सुकमा: सुकमा में पोटाकेबिन की छात्रा से रेप के मामले पर राजनीतिक घमासान तेज है. बीते 25 जुलाई को इस रेप केस का खुलासा हुआ था. उसके बाद से लगातार सुकमा का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. 26 जुलाई को बीजेपी महिला नेताओं का दल सुकमा पहुंचा था. जांच की गई थी. मंगलवार एक अगस्त को इस मसले पर बीजेपी ने सुकमा बंद बुलाया. इस बंद की वजह से पूरे सुकमा जिले में जन जीवन प्रभावित हुआ है. दुकानें बंद हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता रैली निकालकर दुकानों को बंद कराने का काम भी करते दिखे
हॉस्टल वार्डन को बेल मिलने का विरोध: बीजेपी इस मामले में महिला हॉस्टल वार्डन को बेल मिलने का विरोध कर रही है. बीजेपी नेताओं ने पोटाकेबिन की अधीक्षिका पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
सुकमा के पोटाकेबिन की छात्रा से निंदनीय काम किया गया है. हम सुकमा जिला प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. पोटाकेबिन की अधीक्षिका ने पीड़ित के गुप्तांगों को टच किया था. इसके बावजूद उसे बेल दिया गया है. 25 जुलाई की सुबह शिक्षा विभाग के बीएमसी, बीआरसी, बीईओ, डीएमसी पोटाकेबिन पहुंचकर रजिस्टर को छुपाने का काम किया था. इन सबसे खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई हो. जरूरत पड़े तो इन्हें बर्खास्त भी किया जाए. - धनीराम बारसे, सुकमा बीजेपी जिला अध्यक्ष
आरोपियों को बचाने का काम कर रही पुलिस: सुकमा बीजेपी जिला अध्यक्ष धनरीम बारसे ने आरोप लगाया कि घटना के दिन 4 व्यक्तियों ने पोटाकेबिन के अंदर प्रवेश किया था. इसके बावजूद सुकमा पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है. कहीं ना कहीं सुकमा पुलिस आरोपियों को छुपाने का प्रयास कर रही है. यदि सुकमा पुलिस आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले दिनों में भाजपा उग्र रूप से आंदोलन करेगी. इस पीड़ित बच्ची के परिवारवालों को 50 लाख रुपये का मुआवजा भी देने की मांग बीजेपी जिलाध्यक्ष ने की है.
बीजेपी नेता के इन आरोपों पर अभी तक जिला प्रशासन और कांग्रेस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. अब देखना होगा कि इस मसले पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है.