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सूरजपुर: शहर के सरकारी कार्यालयों में स्तनपान कराने के लिए बनाए गए कक्ष

सूरजपुर में कार्यालयों में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया गया है. इसका उद्देश्य स्तनपान के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्तनपान को बढ़ावा देना और महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है.

Breastfeeding rooms were built in government offices
सूरजपुर में बनाया गया स्तनपान बूथ
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Published : Aug 14, 2020, 1:10 PM IST

सूरजपुर: स्तनपान मां और शिशु दोनों के लिए वरदान है. यह न सिर्फ माता और शिशु के बीच के भावनात्मक संबंध को मजबूत करता है, बल्कि शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उसके शारीरिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जिला प्रशासन एक सराहनीय पहल करते हुए कार्यालयों में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया है. जिसका मुख्य उद्देश्य स्तनपान के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्तनपान को बढ़ावा देना और महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है.

जिससे स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. उनका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान और कार्य में करने में बाधा ना आए. इससे कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान अधिकार के प्रति भी जागरूक करना है.

जिला पंचायत के CEO का कहना है कि मां का दूध केवल पोषण ही नहीं जीवन की धारा है. इससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. स्तनपान शिशु के लिए संस्थान और संवर्धन का काम करता है.

पढ़ें- SPECIAL: अनलॉक-3 में 5 महीने बाद लोगों ने जिम में बहाया पसीना


जिले में मनाया गया था स्तनपान सप्ताह

जिले में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया. जिसमें विभाग ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्तनपान सप्ताह मनाने के लिए विभिन्न स्तर पर तैयारी की गई है. जिसमें नवजात शिशु के लिए अमृत स्तनपान की जानकारी हर विकासखंड के सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर जिला पंचायत, जिला चिकित्सालय सहित अन्य स्थानों पर स्तनपान स्थापित किए गए हैं, जिससे महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिशुओं को स्तनपान करा सकें.

सूरजपुर: स्तनपान मां और शिशु दोनों के लिए वरदान है. यह न सिर्फ माता और शिशु के बीच के भावनात्मक संबंध को मजबूत करता है, बल्कि शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उसके शारीरिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जिला प्रशासन एक सराहनीय पहल करते हुए कार्यालयों में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया है. जिसका मुख्य उद्देश्य स्तनपान के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्तनपान को बढ़ावा देना और महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है.

जिससे स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. उनका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान और कार्य में करने में बाधा ना आए. इससे कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान अधिकार के प्रति भी जागरूक करना है.

जिला पंचायत के CEO का कहना है कि मां का दूध केवल पोषण ही नहीं जीवन की धारा है. इससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. स्तनपान शिशु के लिए संस्थान और संवर्धन का काम करता है.

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जिले में मनाया गया था स्तनपान सप्ताह

जिले में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया. जिसमें विभाग ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्तनपान सप्ताह मनाने के लिए विभिन्न स्तर पर तैयारी की गई है. जिसमें नवजात शिशु के लिए अमृत स्तनपान की जानकारी हर विकासखंड के सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर जिला पंचायत, जिला चिकित्सालय सहित अन्य स्थानों पर स्तनपान स्थापित किए गए हैं, जिससे महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिशुओं को स्तनपान करा सकें.

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