ETV Bharat / state

कुदरगढ़ धाम: माता के मंदिर में भूख से तड़प रहे थे बंदर, दो महीने से पेट भर रहा है पुलिसवाला

सूरजपुर में एक ऐसा कॉन्स्टेबल जो लॉकडाउन से अब तक बंदरों का पेट भर रहा है. कॉन्स्टेबल राजेश पटेल कहते हैं कि हर दिन बंदरों को खाना खिलाने का ये क्रम करीब दो महीने से जारी है. हर दिन एक बोरा मुर्रा बंदरों को वे बांटते हैं. राजेश कहते हैं कि ये करके उन्हें बहुत सुकून मिला है.

Constable Rajesh Patel feeding monkey
बंदरों को खाना खिला रहा पुलिसवाला
author img

By

Published : Jun 9, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 8:08 PM IST

सूरजपुर: कोरोना महामारी के कारण सभी मंदिर बंद हैं. पहले श्रद्धालु आते थे, तो चढ़ावे से पुजारियों का घर चलता था और प्रसाद वहां रहने वाले बंदर-गाय खाते थे. लेकिन कोरोना की वजह से देवालयों के पट भक्तों के लिए बंद हैं. ऐसे में मंदिरों में रहने वाले जानवर भूख से परेशान हैं. जिले के कुंदरगढ़ धाम में भी यही स्थिति है. यहां सैकड़ों बंदरों का आना-जाना है. भूख से परेशान, चिल्लाते बंदर जब कुंदरगढ़ चौकी में पदस्थ कॉन्स्टेबल राजेश पटेल से नहीं देखे गए तो उन्होंने उनका पेट भरने का फैसला लिया.

बंदरों को खाना खिला रहा पुलिसवाला

ये बंदर कॉन्स्टेबल राजेश पटेल की आवाज सुनकर दौड़े चले आते हैं. राजेश पटेल रोजाना मंदिर जाते हैं और आवाज लगाते हैं. उनकी आवाज सुनते ही बंदर दौड़ कर आते हैं और लाया हुआ सामान खाने लगते हैं. राजेश पटेल कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान दर्शनार्थियों का आना-जाना बंद हो गया. मंदिर में करीब 500 बंदर हैं. छोटे-छोटे बच्चे भूख से तड़प रहे थे. रात भर बंदर रोते थे, तो देखा नहीं गया. पहले उन्होंने मुर्रा खिलाना शुरू किया फिर तरबूज और टमाटर लेकर जाने लगे.'

Constable Rajesh Patel feeding monkey
टमाटर खाते हुए बंदर

पढ़ें- ऐसा क्या है कोंडागांव के इस गांव में कि कभी नहीं खुलता पंचायत भवन का ताला

करीब दो महीने से भर रहे हैं मंदिरों का पेट

कॉन्स्टेबल राजेश पटेल कहते हैं कि हर दिन बंदरों को खाना खिलाने का ये क्रम करीब दो महीने से जारी है. हर दिन एक बोरा मुर्रा बंदरों को वे बांटते हैं. राजेश पटेल कहते हैं कि जब वे नहीं जा पाते को किसी के जरिए बंदरों को खाना खिलवाते हैं. धीरे-धीरे पुलिस अफसरों ने भी राजेश की मदद करनी शुरू की. अब तक तीन हजार रुपए अधिकारी दे चुके हैं.

Constable Rajesh Patel feeding monkey
मंदिर परिसर में आते बंदर

लॉकडाउन ने किया जीना मुहाल

राजेश कहते हैं बंदरों का रोना बंद हो गया. जिन बंदरों का शरीर दुबला हो गया था, वे फिर से ठीक हो गए हैं. श्रद्धालु पहले आते थे, तो उन्हें खाने को मिल जाता था लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब बंद हो गया. कॉन्स्टेबल का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट और वन विभाग को इनके लिए कुछ करना चाहिए. दूसरे लोग भी जो मदद करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं. राजेश कहते हैं कि उनकी एक आवाज सुनकर बंदर नीचे उतर आते हैं. राजेश कहते हैं कि ये करके उन्हें बहुत सुकून मिला है.

पढ़ें- सरगुजा: 18+ आयु वर्ग के वैक्सीन पर केंद्र के फैसले से युवा वर्ग खुश, बोले- 'देर आए दुरुस्त आए'

कुदरगढ़ धाम में विराजी हैं माता

कुदरगढ़ धाम में माता विराजी हैं. मां के दर्शन के लिए यहां सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. यहां नवरात्र में विशाल मेला लगता है. लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से इस साल न तो यहां मेला लगा और न ही भक्त को फिलहाल मंदिर आने की इजाजत है.

सूरजपुर: कोरोना महामारी के कारण सभी मंदिर बंद हैं. पहले श्रद्धालु आते थे, तो चढ़ावे से पुजारियों का घर चलता था और प्रसाद वहां रहने वाले बंदर-गाय खाते थे. लेकिन कोरोना की वजह से देवालयों के पट भक्तों के लिए बंद हैं. ऐसे में मंदिरों में रहने वाले जानवर भूख से परेशान हैं. जिले के कुंदरगढ़ धाम में भी यही स्थिति है. यहां सैकड़ों बंदरों का आना-जाना है. भूख से परेशान, चिल्लाते बंदर जब कुंदरगढ़ चौकी में पदस्थ कॉन्स्टेबल राजेश पटेल से नहीं देखे गए तो उन्होंने उनका पेट भरने का फैसला लिया.

बंदरों को खाना खिला रहा पुलिसवाला

ये बंदर कॉन्स्टेबल राजेश पटेल की आवाज सुनकर दौड़े चले आते हैं. राजेश पटेल रोजाना मंदिर जाते हैं और आवाज लगाते हैं. उनकी आवाज सुनते ही बंदर दौड़ कर आते हैं और लाया हुआ सामान खाने लगते हैं. राजेश पटेल कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान दर्शनार्थियों का आना-जाना बंद हो गया. मंदिर में करीब 500 बंदर हैं. छोटे-छोटे बच्चे भूख से तड़प रहे थे. रात भर बंदर रोते थे, तो देखा नहीं गया. पहले उन्होंने मुर्रा खिलाना शुरू किया फिर तरबूज और टमाटर लेकर जाने लगे.'

Constable Rajesh Patel feeding monkey
टमाटर खाते हुए बंदर

पढ़ें- ऐसा क्या है कोंडागांव के इस गांव में कि कभी नहीं खुलता पंचायत भवन का ताला

करीब दो महीने से भर रहे हैं मंदिरों का पेट

कॉन्स्टेबल राजेश पटेल कहते हैं कि हर दिन बंदरों को खाना खिलाने का ये क्रम करीब दो महीने से जारी है. हर दिन एक बोरा मुर्रा बंदरों को वे बांटते हैं. राजेश पटेल कहते हैं कि जब वे नहीं जा पाते को किसी के जरिए बंदरों को खाना खिलवाते हैं. धीरे-धीरे पुलिस अफसरों ने भी राजेश की मदद करनी शुरू की. अब तक तीन हजार रुपए अधिकारी दे चुके हैं.

Constable Rajesh Patel feeding monkey
मंदिर परिसर में आते बंदर

लॉकडाउन ने किया जीना मुहाल

राजेश कहते हैं बंदरों का रोना बंद हो गया. जिन बंदरों का शरीर दुबला हो गया था, वे फिर से ठीक हो गए हैं. श्रद्धालु पहले आते थे, तो उन्हें खाने को मिल जाता था लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब बंद हो गया. कॉन्स्टेबल का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट और वन विभाग को इनके लिए कुछ करना चाहिए. दूसरे लोग भी जो मदद करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं. राजेश कहते हैं कि उनकी एक आवाज सुनकर बंदर नीचे उतर आते हैं. राजेश कहते हैं कि ये करके उन्हें बहुत सुकून मिला है.

पढ़ें- सरगुजा: 18+ आयु वर्ग के वैक्सीन पर केंद्र के फैसले से युवा वर्ग खुश, बोले- 'देर आए दुरुस्त आए'

कुदरगढ़ धाम में विराजी हैं माता

कुदरगढ़ धाम में माता विराजी हैं. मां के दर्शन के लिए यहां सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. यहां नवरात्र में विशाल मेला लगता है. लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से इस साल न तो यहां मेला लगा और न ही भक्त को फिलहाल मंदिर आने की इजाजत है.

Last Updated : Jun 9, 2021, 8:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.