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सूरजपुर: अव्यवस्थाओं के बीच गोधन न्याय योजना की शुरुआत - पंचायतों में गौठान

सूरजपुर के कृष्णपुर में अव्यवस्थाओं के बीच गोधन न्याय योजना का आगाज हुआ, इस दौरान बारिश ने प्रशासनिक अव्यवस्था की पोल खोलकर रख दी.

management in godhan nyay scheme at surajpur
व्यवस्थाओं का अभाव
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Published : Jul 20, 2020, 5:50 PM IST

सूरजपुर: आज से छत्तीसगढ़ में धूमधाम से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है. इस मौके पर प्रदेश के ग्रामीण और इलाकों में तमाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे, इस बीच सूरजपुर में कार्यक्रम की तैयारियों की बारिश ने पोल खोल कर दी. बारिश के दौरान कार्यक्रम में शामिल आम से लेकर खास सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ाई. कई लोग ने बारिश के बचने के लिए अपने सिर पर कुर्सी उठा रखी थी. जबकि इसे लेकर कई दिनों से कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी.

अव्यवस्थाओं के बीच गोधन न्याय योजना की शुरुआत

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव भी पहुंची थी. मुख्य अतिथि के आने के साथ ही जिले में बारिश शुरू हो गई और देखते ही देखते कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. लोग बारिश के कारण सोशल डिस्टेंस भी भूल गए और बारिश से बचने के लिए कुर्सियों को सिर पर रख लिया.

पढ़ें : VIDEO: मुख्यमंत्री ने मनाई हरेली, गेड़ी चढ़कर, लट्टू नचाकर दी शुभकामनाएं

इतना ही नहीं मौके पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का पोस्टर भी जमीन पर गिरा मिला. बहरहाल शासन की गोधन न्याय योजना का जिले में शुरुआत तो हो गई है. हरेली लोकपर्व के मौके पर प्रदेश के सभी जिलों के गौठानों में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुबह हरेली पूजा के साथ गोधन न्याय योजना की सौगात प्रदेश को दी. योजना की शुरुआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, संसदीय सचिव, विधायक, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए.

क्या है गोधन न्याय योजना?

'गोधन न्याय योजना' छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की प्रदेश सरकार की एक नई योजना है. भूपेश बघेल सरकार इसकी शुरुआत 20 जुलाई को हरेली पर्व से कर रही है. इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे. इससे गांव में लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिल सकेगा. इस योजना से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 2 हजार 408 और शहरी क्षेत्रों के 377 गौठानों में गोबर की खरीदी शुरू की जा रही है. इसके साथ ही योजना के तहत धीरे-धीरे सभी 11 हजार 630 ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण पूरा कर गोबर खरीदी शुरू की जाएगी.

सूरजपुर: आज से छत्तीसगढ़ में धूमधाम से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है. इस मौके पर प्रदेश के ग्रामीण और इलाकों में तमाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे, इस बीच सूरजपुर में कार्यक्रम की तैयारियों की बारिश ने पोल खोल कर दी. बारिश के दौरान कार्यक्रम में शामिल आम से लेकर खास सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ाई. कई लोग ने बारिश के बचने के लिए अपने सिर पर कुर्सी उठा रखी थी. जबकि इसे लेकर कई दिनों से कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी.

अव्यवस्थाओं के बीच गोधन न्याय योजना की शुरुआत

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव भी पहुंची थी. मुख्य अतिथि के आने के साथ ही जिले में बारिश शुरू हो गई और देखते ही देखते कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. लोग बारिश के कारण सोशल डिस्टेंस भी भूल गए और बारिश से बचने के लिए कुर्सियों को सिर पर रख लिया.

पढ़ें : VIDEO: मुख्यमंत्री ने मनाई हरेली, गेड़ी चढ़कर, लट्टू नचाकर दी शुभकामनाएं

इतना ही नहीं मौके पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का पोस्टर भी जमीन पर गिरा मिला. बहरहाल शासन की गोधन न्याय योजना का जिले में शुरुआत तो हो गई है. हरेली लोकपर्व के मौके पर प्रदेश के सभी जिलों के गौठानों में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुबह हरेली पूजा के साथ गोधन न्याय योजना की सौगात प्रदेश को दी. योजना की शुरुआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, संसदीय सचिव, विधायक, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए.

क्या है गोधन न्याय योजना?

'गोधन न्याय योजना' छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की प्रदेश सरकार की एक नई योजना है. भूपेश बघेल सरकार इसकी शुरुआत 20 जुलाई को हरेली पर्व से कर रही है. इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे. इससे गांव में लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिल सकेगा. इस योजना से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 2 हजार 408 और शहरी क्षेत्रों के 377 गौठानों में गोबर की खरीदी शुरू की जा रही है. इसके साथ ही योजना के तहत धीरे-धीरे सभी 11 हजार 630 ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण पूरा कर गोबर खरीदी शुरू की जाएगी.

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