सूरजपुर: सूबे के दूर-दराज वाले इलाके में अंधविश्वास का वायरस कैसे अपनी जड़े जमा चुका है, ये तस्वीरें चीख-चीखकर उसकी गवाही दे रही हैं. तस्वीरों में दिख रहा ओझा झाड़फूंक के जरिए सर्पदंश का इलाज कर रहा है.
इलाज का दावा करता है ओझा
उसका दावा है कि चाहे इंसान को कितने भी जहरीले सांप ने क्यों का डसा हो, उसके मंतर से सांप का जहर छू-मंतर हो जाएगा. कहना है कि उसे भी कई बार सांप डस चुका है, लेकिन उसका बाल भी बांका नहीं हुआ.
थाली से करता है इलाज !
मामला सूरजपुर के भैयाथान विकासखंड से कुछ ही दूरी पर मौजूद तरका गांव का है. यहां रहने वाला नरेंद्र नाम का ओझा सर्पदंश का गारंटेड इलाज करता है, हां, इसका तरीका वैज्ञानिक विधि से एकदम डिफरेंट है. ओझा न तो मरीज को स्नैक एंटीवेनम की कोई डोज देता है और न ही जहर को काटने के लिए न तो किसी जड़ी-बूटी का पाउडर खिलाता और न ही घोल पिलाता है. यह तो मरीज के शरीर पर थाली चिपकाकर सांप का जहर उतारने का दावा करता है. वहीं गांव वाले भी इस ओझा के खोखले दावों की गवाही देते नजर आ रहे हैं. सर्पदंश के शिकार मरीज को अगर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया, तो वह कितना खतरनाक हो सकता है यह आप डॉक्टर से ही सुन लीजिए.
दरअसल, दूर दराज वाले इलाकों में साक्षरता की कमी की वजह से लोग ऐसे ढोंगी बाबाओं के जाल में फंस जाते हैं और कई बार को इलाज में देरी होने की वजह से मरीज की जान पर बन आती है. प्रशासन को दूरदराज वाले इलाकों में जागरूकता पहुंचाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करानी चाहिए ताकि लोग ऐसे ढ़ोंगी बाबाओं के चंगुल में न फंसे.