सूरजपुर: बालाघाट से सूरजपुर काम करने आए मजदूर लॉकडाउन की वजह से यहीं फंस गए हैं, जिनके साथ महिलाएं और बच्चे भी हैं, जिन्हें विश्रामपुर के ग्लोब स्कूल में आश्रय दिया गया है. वहीं ग्लोब स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर दीपक सोनी बच्चों को देखकर बहुत खुश हो गए. वहीं एक बच्चे के पास पहनने को कपड़ा नहीं था, जिनको कलेक्टर दीपक सोनी ने अपने पैसे से कपड़ा दिलाया. साथ ही बच्चे के साथ फुटबॉल भी खेला.
दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण और रोकथाम के लिए सूरजपुर जिले के सभी विकासखंडों में राहत शिविर बनाए गए हैं. जिसके तहत सोमवार को कलेक्टर दीपक सोनी विश्रामपुर के ग्लोबल स्कूल में बने राहत शिविर पहुंचे. जहां उन्होंने राहत शिविर का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने राहत शिविर में ठहरे लोगों से मुलाकात कर आवश्यक व्यवस्थाओं की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने राशन सहित राहत आपूर्ति संबंधित चीजों के बारे में भी जानकारी ली.
शिविर पर रखी जा रही विशेष निगरानी
बता दें कि अन्य राज्य से आए लोगों को जिले में संचालित शिविरों को विशेष निगरानी में रखा गया है. जहां उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इन सभी मजदूरों को सूरजपुर प्रशासन की मेनू चार्ट के मुताबिक पोषित आहार के साथ दूध, फल सहित अन्य सामग्री दी जा रही है. इसके अलावा महिला, पुरुषों और बच्चों को जरूरत अनुसार नए कपड़े और दैनिक उपयोग से जुड़े सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
कलेक्टर ने खेला बच्चे के साथ फुटबॉल
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान राहत शिविर में ठहरे बच्चों को खिलौने और कपड़े दिए. साथ ही उनके साथ फुटबॉल भी खेला. वहीं कलेक्टर ने राहत शिविर में ठहरे सभी परिवारों से निवेदन किया कि वे सभी लॉकडाउन की अवधि तक राहत शिविर में ही रुके रहें. उन्होंने आगे कहा कि हम आपकी एक अतिथि की तरह सेवा करेंगे. इसके लिए पूरा प्रशासन कार्य कर रहा है और कोई भी जरूरत हो तो आप मुझे खुद फोन कर समस्याओं से अवगत करा सकते हैं.