सूरजपुर: आज के आधुनिक समय में अंग्रेजी भाषा सबके लिए बेहद जरूरी बन गई है. ऐसे में सूरजपुर जिले के एक छोटे से गांव की हिंदी मीडियम की छात्रा ने बिना किसी कोचिंग और बिना किसी सहायता के इंग्लिश बोलना सीखा. अब वो स्थानीय ग्रामीणों के साथ देश ही नहीं बल्कि विदेशी बच्चों को भी इंग्लिश की कोचिंग करा रही (Girl from small village in Surajpur is teaching English to foreign children ) है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं सूरजपुर के छोटे से गांव गणेशपुर की आंचल यादव की. आंचल सूरजपुर जिले के एक छोटे से गांव की हिंदी मीडियम की छात्रा है. आंचल ने बिना किसी कोचिंग और बिना किसी सहायता के इंग्लिश बोलना सीखा. अब आंचल गांव ही नहीं बल्कि देश और विदेशों के बच्चों को अंग्रेजी सीखा रही (Surajpur Girl teaching English to foreign children) है.
विदेशी बच्चों को सीखा रही अंग्रेजी: सूरजपुर जिले का एक छोटा सा गांव गणेशपुर, जहां लोग अच्छे से हिंदी भी नहीं बोल पाते हैं. यहां के एक गरीब किसान की लड़की आंचल यादव, जो कि खुद बीए सेकंड ईयर की छात्रा है. यहां के ग्रामीणों को अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखा रही है. आंचल गांव के ग्रामीणों के साथ ही देश के 15 राज्यों के छात्रों को अंग्रेजी सीखा रही है. आंचल यादव के अनुसार हिंदी मीडियम की छात्रा होने की वजह से वह इंग्लिश में वह काफी कमजोर थी. जिसकी वजह से वो टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं कर पा रही थी.
आर्थिक तंगी के कारण नहीं सीख पाई इंग्लिश: आंचल इंग्लिश की कोचिंग करना चाह रही थी लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से यह उसके लिए संभव नहीं था. जिसके बाद उसने यूट्यूब से इंग्लिश की कोचिंग शुरु की और आज वह धाराप्रवाह इंग्लिश बोल और लिख पा रही है. खुद इंग्लिश सीखने के बाद उसने अपने गांव के लोगों को भी कोचिंग देना शुरू किया और अपना एक इंग्लिश कोचिंग का यूट्यूब चैनल शुरू किया. उसके इस यूट्यूब चैनल से लोग लगातार जुड़ने लगे और आज स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, राजस्थान के साथ 15 राज्यों के लोगों को आज यह कोचिंग दे रही है. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, दुबई सहित 4 देशों के छात्रों को भी इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करा रही है.
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गांव के बच्चे भी बोल रहे फर्राटेदार अंग्रेजी: आंचल यादव की सफलता से उसके परिवार सहित स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं. वे चाहते हैं कि इस छोटे से गांव की लड़की देश और दुनिया में अपने परिवार के साथ ही अपने क्षेत्रों का भी नाम रौशन करें. आंचल के कारण अब ग्रामीण बच्चे भी धाराप्रवाह इंग्लिश बोल रहे हैं, जो उनके भविष्य के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है.