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सूरजपुर में इलाज के दौरान नन्हें हाथी की मौत - Elephant died in Surajpur

तमोर हाथी रेस्क्यू सेंटर में बीमार हाथी के बच्चे की मौत हो गई है. बच्चा नदी में गिर गया था. वन विभाग के कर्मचारी घायल हाथी को इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लेकर आए थे.

baby Elephant dies
नन्हें हाथी की मौत
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Published : Apr 25, 2021, 9:22 PM IST

सूरजपुर: जिले के तमोर हाथी रेस्क्यू सेंटर में बीमार हाथी के बच्चे की मौत हो गई है. रेस्क्यू सेंटर में पिछले 15 दिनों से उसका इलाज चल रहा था. शनिवार रात उसकी मौत हो गई. पिंगला के जंगल में हाथी का बच्चा नदी में गिर गया था. वन विभाग के कर्मचारी घायल हाथी को इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर में लाए थे. जहां दिन-रात डॉक्टर और वन अमला इलाज में जुटा हुआ था. लेकिन शनिवार रात उसकी मौत हो गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

वन विभाग ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया. फिलहाल मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा.

बलरामपुर: 5 दिन से 11 हाथियों का दल मचा रहा उत्पात

दिन-रात इलाज में जुटे थे डॉक्टर

9 अप्रैल को तमोर पिंगला के जजावल क्षेत्र में हाथी का बच्चा नदी में गिर गया था. अगले दिन हाथियों की उपस्थिति और खतरे के बावजूद वन विभाग ने उसका रेस्क्यू किया और इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लेकर आए. डॉक्टरों ने बताया कि, हाथी के बच्चे को पिछले दोनों पैरों में गंभीर चोट लगी है. जिसकी वजह से वह उठ नहीं पा रहा है. आसपास कहीं भी एक्सरे मशीन उपलब्ध नहीं थी. इसलिए एक्सरे नहीं हो पाया. वीडियो कॉलिंग के जरिए बाहर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद ली जा रही थी. हिसाब से दवाइयां दी जा रहीं थी. पिछले 15 दिनों से नन्हें हाथी को बचाने की कोशिश की जा रही थी. जो सफल नहीं हो पाई. शनिवार को इसकी मौत हो गई.

सूरजपुर: जिले के तमोर हाथी रेस्क्यू सेंटर में बीमार हाथी के बच्चे की मौत हो गई है. रेस्क्यू सेंटर में पिछले 15 दिनों से उसका इलाज चल रहा था. शनिवार रात उसकी मौत हो गई. पिंगला के जंगल में हाथी का बच्चा नदी में गिर गया था. वन विभाग के कर्मचारी घायल हाथी को इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर में लाए थे. जहां दिन-रात डॉक्टर और वन अमला इलाज में जुटा हुआ था. लेकिन शनिवार रात उसकी मौत हो गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

वन विभाग ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया. फिलहाल मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा.

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दिन-रात इलाज में जुटे थे डॉक्टर

9 अप्रैल को तमोर पिंगला के जजावल क्षेत्र में हाथी का बच्चा नदी में गिर गया था. अगले दिन हाथियों की उपस्थिति और खतरे के बावजूद वन विभाग ने उसका रेस्क्यू किया और इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लेकर आए. डॉक्टरों ने बताया कि, हाथी के बच्चे को पिछले दोनों पैरों में गंभीर चोट लगी है. जिसकी वजह से वह उठ नहीं पा रहा है. आसपास कहीं भी एक्सरे मशीन उपलब्ध नहीं थी. इसलिए एक्सरे नहीं हो पाया. वीडियो कॉलिंग के जरिए बाहर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद ली जा रही थी. हिसाब से दवाइयां दी जा रहीं थी. पिछले 15 दिनों से नन्हें हाथी को बचाने की कोशिश की जा रही थी. जो सफल नहीं हो पाई. शनिवार को इसकी मौत हो गई.

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