सूरजपुर: जिले में हाथियों का तांडव कोई बड़ी बात नहीं है. यहां आयेदिन ग्रामीणों पर हाथियों का हमला होता रहता (Fear of elephants in surajpur) है. लेकिन हाथियों के खौफ से प्रतापपुर के लड़कों का ब्याह नहीं हो रहा. यहां गजराज के तांडव का खौफ लोगों में इतना अधिक है कि दूसरे जगह के लोग अपनी बहन-बेटियों को यहां ब्याहना नहीं चाह रहे.
सूरजपुर जिले के कुंवारे गांव की अनोखी कहानी
शादी का सीजन शुरू हो गया है. कई युवा अपने शादी को लेकर सपना सजाने लगे हैं. लेकिन सूरजपुर का एक इलाका ऐसा भी है जहां पिछले 5-6 सालों से किसी भी लड़के के सिर पर सेहरा नहीं सजा है.आज हम आपको बतायेंगे सूरजपुर जिले के कुंवारे गांव की अनोखी कहानी..
40 से अधिक हाथियों का दल करता है विचरण
सूरजपुर जिले का प्रतापपुर इलाका, यह इलाका लगभग दो दशकों से अधिक समय से हाथियों के आतंक का दंश झेल रहा है. आज भी इस क्षेत्र में 0 से अधिक हाथियों का दल विचरण करता रहता है. जो यहां के स्थानीय लोगों के लिए कई तरह की समस्याओं को पैदा कर रहा है. खासकर युवा वर्ग के लिए. क्योंकि हाथियों का खौफ यहां इतना अधिक है कि दूसरे गांव के लोग अपनी बहन-बेटियों की शादी यहां नहीं करना चाहते. इतना ही नहीं कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि लड़की वालों रोका के बाद क्षेत्र का नाम सुनकर या फिर हाथियों के आतंक की दास्तां सुन रिश्ता ही तोड़ देते हैं. अब इस इलाके के युवा वर्ग शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. ताकि जल्द हाथी की समस्या का निपटान किया जा सके.
हाथियों के आतंक के कारण युवा कुंवारे
इलाके के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि हाथियों के आतंक के कारण युवा कुंवारे रह जा रहे हैं. साथ ही वह यह भी मान रहे हैं कि लड़की वालों का निर्णय सही है. कोई भी अपनी बेटी की शादी ऐसे जगह में नहीं करना चाहेंगे, जहां उसकी जान को खतरा हो. इस इलाके में आए दिन हाथियों का दल फसलों को नुकसान पहुंचाता है. कई ग्रामीणों का मकान क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है. तो कई बार हाथी ग्रामीणों पर हमला कर देता है. कितनों की मौत हाथियों के हमले से हो चुकी है. यही कारण है कि लोग यहां शादी के नाम से कतराते हैं.