ETV Bharat / state

Lightning in Surajpur: सूरजपुर में साप्ताहिक बाजार में गिरी बिजली, दो युवकों की मौत

Death due to lightning in Surajpur: सूरजपुर के खजूरी गांव में लगे साप्ताहिक बाजार में खरीदारी करने बलरामपुर के टोनी गांव के लोग पहुंचे. इस दौरान तेज बारिश के साथ ही वज्रपात भी होने लगा. बारिश से बचने कुछ लोगों ने एक दुकान की शेड का सहारा लिया. जिस पर तेज आवाज के साथ बिजली गिरी. जिसमें दो युवकों की मौत हो गई.

Death due to lightning in Surajpur
खजूरी गांव में आकाशीय बिजली
author img

By

Published : Sep 20, 2022, 9:32 AM IST

Updated : Sep 20, 2022, 1:11 PM IST

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों को मौत हो गई. तीन घायल है. जिनका प्रतापपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों युवक साप्ताहिक बाजार आए थे. इसी दौरान बिजली उन पर गिरी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. Death due to lightning in Surajpur

खजूरी गांव में आकाशीय बिजली से मौत

साप्ताहिक बाजार में गिरी बिजली: बलरामपुर जिले के टोनी गांव निवासी संजय यादव और नंदलाल पैकरा सोमवार देर शाम प्रतापपुर के खजूरी गांव के साप्ताहिक बाजार गए थे. इसी दौरान बारिश होने लगी. बारिश से बचने के लिए दोनों दुकान की शेड के नीचे चले गए. जहां कई और लोग मौजूद थे. इसी दौरान आकाशीय बिजली दुकान पर गिर गई. जिसमें बलरामपुर निवासी दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. तीन घायलों को प्रतापपुर अस्पतला लाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है. Lightning in Khajuri village

क्या है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच टक्कर यानी घर्षण होने या जल चक्र की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले बादलों के टकराने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलता है, जिससे ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. धरती पर यह केवल 0.02 सेकेंड में पहुंचती है. इस दौरान ध्वनि से ज्यादा प्रकाश की गति तेज होने के कारण चमक पहले दिखाई देती है और कड़कने का आवाज बाद में सुनाई देती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

भाठागांव में सड़क हादसा, समाज कल्याण विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर के पति की मौत

'दामिनी' एप से मिलती है आकाशीय बिजली की चेतावनी: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) पुणे ने 'दामिनी' नाम का एप डेवलप किया है. जिसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. जिससे समय रहते जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है. वहीं किसानों के लिए मेघदूत एप भी बनाया गया है, जिससे किसानों को 5 दिनों के मौसम की जानकारी मिल जाती है.

आकाशीय बिजली से बचाव के तरीके: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आकाशीय बिजली जिसे गाज भी कहा जाता है, उससे बचने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान या खुले में काम करने वाले लोग आते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान या उससे पहले थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए, तो उससे बचा जा सकता है.

बारिश के मौसम में बरतें सावधानी

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो, तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभों के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • खेत में यदि कोई हो तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए.
  • लोहे समेत धातु से बने सामान, साइकिल, ऊंची बिल्डिंग से दूर रहना चाहिए.

प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर


इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल हैं.


पीड़ित को ले जाएं अस्पताल: अक्सर ग्रामीण इलाकों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने पर परंपरागत तरीके से इलाज करने की कोशिश की जाती है, जैसे गोबर में डुबा देना या गड्ढे में कमर से ऊपर तक गाड़ देना, लेकिन इससे मामला और बिगड़ जाता है. डॉक्टरों की मानें तो आकाशीय बिजली की चपेट में आने पर बिना देर किए तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए.

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों को मौत हो गई. तीन घायल है. जिनका प्रतापपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों युवक साप्ताहिक बाजार आए थे. इसी दौरान बिजली उन पर गिरी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. Death due to lightning in Surajpur

खजूरी गांव में आकाशीय बिजली से मौत

साप्ताहिक बाजार में गिरी बिजली: बलरामपुर जिले के टोनी गांव निवासी संजय यादव और नंदलाल पैकरा सोमवार देर शाम प्रतापपुर के खजूरी गांव के साप्ताहिक बाजार गए थे. इसी दौरान बारिश होने लगी. बारिश से बचने के लिए दोनों दुकान की शेड के नीचे चले गए. जहां कई और लोग मौजूद थे. इसी दौरान आकाशीय बिजली दुकान पर गिर गई. जिसमें बलरामपुर निवासी दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. तीन घायलों को प्रतापपुर अस्पतला लाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है. Lightning in Khajuri village

क्या है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच टक्कर यानी घर्षण होने या जल चक्र की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले बादलों के टकराने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलता है, जिससे ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. धरती पर यह केवल 0.02 सेकेंड में पहुंचती है. इस दौरान ध्वनि से ज्यादा प्रकाश की गति तेज होने के कारण चमक पहले दिखाई देती है और कड़कने का आवाज बाद में सुनाई देती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

भाठागांव में सड़क हादसा, समाज कल्याण विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर के पति की मौत

'दामिनी' एप से मिलती है आकाशीय बिजली की चेतावनी: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) पुणे ने 'दामिनी' नाम का एप डेवलप किया है. जिसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. जिससे समय रहते जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है. वहीं किसानों के लिए मेघदूत एप भी बनाया गया है, जिससे किसानों को 5 दिनों के मौसम की जानकारी मिल जाती है.

आकाशीय बिजली से बचाव के तरीके: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आकाशीय बिजली जिसे गाज भी कहा जाता है, उससे बचने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान या खुले में काम करने वाले लोग आते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान या उससे पहले थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए, तो उससे बचा जा सकता है.

बारिश के मौसम में बरतें सावधानी

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो, तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभों के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • खेत में यदि कोई हो तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए.
  • लोहे समेत धातु से बने सामान, साइकिल, ऊंची बिल्डिंग से दूर रहना चाहिए.

प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर


इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल हैं.


पीड़ित को ले जाएं अस्पताल: अक्सर ग्रामीण इलाकों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने पर परंपरागत तरीके से इलाज करने की कोशिश की जाती है, जैसे गोबर में डुबा देना या गड्ढे में कमर से ऊपर तक गाड़ देना, लेकिन इससे मामला और बिगड़ जाता है. डॉक्टरों की मानें तो आकाशीय बिजली की चपेट में आने पर बिना देर किए तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए.

Last Updated : Sep 20, 2022, 1:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.