सुकमा: बस्तर संभाग के सुकमा जिले में आज एक नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पित महिला नक्सली पर एक लाख का इनाम घोषित था. शुक्रवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों के सामने नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया. इस बात की जानकारी सुकमा एसपी की ओर से दी गई है.
मिलेगा पुनर्वास नीति का लाभ: एसपी किरण चव्हाण की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार मुचाकी भीमा और उसकी पत्नी मुचाकी गाले ने आज आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर इस दंपति ने सरेंडर किया. मुचाकी भीमा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ (डीएकेएमएस) का सदस्य था. जबकि मुचाकी गाले क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (केएएमएस) की प्रमुख थी. ये नक्सलियों की कटेकल्याण एरिया कमेटी के तहत काम करते थे. मुचाकी गाले पर एक लाख का इनाम भी घोषित है. इस दंपति को छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
मुचाकी भीमा और उनकी पत्नी मुचाकी गाले ने नक्सलियों की अमानवीय और खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर किया. इन दोनों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया. ये पिछले 4-5 सालों में हुई नक्सली हिंसा में शामिल थे. -किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा
पहले भी दंपति ने किया सरेंडर: बता दें कि 21 जुलाई को भी सुकमा में इनामी नक्सली दंपति सहित एक अन्य नक्सली ने सरेंडर किया था. ये सभी झीरम घटना में शामिल थे. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाए जा रहे नक्सलवाद उन्मूलन नीति और सुकमा में चलाए जा रहे "पूना नर्कोम" नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था.
पूना नार्कोम अभियान का दिख रहा असर: नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया है. इस अभियान को "पूना नार्कोम अभियान" नाम दिया गया है. इस अभियान के तहत सुकमा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बैनर पोस्टर लगाने और ग्रामीणों से मिलकर नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए अपील की जा रही है.