सूरजपुर: आम को फलों का राजा कहा जाता है. आम की कई किस्में होती है. ये आम अपने स्वाद के कारण विदेशों में भी महंगी कीमत पर बिकता है.सूरजपुर के कमलपुर गांव में एक SECL के रिटायर्ड अधिकारी के घर लखटकिया मियाजाकी आम फला है. इस आम को लखटकिया इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये आम लाखों में बिकता है. इस आम की खेती खासकर जापान में होती है.
कई देसी और विदेशी किस्मों के आम की खेती: सूरजपुर जिले के कमलपुर गांव के राजेंद्र गुप्ता एसईसीएल से रिटायर्ड अधिकारी हैं. ये इन दिनों आम की खेती कर रहे हैं. इनके खेत में आम के कई किस्मों की खेती होती है. इनके बगीचे में 20 देसी और 18 विदेशी किस्में हैं. इन आमों को बेचकर राजेंद्र हर साल करीब 15 लाख रुपए की कमाई करते हैं.
बगीचे में कुल 4 मियाजाकी आम: राजेंद्र के खेत में कुल 4 मियाजाकी आम फला है. 270000 रुपए किलो की दर से ये आम बिकता है. यही कारण है कि लोग मियाजाकी आम को लखटकिया मियाजाकी आम कहते हैं.
"लोग रिटायरमेंट के बाद या तो घर में या फिर न्यूज पेपर पढ़ कर या इधर उधर टाइम पास करके जिंदगी बिताते हैं. ऐसे लोगों से मेरी गुजारिश है कि रिटायरमेंट के बाद हमें अगर स्वस्थ रहना है तो मेहनत करनी चाहिए. इससे आपका शरीर भी ठीक रहेगा और आर्थिक लाभ भी मिलेगा. मुझे बागवानी पसंद है. इसलिए मैने रिटायरमेंट के बाद खेती करने का फैसला लिया. मुझे हर माह इससे लाखों की कमाई होती है." - राजेंद्र गुप्ता
इन किस्मों की होती है खेती: राजेंद्र अपने बगीचे में लीची, अमरूद और अलग-अलग किस्म के फलों की खेती करते हैं. सरगुजा संभाग में स्थित ये गांव कमलपुर अमरुद के नाम पर फेमस है. सरगुजा संभाग में अमरूद की सप्लाई की जाती है. जिससे इनको प्रतिवर्ष 1500000 रुपए की कमाई होती है.
जानिए क्यों खास है मियाजाकी आम: मियाजाकी आम खास तौर पर जापान में उगाया जाता है. मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर ‘मियाजाकी’ के नाम पर रखा गया है. यहीं इस फल को मुख्य रूप से उगाया जाता है. इस एक आम का वजन लगभग 350 ग्राम होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे गुण पाए जाते हैं. इसमें शुगर 15 फीसद या फिर उससे भी अधिक होती है. इस आम की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा की जरूरत पड़ती है.