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पंकज बेक सुसाइड केस, पंकज की पत्नी ने जांच अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

सूरजपुर के पंकज बेक की पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी. बताया गया था कि उसने पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस जांच पर परिजन फिर से सवाल खड़े कर रहे हैं. मृतक की पत्नी ने जांच अधिकारियों पर गंभीर लगाए हैं.

New twist in Pankaj Baig suicide case
पंकज बेक सुसाइड केस
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Published : Jul 18, 2020, 8:14 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 10:01 PM IST

सूरजपुर : जिले के सलका गांव के रहने वाले पंकज बेक ने पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस जांच पर परिजन फिर से सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, एक साल पहले 21 जुलाई 2019 को पंकज बेक और उसके साथी इमरान को अंबिकापुर पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी. जहां रात को अंबिकापुर कोतवाली थाने के कुछ दूरी पर पंकज बेक की फांसी पर लटकी लाश मिली.

पंकज बेक सुसाइड केस

शरीर पर कई चोट के निशान मिले थे, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था और क्षेत्रवासी लगातार न्याय के लिए आंदोलन कर रहे थे. वहीं पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. ऐसे मे विभागीय जांच का जिम्मा सूरजपुर के एडिशनल एसपी को सौंपा गया. जहां गुरुवार को मृतक पंकज की पत्नी रानू बेक और मृतक के साथी इमरान को बयान के लिए बुलाया गया.

जहां पुलिस कस्टडी में हुई मौत के आरोपी और तत्कालीन प्रभारी भी वहां मौजूद थे. मृतक कि पत्नी रानू ने आरोप लगाया कि पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है और आरोपी थाना प्रभारी विनित दुबे के द्वारा ही पूछताछ की जा रही थी. पत्नी ने आरोप लगाया है कि बयान लेने के दौरान उसे धमकाने की कोशिश की गई.

मृतक की पत्नी ने की ये मांग

रानू बेक ने पुलिस अधीक्षक समेत शासन को पत्र लिखकर पूरे मामले में लिखित रूप से अपना बयान देने कि मांग की है और पूरे पुलिस विभाग की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस कस्टडी में हुई पंकज की मौत का मामला गरमाने लगा है.

पढ़ें-'PUBG' खेलने से घरवालों ने किया मना, तो नाबालिग ने कर ली खुदकुशी

'जांच में नहीं कोई गड़बड़ी'

मामले के जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीएस महिलाने ने बताया कि जांच में कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है. विभागीय जांच के अनुसार ही तत्कालीन थाना प्रभारी ने उनके सामने ही पीड़िता से बात की थी और पूछताछ की गई थी. किसी भी प्रकार से डराया धमकाया नहीं गया है.

सूरजपुर : जिले के सलका गांव के रहने वाले पंकज बेक ने पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस जांच पर परिजन फिर से सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, एक साल पहले 21 जुलाई 2019 को पंकज बेक और उसके साथी इमरान को अंबिकापुर पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी. जहां रात को अंबिकापुर कोतवाली थाने के कुछ दूरी पर पंकज बेक की फांसी पर लटकी लाश मिली.

पंकज बेक सुसाइड केस

शरीर पर कई चोट के निशान मिले थे, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था और क्षेत्रवासी लगातार न्याय के लिए आंदोलन कर रहे थे. वहीं पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. ऐसे मे विभागीय जांच का जिम्मा सूरजपुर के एडिशनल एसपी को सौंपा गया. जहां गुरुवार को मृतक पंकज की पत्नी रानू बेक और मृतक के साथी इमरान को बयान के लिए बुलाया गया.

जहां पुलिस कस्टडी में हुई मौत के आरोपी और तत्कालीन प्रभारी भी वहां मौजूद थे. मृतक कि पत्नी रानू ने आरोप लगाया कि पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है और आरोपी थाना प्रभारी विनित दुबे के द्वारा ही पूछताछ की जा रही थी. पत्नी ने आरोप लगाया है कि बयान लेने के दौरान उसे धमकाने की कोशिश की गई.

मृतक की पत्नी ने की ये मांग

रानू बेक ने पुलिस अधीक्षक समेत शासन को पत्र लिखकर पूरे मामले में लिखित रूप से अपना बयान देने कि मांग की है और पूरे पुलिस विभाग की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस कस्टडी में हुई पंकज की मौत का मामला गरमाने लगा है.

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'जांच में नहीं कोई गड़बड़ी'

मामले के जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीएस महिलाने ने बताया कि जांच में कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है. विभागीय जांच के अनुसार ही तत्कालीन थाना प्रभारी ने उनके सामने ही पीड़िता से बात की थी और पूछताछ की गई थी. किसी भी प्रकार से डराया धमकाया नहीं गया है.

Last Updated : Jul 18, 2020, 10:01 PM IST
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