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सूरजपुर : निजी स्कूलों को नहीं मिल रहा RTE का पैसा, गरीब बच्चों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

पिछले दो साल से जिला मुख्यालय में संचालित प्राइवेट स्कूलों को यह पैसा नहीं मिला है जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों का स्थीति खराब हो रही है.

जिला कार्यालय
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Published : Jun 18, 2019, 8:31 AM IST

सूरजपुर : जिले में पिछले दो साल से राईट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों का भुगतान शिक्षा विभाग के द्वारा नियमित नहीं किया जा रहा है, जिससे निजी विद्यालयों के प्रबंधक और संस्था प्रमुखों में आक्रोष देखने को मिल रहा है और यही कारण है कि अब प्राइवेट स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं.

निजी स्कूलों में अटका आरटीई का भुगतान

शिक्षा के अधिकार के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं. जिन पर जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से दाखिले किए जाते हैं और सरकार निर्धारित फीस का भुगतान करती है, लेकिन पिछले दो साल से जिला मुख्यालय में संचालित प्राइवेट स्कूलों को पैसा नहीं मिला है, जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों का स्थिति खराब हो रही है.

गरीब बच्चों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक द्वारा निजी स्कूलों के संचालकों के ये बताकर भेज दिया जाता है कि उक्त राशि का भुगतान अब तक शिक्षण संचालनालय रायपुर से नहीं हो पाया है. जैसे ही आवंटन होगा सभी स्कूलों में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. वहीं अगले शैक्षणिक सत्र तक अगर फीस का भुगतान नहीं किया गया तो कहीं न कहीं इसका खामियाजा गरीब बच्चों को उठाना पड़ सकता है.

सूरजपुर : जिले में पिछले दो साल से राईट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों का भुगतान शिक्षा विभाग के द्वारा नियमित नहीं किया जा रहा है, जिससे निजी विद्यालयों के प्रबंधक और संस्था प्रमुखों में आक्रोष देखने को मिल रहा है और यही कारण है कि अब प्राइवेट स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं.

निजी स्कूलों में अटका आरटीई का भुगतान

शिक्षा के अधिकार के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं. जिन पर जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से दाखिले किए जाते हैं और सरकार निर्धारित फीस का भुगतान करती है, लेकिन पिछले दो साल से जिला मुख्यालय में संचालित प्राइवेट स्कूलों को पैसा नहीं मिला है, जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों का स्थिति खराब हो रही है.

गरीब बच्चों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक द्वारा निजी स्कूलों के संचालकों के ये बताकर भेज दिया जाता है कि उक्त राशि का भुगतान अब तक शिक्षण संचालनालय रायपुर से नहीं हो पाया है. जैसे ही आवंटन होगा सभी स्कूलों में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. वहीं अगले शैक्षणिक सत्र तक अगर फीस का भुगतान नहीं किया गया तो कहीं न कहीं इसका खामियाजा गरीब बच्चों को उठाना पड़ सकता है.

Intro:सूरजपुर पिछले चार वर्षो से RTE के तहत निजी विद्यालयो के राशि का नही हो रहा भुगतान,,,निजी स्कूल संचालक है परेशान

Body:आर टी ई के तहत निति विद्यालयो का भूगतान षिक्षा विभाग के द्वारा निममित नही किया जा रहा है जिससे नीति विद्यालयो के प्रबंधक व संस्था प्रमुखो में आक्रोष देखने को मिल रहा है बताया जाता है कि सूरजपुरजिला के अंतर्ग संचालित नीति विद्यालयो में विछले तीन से चार वर्षो से आर टी आई के तहत विद्यालयो को भूगतान नही करने के वजह से नीति विद्यालय अब आर टी आई के तहत विद्यालयो को भूगतान नही किय गया है भूगतान नही करने के वजह से नीजि विद्यालय अब आइ टी आई के तहत गरीब व निर्धन छात्र-छात्राओ को दाखिला देने में आनाकानी कर रहे है षिक्षा विभाग के द्वारा नीजि विद्यायलयो को भूगतान नही करने के कारण नीजि विद्यालयो की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होते नजर आ रहे है जिला मुख्यालय में संचालित नीजि विद्यालयो को विगत दो वर्षेा से आर टी आई के तहत राषि का भूगतान नही हो पाया है जिला षिक्षा अधिकारीे कार्यालय में पदस्थ लिपिक के द्वारा पिछले दो वर्षो से नीति विद्यालय के संचालको को यह बताकर भेज दिया जाता है कि उक्त राषि का भूगतान षिक्षण संचानालय रायपुर से नही हुआ है। जैसे ही आवंटन आयेगा आपल लोगो को राषि भेज दी जाये कि वही जिला षिक्षा अधिकारी का कहना है कि कुछ दिनो के आवंटन आने वाला है जैसे हि आंवटन आ जाता है सभी स्कुलो का भूगतान कर दिया जावेगा।

Conclusion:बहर हाल निजि स्कूलों के भुगतान को कितना समय लगता है देखने वाली बात होगी,,,अगर स्कूल सत्र चालू होने से पहले स्कूलों का भगतां नहीं होता है तो ,,,कही ना कही इसका खामियाजा गरीब बच्चों को उठाना पड़ सकता है


बाईट- आनन्द प्रकाश एक्का ,,,,जिला शिक्षा अधिकारी
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