सूरजपुर: जिले के भटगांव विधानसभा क्षेत्र के भैयाथान ब्लॉक का गांव सत्यनगर आजादी के 70 साल बाद भी उपेक्षा का शिकार है. गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव हैं. जिसके लिये गांववालों ने विधायकों और सांसदों को जिम्मेदार ठहराते हुए मतदान का बहिष्कार कर दिया है. ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार के ऐलान से प्रशासन सकते में आ गया है.
मतदान बहिष्कार करने की क्या है वजह? : दुर्गम जंगलों से घिरे सत्यनगर गांव के मतदाताओं ने चुनाव आते ही बैठक आयोजित की थी. बैठक में उन्होंने गांव का विकास न हो पाने के लिए सीधे तौर पर निर्वाचित विधायकों और सांसदों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले कई सालों से पुल और सड़क बनाने की मांग की थी, जिस पर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया. इससे नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है.
"ग्राम पंचायत सत्यनगर सड़क और पुल न बनने से लोगों को 25 से 30 किमी दूर राशन लेने पैदल जाना पड़ता है. बारीश के दिनों में हमारे अलावा स्कूली बच्चों को भी स्कूल जाने में परेशानी होती है. कई दिन तो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. जिसकी वजह से ज्यादातर बच्चे अशिक्षित रह जाते हैं." - ग्रामीण, सत्यनगर गांव
जनपद सदस्य ने भी ग्रामीणों का किया समर्थन: भैयाथान ब्लॉक के जनपद सदस्य अभय प्रताप सिंह ने बताया कि स्कूल और पुलिया का टीका पीडब्ल्यूडी द्वारा कर दिया गया है. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण अभी तक यह पुल-पुलिया नहीं बन पाया है. जिससे ग्रामीणों में इसे लेकर काफी नाराजगी है. हम जनप्रतिनिधि भी इन ग्रामीणों के साथ खड़े हैं.
लगभग 300 मतदाताओं वाले इस गांव से विकास कोसों दीर है. ग्रामीणों ने "सड़क और पुल नहीं, तो मतदान नहीं" का नारा बुलंद कर दिया है. ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने पत्र के सूरजपुर जिला प्रशासन को भी दी है.