सूरजपुर: एक महिला के निधन के बाद उसके परिजन ने समाज सेवा की मिसाल पेश की है. सूरजपुर की एक महिला ने 'नेत्र दान महा दान' पंक्ति को सार्थक करते हुए समाज को एक नई दिशा दी है. महिला की आखिरी इच्छा थी कि वे अपना नेत्र किसी को दान कर दे, जिसे उसके परिजनों ने उसकी मौत के बाद साकार किया है.
दरअसल, पुष्पा ने अपनी मौत से पहले नेत्र दान की इच्छा जताई थी, जिसे उसके परिजनों ने पूरा कर दिया है. पुष्पा बीते कई साल से हार्ट की बीमारी से परेशान थी. बीते कुछ दिनों पहले उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद पुष्पा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां बीते रविवार को उसने अंतिम सांस ली. उसके बाद उसके परिजनों ने पुष्पा की आंख को दान कर दिया.
जिले में दूसरा मामला
बीजेपी कार्यकर्ता ने बताया कि यह जिले का दूसरा नेत्रदान है. उन्होंने कहा कि, हमें और लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है. ताकि लोग नेत्रदान कर सकें और इस दुनिया में जितने लोग नेत्रहीन हैं उनकी आंखों की ज्योति वापस आ सके. उन्होंने कहा कि यह सूरजपुर के लिए गौरव की बात है कि एक महिला ने नेत्र का फैसला लिया. महिला का ये फैसला समाज और नई पीढ़ी के लिए एक मिसाल है.