सूरजपुर : जिले में पिछले दो साल से राईट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों का भुगतान शिक्षा विभाग के द्वारा नियमित नहीं किया जा रहा है, जिससे निजी विद्यालयों के प्रबंधक और संस्था प्रमुखों में आक्रोष देखने को मिल रहा है और यही कारण है कि अब प्राइवेट स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं.
शिक्षा के अधिकार के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं. जिन पर जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से दाखिले किए जाते हैं और सरकार निर्धारित फीस का भुगतान करती है, लेकिन पिछले दो साल से जिला मुख्यालय में संचालित प्राइवेट स्कूलों को पैसा नहीं मिला है, जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों का स्थिति खराब हो रही है.
गरीब बच्चों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक द्वारा निजी स्कूलों के संचालकों के ये बताकर भेज दिया जाता है कि उक्त राशि का भुगतान अब तक शिक्षण संचालनालय रायपुर से नहीं हो पाया है. जैसे ही आवंटन होगा सभी स्कूलों में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. वहीं अगले शैक्षणिक सत्र तक अगर फीस का भुगतान नहीं किया गया तो कहीं न कहीं इसका खामियाजा गरीब बच्चों को उठाना पड़ सकता है.