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सूरजपुर: कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने का जो बीड़ा उठाया है, वो अब कारगार साबित हो रहा है. सरकार सुपोषण योजना के तहत बच्चों को खाने के साथ अंडा वितरित कर रही है.

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Published : Jan 18, 2020, 11:57 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 3:07 PM IST

Good initiative of Suposhan Abhiyan in Surajpur
कुपोषण से मुक्ति की ओर

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरूआत की है, जिसमें से एक है सुपोषण योजना. जिसके तहत राज्य में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए पोषण युक्त आहार दिया जा रहा है.

कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल आबादी का लगभग 40% गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है. यही वजह थी कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही थी.

Good initiative of Suposhan Abhiyan in Surajpur
सुपोषण में अनुदान पेटी का सहारा

कार्यकर्ता और सहायिकाओं की पहल

दरअसल सूरजपुर जिले में वर्ष 2018-19 में लगभग 19,000 बच्चे कुपोषण के शिकार थे. जहां जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के सहयोग से बच्चों को समुचित आहार मुहैया कराया, जिससे बच्चे अब सुपोषित हो रहे हैं.

दिया जा रहा पोषण युक्त खान-पान

इस योजना के तहत बच्चों को खाने के साथ अंडा बांटा जा रहा है. और शाकाहारी बच्चों को गुड़ चिक्की दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर स्व सहायता समूह की ओर से मोरिंगा के पत्ते का पाउडर तैयार कर कुपोषित बच्चों को खिलाया जा रहा है.

Good initiative of Suposhan Abhiyan in Surajpur
बच्चों के विकास में कार्यकर्ता और सहायिकायों की पहल

पढ़ें- इस गांव से कोसों दूर है विकास, नैया पार लगाने जनता को लुभा रहे प्रत्याशी

सुपोषण अनुदान पेटी का सहारा

इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण अनुदान आग्रह की पेटी भी रखी गई है. इस पेटी के जरिए लोगों को कुपोषण के प्रति जागरुक करने के साथ ही अनुदान भी दिया जाता है. अब तक इस पेटी से डेढ़ से दो लाख रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है.

1,226 बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं

पिछले एक साल में जिले में 19,868 कुपोषित बच्चों में से 1,226 बच्चे इससे मुक्त हो चुके हैं और शासन-प्रशासन निरंतर कुपोषण दूर करने की कोशिश में जुटा है.

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरूआत की है, जिसमें से एक है सुपोषण योजना. जिसके तहत राज्य में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए पोषण युक्त आहार दिया जा रहा है.

कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल आबादी का लगभग 40% गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है. यही वजह थी कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही थी.

Good initiative of Suposhan Abhiyan in Surajpur
सुपोषण में अनुदान पेटी का सहारा

कार्यकर्ता और सहायिकाओं की पहल

दरअसल सूरजपुर जिले में वर्ष 2018-19 में लगभग 19,000 बच्चे कुपोषण के शिकार थे. जहां जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के सहयोग से बच्चों को समुचित आहार मुहैया कराया, जिससे बच्चे अब सुपोषित हो रहे हैं.

दिया जा रहा पोषण युक्त खान-पान

इस योजना के तहत बच्चों को खाने के साथ अंडा बांटा जा रहा है. और शाकाहारी बच्चों को गुड़ चिक्की दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर स्व सहायता समूह की ओर से मोरिंगा के पत्ते का पाउडर तैयार कर कुपोषित बच्चों को खिलाया जा रहा है.

Good initiative of Suposhan Abhiyan in Surajpur
बच्चों के विकास में कार्यकर्ता और सहायिकायों की पहल

पढ़ें- इस गांव से कोसों दूर है विकास, नैया पार लगाने जनता को लुभा रहे प्रत्याशी

सुपोषण अनुदान पेटी का सहारा

इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण अनुदान आग्रह की पेटी भी रखी गई है. इस पेटी के जरिए लोगों को कुपोषण के प्रति जागरुक करने के साथ ही अनुदान भी दिया जाता है. अब तक इस पेटी से डेढ़ से दो लाख रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है.

1,226 बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं

पिछले एक साल में जिले में 19,868 कुपोषित बच्चों में से 1,226 बच्चे इससे मुक्त हो चुके हैं और शासन-प्रशासन निरंतर कुपोषण दूर करने की कोशिश में जुटा है.

Intro:शासन के द्वारा कुपोषण दूर करने के लिए कई योजनाएं संचालित हैं ऐसे में सूरजपुर जिले में पिछले 1 साल में जिला प्रशासन की मेहनत अब रंग ला रही है जहां कुपोषित बच्चे अब पोषित हो रहे हैं


Body:दरअसल सूरजपुर जिले में वर्ष 2018 19 में लगभग 19000 बच्चे कुपोषण के शिकार थे जहां जिला प्रशासन ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सूचित करने का जिम्मा सौंपा था और बच्चों को समुचित आहार के साथ कई प्रकार के आहार और देख रेख के बाद जहां सिसवा गांव सहित कई और गांव आज पूरी तरह से पोषित हो रहे हैं

बाईट - इंद्रावती,,,, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
बाईट - केसर भाई ,,,,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
बाईट - दीपक सोनी ,,,,कलेक्टर सूरजपुर

एक और स्व सहायता समूह के द्वारा मोरिंगा के पत्ते के पाउडर तैयार कर कुपोषित बच्चों को खिलाया जा रहा है जिस दिन के लिए लाभकारी आहार है वहीं पिछले 1 साल में 19000 कुपोषित बच्चों में से 1200 बच्चे घोषित हो चुके हैं जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका जिला प्रशासन की मदद से कुपोषण मुक्त जिला बनाने के प्रयास कर रहे हैं

बाईट - दीपक सोनी,,,, कलेक्टर सूरजपुर
बाईट - दीपक सोनी ,,,,कलेक्टर सूरजपुर
बाईट - राजकुमारी देवी ,,,,परिजन
बाईट - पार्वती देवी ,,,,परिजन


Conclusion:बरहाल कुपोषण के श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए जिला प्रशासन और आंगनबाड़ी के सदस्यों की कोशिश अब सूरजपुर जिले में रंग लाती नजर आ रही है देखने वाली बात होगी कि कब तक सूरजपुर जिला कुपोषण मुक्त होता है
Last Updated : Jan 19, 2020, 3:07 PM IST
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