सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरूआत की है, जिसमें से एक है सुपोषण योजना. जिसके तहत राज्य में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए पोषण युक्त आहार दिया जा रहा है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल आबादी का लगभग 40% गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है. यही वजह थी कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही थी.
कार्यकर्ता और सहायिकाओं की पहल
दरअसल सूरजपुर जिले में वर्ष 2018-19 में लगभग 19,000 बच्चे कुपोषण के शिकार थे. जहां जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के सहयोग से बच्चों को समुचित आहार मुहैया कराया, जिससे बच्चे अब सुपोषित हो रहे हैं.
दिया जा रहा पोषण युक्त खान-पान
इस योजना के तहत बच्चों को खाने के साथ अंडा बांटा जा रहा है. और शाकाहारी बच्चों को गुड़ चिक्की दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर स्व सहायता समूह की ओर से मोरिंगा के पत्ते का पाउडर तैयार कर कुपोषित बच्चों को खिलाया जा रहा है.
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सुपोषण अनुदान पेटी का सहारा
इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण अनुदान आग्रह की पेटी भी रखी गई है. इस पेटी के जरिए लोगों को कुपोषण के प्रति जागरुक करने के साथ ही अनुदान भी दिया जाता है. अब तक इस पेटी से डेढ़ से दो लाख रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है.
1,226 बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं
पिछले एक साल में जिले में 19,868 कुपोषित बच्चों में से 1,226 बच्चे इससे मुक्त हो चुके हैं और शासन-प्रशासन निरंतर कुपोषण दूर करने की कोशिश में जुटा है.