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सुकमा में नक्सलियों के गढ़ में 23 किलोमीटर की सड़क बनने से ग्रामीणों में खुशी

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Published : May 26, 2021, 9:28 PM IST

सुकमा में नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले इलाके में ग्रामीणों के सपने साकार हो रहे हैं. दरअसल सालों से सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के इंतजार में बैठे ग्रामीणों के सपने अब पूरे होने को है. ग्राम पंचायत जंगमपाल से होते हुए कुन्दनपाल, कुन्ना, मिचवार, भुसारास और दुधिरास को एक सूत्र में जोड़ती 23 किलोमीटर सड़क लगभग तैयार हो गई है.

villagers are happy with the construction of the road
सड़क बनने से ग्रामीणों में खुशी

सुकमा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और सुदूर ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जा रहा है. जिले के जिन क्षेत्रों में नक्सलियों के खौफ के कारण विकास नहीं पहुंच पा रहा था, अब उन क्षेत्रों में भी सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है. जिले में यातायात सुगम किया जा रहा है. शासन की योजनाएं प्रभावी तरीके से ग्रामीणों तक पहुंच रही है. अंदरुनी इलाकों के ग्रामीणों के जीवन का परिदृश्य भी अब बदल रहा है. सड़क निर्माण से गांवों में चिकित्सा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से संभव हो रहा है.

Waiting for road construction
यहां सड़क निर्माण का इंतजार

ग्राम पंचायत कुन्ना को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा रहा

20 सालों पहले सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत कुन्ना को मुख्य मार्ग के संपर्क से जोड़ने की कवायद शुरू की गई, लेकिन ग्रामीणों का यह सपना अधूरा रह गया. आज ग्रामीण अपने गांव से गुजरती चमचमाती सड़क के पूर्ण हो जाने से गदगद हैं. ग्राम पंचायत जंगमपाल से होते हुए कुन्दनपाल, कुन्ना, मिचवार, भुसारास और दुधिरास को एक सूत्र में जोड़ती 23 किलोमीटर सड़क ग्रामीणों की इस खुशी का कारण है. 20 वर्ष पहले जो सपना अधूरा रह गया था, शासन-प्रशासन की संकल्प से आखिरकार वो सपना पक्की सड़क के रूप में हकीकत बन गया है. 23 किलोमीटर की कुल लंबाई में 17 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण हो चुका है और शेष 06 किलोमीटर सड़क निर्माणाधीन है.

Road in naxalite area
नक्सल इलाके में सड़क

नारायणपुर में 3 नक्सली गिरफ्तार, 1 महीने में 36 से ज्यादा नक्सली धरे गए

ग्रामीणों को हो रहा फायदा

सड़कों के माध्यम से इन दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं की सूचनाएं अधिक त्वरित गति से प्रशासन तक पहुंच पाएगी. जिसके कारण उनका समाधान भी तेजी से किया जा सकेगा. इसके साथ ही वनोपजों और कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री में बिचैलियों की भूमिका समाप्त हुई है, अब ग्रामीण शासन के तय किए गए समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेच पा रहे हैं. बीमार और आपदा-ग्रस्त ग्रामीणों को तेजी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं.

Jawans giving protection to road construction
सड़क निर्माण को सुरक्षा देते जवान

बरसात में परेशानियों से भी मिलेगी निजात

कुन्ना सहित अन्य गांव के लोगों को क्षेत्र में सड़क निर्माण से आवाजाही में तो सहूलियत हुई ही है पर सड़क के साथ पुल निर्माण से उन्हें बरसात के दौरान भी सड़क मार्ग का उपयोग करने में अब कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. इस सड़क मार्ग पर दो उच्चस्तरीय पुल का निर्माण भी सम्मिलित है. जिनकी सहायता से ग्रामीणों का आवागमन और भी सुखद होगा. पहला पुल कुन्ना के समीप पेदारास नाले पर निर्मित है. जिसकी लम्बाई 24 मीटर है. वहीं दूसरा पुल मिचवार के समीप निर्मित किया जा रहा है जो 45 मीटर लम्बी है. पुल के निर्माण से ग्रामीणों को बरसात के दौरान आने जाने में होने वाली परेशानियों से निश्चित ही छुटकारा मिलेगा.

Road construction work in progress
सड़क निर्माण कार्य जारी

झीरम हमले की 'गवाह' है ये गाड़ी, विवेक गोलियों के निशान वाली इस कार में क्यों चलते हैं ?

सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी में पूर्ण हुआ कार्य

अंदरुनी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की सफलता में सुरक्षा बलों का विशेष योगदान रहता है. सड़क निर्माण में लगे मजदूरों और अधिकारियों के साथ ही सुरक्षाबल के जवान भी दिन रात अपना फर्ज निभाते हैं. ताकि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का अवरोध ना हो और क्षेत्र के ग्रामीणों को शीघ्र अति शीघ्र सुगम आवागमन की सुविधा हो.

सुकमा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और सुदूर ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जा रहा है. जिले के जिन क्षेत्रों में नक्सलियों के खौफ के कारण विकास नहीं पहुंच पा रहा था, अब उन क्षेत्रों में भी सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है. जिले में यातायात सुगम किया जा रहा है. शासन की योजनाएं प्रभावी तरीके से ग्रामीणों तक पहुंच रही है. अंदरुनी इलाकों के ग्रामीणों के जीवन का परिदृश्य भी अब बदल रहा है. सड़क निर्माण से गांवों में चिकित्सा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से संभव हो रहा है.

Waiting for road construction
यहां सड़क निर्माण का इंतजार

ग्राम पंचायत कुन्ना को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा रहा

20 सालों पहले सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत कुन्ना को मुख्य मार्ग के संपर्क से जोड़ने की कवायद शुरू की गई, लेकिन ग्रामीणों का यह सपना अधूरा रह गया. आज ग्रामीण अपने गांव से गुजरती चमचमाती सड़क के पूर्ण हो जाने से गदगद हैं. ग्राम पंचायत जंगमपाल से होते हुए कुन्दनपाल, कुन्ना, मिचवार, भुसारास और दुधिरास को एक सूत्र में जोड़ती 23 किलोमीटर सड़क ग्रामीणों की इस खुशी का कारण है. 20 वर्ष पहले जो सपना अधूरा रह गया था, शासन-प्रशासन की संकल्प से आखिरकार वो सपना पक्की सड़क के रूप में हकीकत बन गया है. 23 किलोमीटर की कुल लंबाई में 17 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण हो चुका है और शेष 06 किलोमीटर सड़क निर्माणाधीन है.

Road in naxalite area
नक्सल इलाके में सड़क

नारायणपुर में 3 नक्सली गिरफ्तार, 1 महीने में 36 से ज्यादा नक्सली धरे गए

ग्रामीणों को हो रहा फायदा

सड़कों के माध्यम से इन दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं की सूचनाएं अधिक त्वरित गति से प्रशासन तक पहुंच पाएगी. जिसके कारण उनका समाधान भी तेजी से किया जा सकेगा. इसके साथ ही वनोपजों और कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री में बिचैलियों की भूमिका समाप्त हुई है, अब ग्रामीण शासन के तय किए गए समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेच पा रहे हैं. बीमार और आपदा-ग्रस्त ग्रामीणों को तेजी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं.

Jawans giving protection to road construction
सड़क निर्माण को सुरक्षा देते जवान

बरसात में परेशानियों से भी मिलेगी निजात

कुन्ना सहित अन्य गांव के लोगों को क्षेत्र में सड़क निर्माण से आवाजाही में तो सहूलियत हुई ही है पर सड़क के साथ पुल निर्माण से उन्हें बरसात के दौरान भी सड़क मार्ग का उपयोग करने में अब कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. इस सड़क मार्ग पर दो उच्चस्तरीय पुल का निर्माण भी सम्मिलित है. जिनकी सहायता से ग्रामीणों का आवागमन और भी सुखद होगा. पहला पुल कुन्ना के समीप पेदारास नाले पर निर्मित है. जिसकी लम्बाई 24 मीटर है. वहीं दूसरा पुल मिचवार के समीप निर्मित किया जा रहा है जो 45 मीटर लम्बी है. पुल के निर्माण से ग्रामीणों को बरसात के दौरान आने जाने में होने वाली परेशानियों से निश्चित ही छुटकारा मिलेगा.

Road construction work in progress
सड़क निर्माण कार्य जारी

झीरम हमले की 'गवाह' है ये गाड़ी, विवेक गोलियों के निशान वाली इस कार में क्यों चलते हैं ?

सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी में पूर्ण हुआ कार्य

अंदरुनी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की सफलता में सुरक्षा बलों का विशेष योगदान रहता है. सड़क निर्माण में लगे मजदूरों और अधिकारियों के साथ ही सुरक्षाबल के जवान भी दिन रात अपना फर्ज निभाते हैं. ताकि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का अवरोध ना हो और क्षेत्र के ग्रामीणों को शीघ्र अति शीघ्र सुगम आवागमन की सुविधा हो.

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