सुकमा: सुरक्षाबलों की टीम ने तीन खूंखार नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. तीनों नक्सली सीआरपीएफ टीम पर हमले में कथित तौर पर शामिल होने का आरोप है. बीते महीने 17 दिसंबर को नक्सलियों ने सीआरपीएफ की टीम पर अटैक किया था. जिसमें सीआरपीएफ के एसआई सुधाकर रेड्डी शहीद हो गए थे. जबकि एक कांस्टेबल इस घटना में घायल हो गया था. अब इस मामले में सुरक्षाबलों की टीम ने तीन खूंखार नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. तीनों की गिरफ्तारी की पुष्टि सुकमा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने की है.
रविवार को हुई तीनों नक्सलियों की गिरफ्तारी: सुकमा पुलिस की तरफ से अधिकारी ने बताया कि तीनों को जगरगुंडा पुलिस थाने की सीमा के तहत पांडुमेटा पहाड़ियों से पकड़ा गया हैं. जहां सुरक्षा कर्मियों की एक संयुक्त टीम रविवार को नक्सल ऑपरेशन पर निकली थी. इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ की टीम के अलावा सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम शामिल थी.
गिरफ्त में आए नक्सलियों के बारे में जानिए: गिरफ्त में आए नक्सलियों में मड़कम हांडा, मिडियम पोडिया और कोरसा धुरवा शामिल है. तीनों की उम्र 21 साल से 38 साल के बीच बताई जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक तीनों नक्सली प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की अग्रणी शाखा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन से जुड़े हुए हैं. ये कथित तौर पर 17 दिसंबर को सीआरपीएफ की टीम पर हमले में शामिल थे. इस मामले में अब तक चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद इस मामले में और खुलासा हो सकेगा.
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि "जगरगुंडा थाना क्षेत्र के तिम्मापुर के जंगलों में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मुखबिर से मिली थी. इस सूचना पर सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और जिला बल को एरिया डोमिनेशन के लिए तिम्मापुर और पांडुमेटा पहाड़ी की ओर रवाना किया गया था. जहां सर्चिंग अभियान के दौरान पांडूमेटा पहाड़ी के पास संदिग्ध व्यक्ति जवानों को देखकर छुपने का प्रयास कर रहे थे. जिसे जवानों ने घेराबंदी करके धर दबोचा. जिन्होंने पूछताछ में नक्सल संगठन में सक्रिय रहकर DAKMS पद पर पदस्थ रहकर काम करना बताया. गिरफ्तार सभी नक्सली चिंतलनार थाना क्षेत्र के निवासी हैं. नक्सल रिकॉर्ड चेक करने पर सभी नक्सली बेदरे कैम्प से निकली पुलिस पार्टी पर हमला करने की घटना में शामिल थे."
सुकमा में एक नक्सली ने किया सरेंडर: वहीं सुकमा जिले में चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर एक नक्सली ने सरेंडर किया है. यह नक्सली 15 साल से लाल आतंक से जुड़ा था. समर्पित नक्सली नागुल नागेश मिलिशिया कमांडर के रूप में सक्रिय रहा. जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार में 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. जो 2010 से नक्सल संगठन में शामिल होकर चिंतागुफा थाना क्षेत्र में घटित नक्सल घटनाओं में शामिल रहा.
गरियाबंद में नक्सल कैंप तबाह: एक नक्सली कैंप को सुरक्षा बलों ने तबाह कर दिया है. यहां सीआरपीएफ और डीआरजी की कार्रवाई में 40 से अधिक नक्सलियों को अपना नक्सल कैंप छोड़कर भागना पड़ा. कुल्हाड़ीघाट मटाल के पहाड़ों पर यह घटना हुई है. जब्त सामानों में सुरक्षाबलों को पिट्टू बैग और राशन मिला है. गरियाबंद के एसपी अमित तुकाराम कांबले ने इसकी पुष्टि की है.