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 8:34 AM IST

सरगुजा जिला अस्पताल की बदहाली खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.ब्लड बैंक में खून की कमी है जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी

सूरजपुरः जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिला अस्पताल में तो हालत सबसे खराब है. अस्पताल नए भवन में शिफ्ट हो चुका है लेकिन जिले के मरीज आज भी ब्लड बैंक की अच्छी सेवा से महरूम हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हालात सुधारने के लिए कोई भी पहल नहीं की जा रही है. आपात स्थिति में मरीजों को खून के लिए दूसरे जिले का रुख करना पड़ता है.

सूरजपुर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी

जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था कई वर्षों से ऐसी ही है. लेकिन इसे सुधारने की कोशिश नहीं की गई. मरीजों को खून की कमी से लगातार दो चार होना पड़ता है. और मरीज आपात हालात में ब्लड के लिए निजी संस्थाओं के भरोसे रहने को मजबूर हैं

मरीजों की जान से खिलवाड़

जिला अस्पताल का ब्लड बैंक मरीजों के लिए सिर्फ शो पीस बनकर रह गया है. मरीजों को जब भी जरूरत पड़ती है इस ब्लड बैंक से उन्हें निराशा हाथ लगती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन इस मामले में ब्लड बैंक के अधिकारी अलग ही राग अलाप रहे हैं, वह ब्लड बैंक में खून की कमी का ठीकरा स्थानीय लोगों पर फोड़ रहे हैं. ब्लड बैंक के अधिकारी की माने तो स्थानीय लोग ब्लड डोनेट नहीं करते इस वजह से अस्पताल में खून की कमी है. जब ETV भारत ने इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमओ से बात की की तो उन्होंने खून की कमी नहीं होने का दावा किया और सभी व्यवस्था को जल्द सुधारने की बात कही .

सूरजपुरः जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिला अस्पताल में तो हालत सबसे खराब है. अस्पताल नए भवन में शिफ्ट हो चुका है लेकिन जिले के मरीज आज भी ब्लड बैंक की अच्छी सेवा से महरूम हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हालात सुधारने के लिए कोई भी पहल नहीं की जा रही है. आपात स्थिति में मरीजों को खून के लिए दूसरे जिले का रुख करना पड़ता है.

सूरजपुर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी

जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था कई वर्षों से ऐसी ही है. लेकिन इसे सुधारने की कोशिश नहीं की गई. मरीजों को खून की कमी से लगातार दो चार होना पड़ता है. और मरीज आपात हालात में ब्लड के लिए निजी संस्थाओं के भरोसे रहने को मजबूर हैं

मरीजों की जान से खिलवाड़

जिला अस्पताल का ब्लड बैंक मरीजों के लिए सिर्फ शो पीस बनकर रह गया है. मरीजों को जब भी जरूरत पड़ती है इस ब्लड बैंक से उन्हें निराशा हाथ लगती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन इस मामले में ब्लड बैंक के अधिकारी अलग ही राग अलाप रहे हैं, वह ब्लड बैंक में खून की कमी का ठीकरा स्थानीय लोगों पर फोड़ रहे हैं. ब्लड बैंक के अधिकारी की माने तो स्थानीय लोग ब्लड डोनेट नहीं करते इस वजह से अस्पताल में खून की कमी है. जब ETV भारत ने इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमओ से बात की की तो उन्होंने खून की कमी नहीं होने का दावा किया और सभी व्यवस्था को जल्द सुधारने की बात कही .

Intro:एंकर – सूरजपुर के जिला अस्पताल नविन अस्पताल भवन मे तो सिफ्ट हो चुका है,,,लेकिन जिले के मरीज आज भी खून की कमी के परेशानी से जूझ रहे है,, वहीँ अधिकारी अस्पताल मे बल्ड के अभाव का कारण ब्लड कैम्प की कमी को बता रहे हैं,, लेकिन स्थिति सुधारने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है,,लेकिन दुसरी ओर जिले के एक संस्था सांई रक्त दाता सेवा समिति रक्तदान जैसे शिविर आयोजित कर जिले मे एक मिसाल कायम कर रही है,,,,

Body: जिले का सबसे बड़ा अस्पताल एक ओर लचर व्यवस्था की भेट चढ़ता जा रहा है,,,,स्थिति यह है की अस्पताल के मरीजो को खुन कि जरुरत के वक्त खुन के लिए तरस रहे हैं ,,, जिन्हे मजबुरन दुसरे जिले मे इलाज के लिए जाना पङ रहा है,,,वही जिले का एक संस्था सांई रक्तदाता सेवा समिति के द्वारा हर साल दर्जनो रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है,,जहां सैकङो युनिट बल्ड भी डोनेट होता है,,,जो मरीजो के लिए एक बङी पहल है ,,,जिन्हे मुंबई ब्लड डोनेट आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है,,,जो एक मिसाल जिले मे कायम कर रहा है,,,तो दुसरी ओर बल्ड डोनेट करने वाले लोगो का मानना है कि समिति का पहल जिले के लिए बङी पहल है और सभी को समिति के इस अभियान मे बढ चढ कर भाग लेना चाहिए ,,,और स्वास्थ्य विभाग अपनी अव्यवस्था को दुर करे जिससे किसी भी मरीज को दुसरे जिले का सहारा ना लेना पङे एक ओर सांई रक्त दाता समिति जिले के मरीजो के लिए रक्तदान जैसी शिविरो का आयोजन कर रहा है ,,,तो दुसरी ओर स्वास्थ्य विभाग कि कमीयो के कारण जिले मे कई ऐसे मरीज हैं जो खून की कमी जैसी बिमारीयो की वजह से मौत से लड़ रहे हैं,,,लेकिन अस्पताल प्रबंधन आराम से बैठा हुआ है,,,,मरीजो को सहूलियत तो दूर बल्कि वे इस समस्या के लिए भी स्थानीय लोगो पर ही दोष मढ़ रहे हैं,,,जहां ब्लड बैंक के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग ब्लड डोनेट नहीं करते इस वजह से अस्पताल में खून की कमी है,,,,वहीँ अस्पताल के सी एम ओ ब्लड बैंक मे खुन कि कमी नही होने का दावा कर सभी व्यवस्था को जल्द ही दुरुस्त करने की बात करते नजर आए,,,


Conclusion:जिले का ब्लड बैंक लगातार शिविरो का आयोजन करने का दावा करता है,,,लेकिन मरीजो को इसका लाभ नही मिलता ,,,,ऐसे मे सांई रक्त दाता समिति के पहल को जिला प्रशासन कब तक नजर अंदाज को दुर कर समिति को आगे बढाने का पहल कर मरीजो को सीधे इसका लाभ दिलाने का पहल करती है यह तो देखने वाली बात होगी,,,

बाईट – 01 भुषण सुर्यवंशी,,,अध्यक्ष , सांई रक्त सेवा समिति सूरजपुर

बाईट-2-वेद प्रकाश,,,डोनर

बाईट –3- जी के सिन्हा,, अधिकारी ब्लड बैंक

Last Updated : Oct 10, 2019, 8:34 AM IST
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