सूरजपुर: ओडगी के कूदरगढ़ धाम के घने जंगल के बीच विराजी हैं माता बागेश्वरी देवी. जिन्हें लोग शक्तिपीठ के नाम से भी जानते हैं, जो लगभग 1500 फीट ऊचे पहाड़ पर विराजमान हैं. बताया जाता है कि कुदरगढ़ मां भगवती पार्वती की तपस्थली है, जहां से माता ने अनेक राक्षसों का अनेक रूप धारण कर संहार किया था.
नवरात्र पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता की पूर्जा-अर्चना कर अपनी मनोकामना के लिए मन्नत मांगते हैं और 9 दिनों तक मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना कर ज्योति जलाते हैं.
इस धाम में आदिकाल से माता बागेश्वरी देवी को बकरे की बलि देने की परंपरा चलते चली आ रही है. उस दौरान घंटा, जयकारों की गूंज से श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं. वहीं विशाल मेला भी लगता है, जो दो महीने तक लगता है और तरह-तरह की आकर्षक दुकानों के स्टॉल लगाए जाते हैं.
माता के धाम में ऐसी मान्यता है कि जो सच्ची श्रद्धा और आस्था से आता है, उसकी मनोकमना जरूर पूरी होती है. मां कुदरगढ़ी दरबार में चारों तरफ वट के वृक्ष हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर कुदरगढ लोक न्यास समिति, मेला समिति और प्रशासन का अमला लगा रहता है. जगह-जगह समाजसेवी संस्थाओं और अन्य धर्मप्रेमी बंधुओं की ओर से भंडारा, भजन-किर्तन के साथ ठहरने आदि की व्यवस्था की जाती है.