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सूरजपुर के प्रतापपुर में हाथियों ने जमाया डेरा, आसपास के गांवों के लोग परेशान

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Published : Apr 21, 2021, 5:38 PM IST

सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र (Pratappur Forest Range) में बीते एक महीने से 12 से ज्यादा हाथी उत्पात मचा रहे हैं. हाथियों का दल शाम होते ही खाने की तलाश में गांवों में घुस जाते हैं, जिससे गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना है. हाथियों ने गांव में सैकड़ों एकड़ फसल को भी रौंद दिया है.

File Image
फाइल फोटो

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में एक महीने से 12 से ज्यादा हाथियों का दल जमकर उत्पात मचा रहा है. हाथियों के डर से दर्जभर से अधिक गांवों के ग्रामीण खौफ के साये में जी रहे हैं. हाथी शाम ढलते ही भोजन-पानी की तलाश में गांव का रुख कर रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों के में दहशत का माहौल है. वन अमला भी लाचार नजर आ रहा है.

ओड़गी वन परीक्षेत्र में 10 हाथियों ने डाला डेरा

दल में 12 से ज्यादा हाथी है. इसमें 10 हाथी ओड़गी वन परीक्षेत्र (Odgi Forest Range) के कुदरगढ़ जंगल का रुख कर चुके हैं. 4 हाथी अब भी धरमपुर बगड़ा समेत दर्जनों गांवों में शाम ढलते ही भोजन की तलाश में पहुंच जाते हैं. जिले के डीएफओ डीपी साहू ने बताया कि हाथियों को जंगलों तक सीमित रखने के लिए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन हाथियों का प्रमुख भोजन गन्ना और महुआ फल होने के कारण हाथी गांवों का रुख कर लेते हैं. हाथियों पर निगरानी रख ग्रामीणों को मुनादी कर सतर्क किया जाता है.

SPECIAL: नहीं थम रहा हाथियों और मानव के बीच का द्वंद, वन विभाग के पास नहीं है कोई उपाय

पिछले महीने दो लोगों को कुचलकर मार दिया था

सूरजपुर जिले का प्रतापपुर वन परिक्षेत्र इलाका पिछले डेढ़ दशक से हाथियों के लिए रहवास का क्षेत्र बना हुआ है. हाथियों और मनुष्य के बीच की संघर्ष की खबरें रोज आती है. धरमपुर इलाके में पिछले महीने हाथियों ने दो लोगों को कुचलकर मार दिया था. वन विभाग की टीम हाथियों को गांव से दूर खदेड़ने में जुटी हुई है. साथ ही ग्रामीणों को हाथियों के करीब न जाने की हिदायत भी दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में तेज आंधी के साथ हो सकती है बारिश

करंजवार के जंगल में मिला था हाथी का शव

अगस्त 2020 में प्रतापपुर परिक्षेत्र मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर करंजवार के जंगल में हाथी का शव मिला था. प्यारे हाथी सहित कुल 4 हाथी धरमपुर, टुकुडांड़ और प्रतापपुर सर्किल में विचरण कर रहे थे. इनमें से दो हाथी के रात 8 बजे के आसपास प्रतापपुर-अम्बिकापुर मुख्यमार्ग में चिटकाबहरा के समीप मुख्य मार्ग को पार कर दलदली क्षेत्र में जाने की जानकारी मिली थी. सुबह इन्हीं हाथी में से एक हाथी का शव परिक्षेत्र मुख्यालय से तीन किमी दूर करंजवार के जंगल में मिला था.

नवंबर में ओड़गी ब्लॉक में पहुंच गये थे 50 हाथी

नवंबर 2020 महीने में ओड़गी ब्लॉक में 50 हाथियों का दल पहुंच गया था. हाथियों ने किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया था. ओड़गी ब्लॉक में हाथियों का विचरण काफी कम होता है, लेकिन लंबे समय बाद ओड़गी ब्लॉक के मयूर धक्की के जंगलों में हाथियों ने अपना डेरा जमाया था. काफी दिन बाद ओड़गी ब्लॉक से हाथियों का दल हटा था.

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में एक महीने से 12 से ज्यादा हाथियों का दल जमकर उत्पात मचा रहा है. हाथियों के डर से दर्जभर से अधिक गांवों के ग्रामीण खौफ के साये में जी रहे हैं. हाथी शाम ढलते ही भोजन-पानी की तलाश में गांव का रुख कर रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों के में दहशत का माहौल है. वन अमला भी लाचार नजर आ रहा है.

ओड़गी वन परीक्षेत्र में 10 हाथियों ने डाला डेरा

दल में 12 से ज्यादा हाथी है. इसमें 10 हाथी ओड़गी वन परीक्षेत्र (Odgi Forest Range) के कुदरगढ़ जंगल का रुख कर चुके हैं. 4 हाथी अब भी धरमपुर बगड़ा समेत दर्जनों गांवों में शाम ढलते ही भोजन की तलाश में पहुंच जाते हैं. जिले के डीएफओ डीपी साहू ने बताया कि हाथियों को जंगलों तक सीमित रखने के लिए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन हाथियों का प्रमुख भोजन गन्ना और महुआ फल होने के कारण हाथी गांवों का रुख कर लेते हैं. हाथियों पर निगरानी रख ग्रामीणों को मुनादी कर सतर्क किया जाता है.

SPECIAL: नहीं थम रहा हाथियों और मानव के बीच का द्वंद, वन विभाग के पास नहीं है कोई उपाय

पिछले महीने दो लोगों को कुचलकर मार दिया था

सूरजपुर जिले का प्रतापपुर वन परिक्षेत्र इलाका पिछले डेढ़ दशक से हाथियों के लिए रहवास का क्षेत्र बना हुआ है. हाथियों और मनुष्य के बीच की संघर्ष की खबरें रोज आती है. धरमपुर इलाके में पिछले महीने हाथियों ने दो लोगों को कुचलकर मार दिया था. वन विभाग की टीम हाथियों को गांव से दूर खदेड़ने में जुटी हुई है. साथ ही ग्रामीणों को हाथियों के करीब न जाने की हिदायत भी दे रहे हैं.

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करंजवार के जंगल में मिला था हाथी का शव

अगस्त 2020 में प्रतापपुर परिक्षेत्र मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर करंजवार के जंगल में हाथी का शव मिला था. प्यारे हाथी सहित कुल 4 हाथी धरमपुर, टुकुडांड़ और प्रतापपुर सर्किल में विचरण कर रहे थे. इनमें से दो हाथी के रात 8 बजे के आसपास प्रतापपुर-अम्बिकापुर मुख्यमार्ग में चिटकाबहरा के समीप मुख्य मार्ग को पार कर दलदली क्षेत्र में जाने की जानकारी मिली थी. सुबह इन्हीं हाथी में से एक हाथी का शव परिक्षेत्र मुख्यालय से तीन किमी दूर करंजवार के जंगल में मिला था.

नवंबर में ओड़गी ब्लॉक में पहुंच गये थे 50 हाथी

नवंबर 2020 महीने में ओड़गी ब्लॉक में 50 हाथियों का दल पहुंच गया था. हाथियों ने किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया था. ओड़गी ब्लॉक में हाथियों का विचरण काफी कम होता है, लेकिन लंबे समय बाद ओड़गी ब्लॉक के मयूर धक्की के जंगलों में हाथियों ने अपना डेरा जमाया था. काफी दिन बाद ओड़गी ब्लॉक से हाथियों का दल हटा था.

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