सूरजपुर : आयुष विभाग ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के तरीके बताने के लिए जागरूकता अभियान चलाया. डॉक्टर संतोष सिंह और डॉक्टर महंत लाल सोनवानी ने बताया कि कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. इसके लिए आयुर्वेदिक दवाई जैसे तुलसी, अदरक, काली मिर्च, पिपली, मुलेठी, दालचीनी और गुड़ से काढ़ा बनाकर हर रोज सेवन करने के लिए कहा गया. क्योंकि इन सभी औषधियों के रस कटु तिक्त और उष्ण प्रकृति के होते हैं, जो कफ और वात को ठीक करने में सहायक होते हैं. वहीं यह दवाइयां सर्दी खांसी और अस्थमा को ठीक करने के लिए काम करते हैं.
आयुर्वेदिक दवाइयां बढ़ाती हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता
डॉक्टरों ने बताया कि गाय के दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर हर रोज पीना चाहिए. हल्दी में एक विशेष रासायनिक तत्व करक्यूमिन होता है, जो एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टिरियल या anti-inflammatory के तौर पर काम करता है. इसे गुडूची गिलोय कहते हैं. यह एक प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक दवाई है, जिसे हर रोज खाया जा सकता है. बाजार में गिलोय सत के नाम से खरीदकर उपयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही अश्वगंधा चूर्ण और शतावरी चूर्ण जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत उपयोगी है. इसके इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है.
योग और प्रणायाम है फायदेमंद
हर सुबह शाम एक-एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसे 40 से ज्यादा प्राकृतिक दवाइयों को मिलाकर बनाया जाता है. योग और प्राणायाम और आयुर्वेद एक दूसरे के पूरक हैं. इसे हर दिन योग और प्राणायाम के साथ आयुर्वेदिक घरेलू दवाई का अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सेवन करने कहा गया.
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इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, मास्क पहनने सहित अन्य सावधानियां बताई गई हैं. बगल में लगे साप्ताहिक बाजार में जागरूकता को लेकर पंपलेट बांटे गए.