रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत में धान खरीदी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. फिर से एक बार राज्य सरकार ने धान खरीदी के तारीख की घोषणा कर दी है. जिसको लेकर विपक्ष हमलावर है. सत्ता और विपक्ष में बयानबाजी का दौर चल रहा है. लेकिन धान खरीदी की तारीख की घोषणा के बाद किसान खरीदी का इंतजार कर रहा है.
धान खरीदी की घोषणा बाद भी किसानों में क्यों है मायूसी?
किसानों के मुताबिक राज्य को धान खरीदी नवंबर में ही शुरू कर देना चाहिए था. क्योंकि खेत में लगे पूरे की कटाई हो चुकी है और देर से खरीदी की वजह से धान को नुकसान हो रहा है. जिसकी वजह से किसानों की समस्या बढ़ गई है. किसानों के पास ध्यान न रखने की जगह की वजह से कटा हुआ धान खेतों में ही पड़ा है. जहां एक और चूहे और जानवर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं बेमौसम बारिश की संभावना से किसान चिंतित हैं.
किसानों रात रातभर करनी पड़ रही है रखवाली
साथ ही धान के खुले खेतों में पड़े रहने से उन्हें रातभर जगकर उसकी रखवाली करनी पड़ रही है और खुले आसमान के नीचे धान रखने की वजह से वह सुख रहा है. जिसके वजह से धान का वजन भी कम हो रहा है. इसलिए किसान लगातार राज्य सरकार से गुहार लगा रहे है कि धान खरीदी घोषित तारीख से पहले शुरू कर दें.