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सुकमा: विकास कार्यों की अनदेखी पर ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का किया बहिष्कार, खुद बना रहे सड़क - माओवाद प्रभावित क्षेत्र

गांव का विकास न होने की वजह से ग्रामीणों ने खुद ही सड़क निर्माण का कार्य कर रहे है. प्रशासन से परेशान ग्रामीणों ने इस बार पंचायत चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है

Villagers are doing road construction in Sukma
ग्रामीण कर रहे सड़क का निर्माण
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Published : Jan 14, 2020, 10:45 PM IST

सुकमा: माओवाद प्रभावित क्षेत्र होने के की वजह से सरपंच सचिव ने इस गांव से दूरी बना ली थी तो इसके चलते गांव के लोगों ने खुद ही गांव का विकास करने के लिए सड़क निर्माण कर ली. विकास कार्यों की अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है.

ग्रामीण कर रहे सड़क का निर्माण

संवेदनशीलता का हवाला देकर सरकार ने भी इन इलाकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था. माओवादियों के दखल वाले इलाकों में ग्रामीण श्रमदान कर गली-मोहल्ले में सड़क बनाने का काम कर रहे हैं. कोंटा विकासखंड के पालामड़गु, जग्गावरम, कोलाईगुड़ा, दंतेशपुरम, डब्बाकोंटा समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ग्रामीण मिट्टी की सड़क बना रहे हैं.

पढ़ें- CRPF के जवानों ने सिविक एक्शन के तहत ग्रामीणों को बांटे बीज

ETV भारत ने कोंटा विकासखंड के नक्सल प्रभावित गांव पालामड़गु और जग्गावरम का जायजा लिया. यहां पता चला कि गांव तक पहुंच मार्ग नहीं है. पगडंडियों के सहारे ग्रामीण आवागमन करते हैं. ग्रामीणो के अनुसार 'पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब गांव में कार्य नहीं हुए तो खुद ही सड़क बनाने का सोच लिया. ग्रामीणो ने इस बार पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

सुकमा: माओवाद प्रभावित क्षेत्र होने के की वजह से सरपंच सचिव ने इस गांव से दूरी बना ली थी तो इसके चलते गांव के लोगों ने खुद ही गांव का विकास करने के लिए सड़क निर्माण कर ली. विकास कार्यों की अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है.

ग्रामीण कर रहे सड़क का निर्माण

संवेदनशीलता का हवाला देकर सरकार ने भी इन इलाकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था. माओवादियों के दखल वाले इलाकों में ग्रामीण श्रमदान कर गली-मोहल्ले में सड़क बनाने का काम कर रहे हैं. कोंटा विकासखंड के पालामड़गु, जग्गावरम, कोलाईगुड़ा, दंतेशपुरम, डब्बाकोंटा समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ग्रामीण मिट्टी की सड़क बना रहे हैं.

पढ़ें- CRPF के जवानों ने सिविक एक्शन के तहत ग्रामीणों को बांटे बीज

ETV भारत ने कोंटा विकासखंड के नक्सल प्रभावित गांव पालामड़गु और जग्गावरम का जायजा लिया. यहां पता चला कि गांव तक पहुंच मार्ग नहीं है. पगडंडियों के सहारे ग्रामीण आवागमन करते हैं. ग्रामीणो के अनुसार 'पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब गांव में कार्य नहीं हुए तो खुद ही सड़क बनाने का सोच लिया. ग्रामीणो ने इस बार पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

Intro:माओवादी इलाकों को सरकार ने छोड़ा भगवान भरोसे तो ग्रामीणों ने उठाया विकास का जिम्मा

सुकमा. सरकार भले ही अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का दावा करती हो पर जिले के अंदरूनी इलाकों में विकास दूर की कौड़ी साबित हो रही है. सड़क, शिक्षा और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से ग्रामीण आज भी महरूम है.

माओवाद प्रभावित होने के कारण सरपंच सचिव ने भी गांव से दूरी बना ली और पेंशन से लेकर ग्रामीण रोजगार मूलक योजनाओं पर ग्रहण लग गया. संवेदनशीलता का हवाला देकर सरकार ने भी इन इलाकों इलाकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया तो ग्रामीणों ने खुद ही गांव में विकास करने की ठान ली.


Body:माओवादियों के दखल वाले इलाकों में ग्रामीण श्रमदान कर गली -मोहल्ले में सड़क बनाने का काम कर रहे हैं. कोंटा विकासखंड के पालामड़गु, जग्गावरम, कोलाईगुड़ा, दंतेशपुरम, डब्बाकोंटा समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ग्रामीण मिट्टी की सड़क बना रहे हैं.





Conclusion:ईटीवी भारत ने कोंटा विकासखंड के नक्सल प्रभावित गांव पालामड़गु और जग्गावरम क का जायजा लिया. यहां पता चला कि गाँव वाले विकास किस चिड़िया का नाम है ये भी नही जानते. गांव तक पहुंच मार्ग नहीं है. पगडंडियों के सहारे ग्रामीण आवागमन करते हैं. ग्रामीणो के अनुसार पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब गांव में कार्य नहीं हुए तो खुद ही सड़क बनाने का सोच लिया. ग्रामीणो ने इस बार पंचायत बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

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