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सुकमा : ग्रामीणों को 3 साल से नहीं मिली मजदूरी, मांगने पर मिलती है गाली

ग्रामीणों का आरोप है कि 2016 में गांव के प्रेम सिंह के खेत में तीन लाख की लागत से तालाब का निर्माण कराया गया था, काम पूरा होने के बाद एक लाख का भुगतान किया गया.

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Published : Jun 6, 2019, 10:48 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 10:56 PM IST

सुकमा : छिंदगढ़ विकासखंड के कोडरिपाल ग्राम पंचायत में 3 साल पहले मनरेगा के तहत हुए काम का मजदूरों को आज तक भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी शिकायत लेकर पंचायत के ग्रामीण गुरुवार को जिला कार्यालय पहुंचे. कलेक्टर की गैरमौजूदगी में ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई.

ग्रामीणों को 3 साल से नहीं मिली मजदूरी

ग्रामीणों ने बताया कि, '2016 में गांव के प्रेम सिंह के खेत में तीन लाख की लागत से तालाब का निर्माण कराया गया था, काम पूरा होने के बाद एक लाख का भुगतान किया गया, लेकिन दो लाख रुपए आज नहीं मिले हैं. ग्रामीणों द्वारा सरपंच, सचिव और रोजगार सचिव को कई बार राशि देने की गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने भी इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई.

ग्रामीणों ने बताया कि, 'मजदूरी भुगतान को लेकर रोजगार सहायक कु. बिंदिया ठाकुर से भी गुहार लगाई गई लेकिन जब भी मजदूरी की बात करते हैं तो रोजगार सहायक अभद्रता करते हुए भगा देती है'.

मामले में जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले में छिंदगढ़ जनपद सीईओ सहदेव सिंह ने बताया कि, 'उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है, कुछ पंचायतें पूर्व में बस्तर जिले में शामिल थीं, तीन वर्ष पहले ही उन्हें सुकमा जिले में शामिल किया गया है. हो सकता है कि तालाब का काम उसी दौरान करवाया गया हो. मामले की जांच कर, यदि ग्रामीणों की मजदूरी लंबित है तो उन्हें बकाया राशि दी जाएगी'.

सुकमा : छिंदगढ़ विकासखंड के कोडरिपाल ग्राम पंचायत में 3 साल पहले मनरेगा के तहत हुए काम का मजदूरों को आज तक भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी शिकायत लेकर पंचायत के ग्रामीण गुरुवार को जिला कार्यालय पहुंचे. कलेक्टर की गैरमौजूदगी में ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई.

ग्रामीणों को 3 साल से नहीं मिली मजदूरी

ग्रामीणों ने बताया कि, '2016 में गांव के प्रेम सिंह के खेत में तीन लाख की लागत से तालाब का निर्माण कराया गया था, काम पूरा होने के बाद एक लाख का भुगतान किया गया, लेकिन दो लाख रुपए आज नहीं मिले हैं. ग्रामीणों द्वारा सरपंच, सचिव और रोजगार सचिव को कई बार राशि देने की गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने भी इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई.

ग्रामीणों ने बताया कि, 'मजदूरी भुगतान को लेकर रोजगार सहायक कु. बिंदिया ठाकुर से भी गुहार लगाई गई लेकिन जब भी मजदूरी की बात करते हैं तो रोजगार सहायक अभद्रता करते हुए भगा देती है'.

मामले में जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले में छिंदगढ़ जनपद सीईओ सहदेव सिंह ने बताया कि, 'उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है, कुछ पंचायतें पूर्व में बस्तर जिले में शामिल थीं, तीन वर्ष पहले ही उन्हें सुकमा जिले में शामिल किया गया है. हो सकता है कि तालाब का काम उसी दौरान करवाया गया हो. मामले की जांच कर, यदि ग्रामीणों की मजदूरी लंबित है तो उन्हें बकाया राशि दी जाएगी'.

Intro:कलेक्टर साहब... दो साल से हमें नही मिली है मजदूरी, जल्द भगतां करायें


सुकमा. छिंदगढ़ विकासखंड के कोडरिपाल ग्रामपंचायत में 3 साल पहले मनरेगा के तहत हुए कार्य का आज तक भुगतान नही हुआ है। इसकी शिकायत लेकर पंचायत के ग्रामीण गुरुवार को जिला कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर की गैरमौजूदगी में ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई।

etv bharat से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि 2016 में गाँव के प्रेमसिंह के खेत मे तीन लाख की लागत से तालाब का निर्माण कराया गया था। कार्य पूर्ण होने के बाद एक लाख का भुगतान किया गया लेकिन दो लाख रुपये आज पर्यन्त प्राप्त नही हुआ है। ग्रामीणों द्वारा सरपंच, सचिव और रोजगार सचिव को कई बार राशि प्रादय करने के संबंध में अवगत कराया गया। किसी ने गंभीरता नही दिखाई।

ग्रामीणो ने बताया कि मजदूरी भुगतान को लेकर रोजगार सहायक कु. बिंदिया ठाकुर से भी गुहार लगाया गया। जब भी मजदूरी की बात करते हैं तो रोजगार सहायक गली-गलौच कर भगा देती है। इस पूरे मामले पर छिंदगढ़ जनपद सीईओ सहदेव सिंह ने बताया कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नही है। कुछ पंचायते पूर्व में बस्तर जिले में शामिल थे। तीन वर्ष पहले ही उन्हें सुकमा जिले में शामिल किया गया है। हो सकता है कि तालाब का काम उसी दरमिंयान कराया गया हो। जैसे भी है मामले की जांच कर, यदि ग्रामीणों का मजदूरी लंबित है तो उन्हें बकाया राशि प्रादय की जाएगी।


Body:मनरेगा


Conclusion:मनरेगा
Last Updated : Jun 6, 2019, 10:56 PM IST
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