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जानलेवा वैक्सीन! टीका लगाने के बाद 5 महीने में 5 बच्चों की मौत - टीका लगने से नवजात बच्चों की मौत

सूरजपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. आरोप हैं कि यहां पेंटावेलेंट टीका लगने से 5 महीने में 5 बच्चों की मौत हो गई. ताजा मामले में 2 माओं की गोद सूनी हो गई.

5 children died in 5 months due to pentavalent vaccine in Surajpur
पेंटावेलेंट टीका लगने से बच्चों की मौत
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Published : Jan 8, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 7:19 PM IST

सूरजपुर: पेंटावेलेंट वैक्सीन सूरजपुर के नवजात बच्चों के लिए मौत का टीका साबित हो रही है. ताजा मामला सूरजपुर के रुनियाडीह गांव का है, जहां दो अलग-अलग घरों के नवजात को पेंटावेलेंट टीका लगने से उनकी मौत हो गई. टीका लगने के दूसरे दिन बच्चों की मौत हो गई. पिछले 5 महीने में पेंटावेलेंट टीका लगने के बाद अब तक 5 नवजात ने दम तोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों पर ही लापरवाही का आरोप लगा रहा है.

टीका लगने से 5 महीने में 5 बच्चों की मौत

पेंटावेलेंट टीका लगने से नवजात की मौत

सूरजपुर से लगे रुनियाडीह और उसके आसपास के गांव में शोक का माहौल है. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 माह से गांव के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पेंटावेलेंट टीका लगाया जा रहा है. तब से 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. सभी मृत बच्चों की उम्र 2 माह से 4 माह के बीच है.

पढ़ें: सुरक्षा और संघर्ष के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेगा कोरोना का टीका

नवजातों की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश

बीती रात 2 माह के बच्चे की मौत के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है, तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक बच्चे के पिता के अनुसार पेंटावेलेंट टीका लगाने के पहले बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था. टीका लगाने के बाद उसकी स्थिति लगातार खराब होती गई. परिजनों ने स्थानीय मितानिन से लेकर जिला अस्पताल तक के डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन बच्चे की जान नहीं बच पाई.

स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों पर लगा रहा आरोप

मासूमों की मौत के बाद परिजन जहां सदमे में हैं, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ग्रामीण बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर को दिखाने में लेट करते हैं, जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है. पिछले एक साल में लगभग 45 हजार बच्चों का टीकाकरण किया गया और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. हालांकि स्वास्थ्य महकमा इस बात से भी इनकार नहीं कर रहा है कि वैक्सीन के बाद 12 प्रतिशत रियक्शन की भी गुंजाइश रहती है. पूरा मामला अब जिले के कलेक्टर और एसपी के पास पहुंचा है. अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

घटना की जानकारी मिलने के बाद बीजेपी भी राजनीति करने से नहीं चूक रही है. बीजेपी नेता स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साध रहे हैं. 5 बच्चों की मौत का कारण तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन इस पूरे घटना ने स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

पेंटावेलेंट टीका क्या है ?

पेंटावेलेंट वैक्सीन को 5 अलग-अलग वैक्सीन के संयोजन से बनाया जाता है. इस वैक्सीन की मदद से बच्चे को पांच तरह के रोगों से बचाव होता है. इन पांच रोगों में डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी है. बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के वजह से पेंटावेलेंट वैक्सीन को लगाया जाता है.

सूरजपुर: पेंटावेलेंट वैक्सीन सूरजपुर के नवजात बच्चों के लिए मौत का टीका साबित हो रही है. ताजा मामला सूरजपुर के रुनियाडीह गांव का है, जहां दो अलग-अलग घरों के नवजात को पेंटावेलेंट टीका लगने से उनकी मौत हो गई. टीका लगने के दूसरे दिन बच्चों की मौत हो गई. पिछले 5 महीने में पेंटावेलेंट टीका लगने के बाद अब तक 5 नवजात ने दम तोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों पर ही लापरवाही का आरोप लगा रहा है.

टीका लगने से 5 महीने में 5 बच्चों की मौत

पेंटावेलेंट टीका लगने से नवजात की मौत

सूरजपुर से लगे रुनियाडीह और उसके आसपास के गांव में शोक का माहौल है. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 माह से गांव के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पेंटावेलेंट टीका लगाया जा रहा है. तब से 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. सभी मृत बच्चों की उम्र 2 माह से 4 माह के बीच है.

पढ़ें: सुरक्षा और संघर्ष के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेगा कोरोना का टीका

नवजातों की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश

बीती रात 2 माह के बच्चे की मौत के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है, तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक बच्चे के पिता के अनुसार पेंटावेलेंट टीका लगाने के पहले बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था. टीका लगाने के बाद उसकी स्थिति लगातार खराब होती गई. परिजनों ने स्थानीय मितानिन से लेकर जिला अस्पताल तक के डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन बच्चे की जान नहीं बच पाई.

स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों पर लगा रहा आरोप

मासूमों की मौत के बाद परिजन जहां सदमे में हैं, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ग्रामीण बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर को दिखाने में लेट करते हैं, जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है. पिछले एक साल में लगभग 45 हजार बच्चों का टीकाकरण किया गया और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. हालांकि स्वास्थ्य महकमा इस बात से भी इनकार नहीं कर रहा है कि वैक्सीन के बाद 12 प्रतिशत रियक्शन की भी गुंजाइश रहती है. पूरा मामला अब जिले के कलेक्टर और एसपी के पास पहुंचा है. अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

घटना की जानकारी मिलने के बाद बीजेपी भी राजनीति करने से नहीं चूक रही है. बीजेपी नेता स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साध रहे हैं. 5 बच्चों की मौत का कारण तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन इस पूरे घटना ने स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

पेंटावेलेंट टीका क्या है ?

पेंटावेलेंट वैक्सीन को 5 अलग-अलग वैक्सीन के संयोजन से बनाया जाता है. इस वैक्सीन की मदद से बच्चे को पांच तरह के रोगों से बचाव होता है. इन पांच रोगों में डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी है. बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के वजह से पेंटावेलेंट वैक्सीन को लगाया जाता है.

Last Updated : Jan 8, 2021, 7:19 PM IST
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