ETV Bharat / state

कभी सिलता था नक्सलियों के लिए वर्दी, आज कोरोना से बचाने बना रहा है मास्क

सुकमा में मास्क की कमी को दूर करने के लिए पुलिस विभाग की ओर से बनवाया जा रहा है. वहीं सरेंडर नक्सली माड़वी लक्खा विभाग के इस मुहिम जुड़कर मास्क की कमी को पूरा करने में सहयोग कर रहा है और रोजाना 250 से ज्यादा मास्क बना रहा है.

surrender naxalite mask stitched for prevention of corona
आत्मसमर्पित नक्सली की कोरोना की लड़ाई में पहल
author img

By

Published : Apr 15, 2020, 6:57 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 10:36 AM IST

सुकमाः आज वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है. वहीं इस संक्रमण से बचाव के लिए समाज के सभी वर्ग के लोग किसी न किसी तरह से योगदान दे रहे हैं. इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पुलिस जवानों के साथ एक ऐसा शख्स भी सहयोग कर रहा है, जो कभी नक्सली संगठन से ताल्लुक रखता था.

आत्मसमर्पित नक्सली की कोरोना की लड़ाई में पहल

माड़वी लक्खा नाम का आत्मसमर्पित नक्सली आज कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन की मदद कर रहा है और एक दिन में करीब 250 से ज्यादा मास्क बना रहा है. बाजार में मास्क और सेनेटाइजर की कमी की वजह से लोगों को नहीं मिल रहा है. वहीं जिले में पुलिस विभाग इस कमी को दूर करने के लिए मास्क बनवा रहा है और पुलिस विभाग के साथ- साथ जरूरतमंदों को निःशुल्क उपलब्ध करा रहा है.

माड़वी ने बदली अपनी विचारधारा

सरेंडर नक्सली माड़वी लक्खा संगठन में रहने के समय से ही सिलाई करना जानता है. माड़वी ने पिछले साल 2019 में नक्सली विचारधारा से तंग आकर संगठन छोड़कर आम जीवन में जुड़ने की इच्छा जताते हुए पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. इसके बाद से वह समाज की मुख्यधारा में जुड़कर जीवन यापन कर रहा है. माड़वी ने बताया कि अबतक उसने करीब एक हजार से भी ज्यादा मास्क बना चुका है, जिसे पुलिस के जवानों और जिले के लोगों बांट चुका है.

नक्सली संगठन में था टेलर टीम का सदस्य

माड़वी लक्खा मूल रुप से सुकमा के जगरगुंडा क्षेत्र का रहने वाला है. समर्पण से पहले वह नक्सली संगठन में टेलर टीम का सदस्य था. उसने बताया कि साल 1998 में बाल संघ सदस्य के रूप में संगठन शामिल हुआ था और सदस्यों के लिए वर्दी सिलाई का काम किया है. उसने बताया कि वह समाज की मुख्यधारा में जुड़कर प्रशासन की योजना के माध्यम से क्षेत्र के विकास में सहयोग कर रहा है.

सुकमाः आज वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है. वहीं इस संक्रमण से बचाव के लिए समाज के सभी वर्ग के लोग किसी न किसी तरह से योगदान दे रहे हैं. इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पुलिस जवानों के साथ एक ऐसा शख्स भी सहयोग कर रहा है, जो कभी नक्सली संगठन से ताल्लुक रखता था.

आत्मसमर्पित नक्सली की कोरोना की लड़ाई में पहल

माड़वी लक्खा नाम का आत्मसमर्पित नक्सली आज कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन की मदद कर रहा है और एक दिन में करीब 250 से ज्यादा मास्क बना रहा है. बाजार में मास्क और सेनेटाइजर की कमी की वजह से लोगों को नहीं मिल रहा है. वहीं जिले में पुलिस विभाग इस कमी को दूर करने के लिए मास्क बनवा रहा है और पुलिस विभाग के साथ- साथ जरूरतमंदों को निःशुल्क उपलब्ध करा रहा है.

माड़वी ने बदली अपनी विचारधारा

सरेंडर नक्सली माड़वी लक्खा संगठन में रहने के समय से ही सिलाई करना जानता है. माड़वी ने पिछले साल 2019 में नक्सली विचारधारा से तंग आकर संगठन छोड़कर आम जीवन में जुड़ने की इच्छा जताते हुए पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. इसके बाद से वह समाज की मुख्यधारा में जुड़कर जीवन यापन कर रहा है. माड़वी ने बताया कि अबतक उसने करीब एक हजार से भी ज्यादा मास्क बना चुका है, जिसे पुलिस के जवानों और जिले के लोगों बांट चुका है.

नक्सली संगठन में था टेलर टीम का सदस्य

माड़वी लक्खा मूल रुप से सुकमा के जगरगुंडा क्षेत्र का रहने वाला है. समर्पण से पहले वह नक्सली संगठन में टेलर टीम का सदस्य था. उसने बताया कि साल 1998 में बाल संघ सदस्य के रूप में संगठन शामिल हुआ था और सदस्यों के लिए वर्दी सिलाई का काम किया है. उसने बताया कि वह समाज की मुख्यधारा में जुड़कर प्रशासन की योजना के माध्यम से क्षेत्र के विकास में सहयोग कर रहा है.

Last Updated : Apr 21, 2020, 10:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.