सूरजपुर: कोरोना के इस संकट काल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए शासन ने एक पहल की है. बच्चों को घर बैठे पढ़ाने के लिए 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजना शुरू की गई है. बच्चों की पढ़ाई पर लॉकडाउन का असर न पड़े इसलिए मोबाइल के जरिए टीचर खुद ही बच्चों तक पहुंच रहे हैं. या यूं कहें कि इस मोबाइल में ही पूरी क्लास समां गई है.
इस योजना का उदे्श्य बच्चों को घर बैठे स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराना है. छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने एनआईसी की मदद से ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल 'पढ़ई तुंहर दुआर' की शुरुआत की है. पोर्टल में कक्षा 1 से 10वीं तक की पढ़ाई के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं.
वीडियो के जरिए पढ़ाई
ग्राम पंचायत लाची की आदिवासी बालिका नीति सिंह ने पोर्टल से पढ़ने की पूरी प्रक्रिया बताई. इस पोर्टल में किताबों को पीडीएफ फॉर्मेट में पढ़ा जा सकता है. छात्र-छात्राएं इसकी मदद से किताबें भी डाउनलोड कर सकते हैं. साथ ही शिक्षकों के कुछ ऑडियो और वीडियो भी इस पोर्टल में मौजूद हैं. जिससे बच्चे घर बैठे पढ़ रहे हैं.
दूरस्थ क्षेत्रों तक योजना पहुंचाने की कवायद
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि राज्य शासन ने घर पर ही मोबाइल के माध्यम से पढ़ई तुंहर दुआर की शुरुआत की गई है. जिसमें जिले के 78 हजार 490 बच्चे पंजीकृत हैं. साथ ही 6 हजार 147 शिक्षक भी इसमें पंजीकृत हो चुके हैं. प्रशासन दूरस्थ क्षेत्र जहां नेटवर्क की दिक्कत है वहां भी मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से बात कर रहा है. ताकि कोने-कोने तक बच्चों को इस योजना का फायदा मिल सके.
योजना का फायदा उठा रहे विद्यार्थी
शासन की इस योजना का फायदा जिले के विद्यार्थी उठा रहे हैं और इस व्यवस्था से वे काफी खुश भी हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 7 अप्रैल को 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजना की शुरुआत की थी.