सूरजपुर: मौसम की मार के कारण किसान हर साल फसलों को लेकर चिंतित नजर आते थे. इस साल छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हुई है, लेकिन यूरिया और खाद की कालाबाजारी ने किसानों के माथे पर सिकन ला दी है. कृषि बाहुल्य सूरजपुर जिले में किसानों के लिए फसलों की उचित देखभाल अब चुनौती बनती जा रही है.
दरअसल, जिले में धान के बुआई के बाद अब जब यूरिया खाद की जरूरत पड़ रही है तो सहकारी समितियों में यूरिया और खाद की कमी बताई जा रही है. वहीं कुछ समितियों और निजि दुकान में खाद के दर से दुगने दामों पर बेचे जा रहे हैं. लिहाजा, आर्थिक रूप से मजबूत किसान तो किसी भी दर पर खाद खरीद ले रहे हैं, लेकिन गरीब किसान अब अपनी फसलों को बचाने के लिए शासन-प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं. स्थानीय किसान खाद के कालाबाजारी में प्रशासनिक मिलिभगत का भी आरोप लगा रहे हैं.
सहकारी समितियों में यूरिया और खाद के लिए किसानों को लंबी लाइन लगानी पड़ रही है. उन्हें यूरिया के लिए तीन-तीन दिनों तक का इंतजार करना पड़ रहा है. जब खाद खत्म होने की जानकारी किसानों को लगी तो उन्होंने खुद ही खाद की कालाबाजारी रोकने दलालो की धड़पकड़ शुरू कर दी. जहां प्रतापपुर में दो पिकअप यूरिया को किसानों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
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किसानों ने खोला मोर्चा
आक्रोशित किसानों के हल्ला बोल के बाद पिछले दो दिनो में जिला प्रशासन की टीम ने कई ब्लॉकों में छापामार कार्रवाई शुरू की है. अबतक 597 बोरी यूरिया जब्त किया जा चुका है. वहीं गिरवरगंज कृषि सेवा केन्द्र को सील कर दिया गया है. जिला प्रशासन अब अवैध खाद भंडारण पर अकुंश लगाने का दावा कर रहा है.
आंदोलन की दी थी चेतावनी
बहरहाल, यूरिया की कालाबाजारी और फसलों के नुकसान की आशंका से किसान गुस्से में थे, उन्होंने आंदोलन की तैयारी भी कर ली थी. प्रशासन की कार्रवाई के बाद किसानों को कुछ राहत मिली है.