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लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था की लापरवाही से अधर में अटका छात्रों का भविष्य

ट्रेनिंग संस्था और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में है. कोर्स खत्म होने के बाद नवंबर 2018 में संस्था द्वारा डीसीए की परीक्षा होनी थी, लेकिन ट्रेनिंग संस्था को समय पर राशि नहीं मिलने पर परीक्षा ही नहीं करायी गयी.

लाइवलीहुड कॉलेज
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Published : Aug 22, 2019, 11:58 PM IST

सुकमा: लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था ट्रैक कंप्यूटर्स की गंभीर लापरवाही की वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. डेढ़ साल बीतने के बाद भी संस्था द्वारा परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है, जिसके चलते ढाई सौ से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था की लापरवाही से अधर में अटका छात्रों का भविष्य

ट्रेनिंग संस्था का कहना है कि लाइवलीहुड कॉलेज के जिम्मेदारों ने समय रहते राशि का भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से परीक्षा आयोजित नहीं करवा पाए. वहीं लाइवलीहुड कॉलेज के जिम्मेदारों का कहना है कि 80 प्रतिशत राशि का भुगतान किए जाने के बाद भी संस्था लापरवाही बरत रही है. ट्रेनिंग संस्था और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.

साल 2017-18 में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत कुम्हाररास स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में 1 साल के कंप्यूटर कोर्स के लिए ढाई सौ युवाओं ने एडमिशन लिया था. युवाओं को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दंतेवाड़ा के ट्रैक कंप्यूटर्स को दी गई थी. कोर्स खत्म होने के बाद नवंबर 2018 में संस्था द्वारा डीसीए की परीक्षा होनी थी, लेकिन ट्रेनिंग संस्था को समय पर राशि नहीं मिलने पर परीक्षा ही नहीं करायी गयी.

इस मामले में छात्र ने बताया कि परीक्षा नहीं होने से उनका साल बर्बाद हो गया है. जिम्मेदारों से जब वे पूछते है तो वे एक-दो महीने में परीक्षा होने की बात कहकर टाल देते हैं.

भुगतान में की देरी
ट्रैक कंप्यूटर्स के सेंट्रल इंचार्ज सुभाष पैकरा ने बताया कि लाइवलीहुड कॉलेज के साथ हुए करार में परीक्षा के लिए 80 फीसदी राशि का भुगतान किया जाना था. प्रथम किश्त के बाद दूसरी किश्त के भुगतान में प्रबंधन ने देरी कर दी, जिसके चलते डीसीए की परीक्षा नहीं कराई गई. डीसीए की परीक्षा ऑनलाइन होती है. इसके लिए प्रति छात्र दो हजार रुपए मूल्यांकन के रूप में पहले जमा करना होता है. फरवरी 2019 में ही शेष राशि का भुगतान हुआ है. सितंबर में डीसीए की परीक्षा आयोजित की जाएगी.

80% राशि का हो चुका है भुगतान
लाइवलीहुड कॉलेज के नोडल अधिकारी गिरीशचंद्र बेलसरिया ने बताया कि ट्रेनिंग संस्था ने दिसंबर 2017 में कोर्स की शुरुआत की. कॉलेज और संस्था के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्टार्टअप के लिए 20% और 3 महीने के बाद दी जाने वाली 30% राशि का भुगतान एक साथ किया गया. इस दौरान कोर्स के बीच ही संस्था द्वारा 30% की राशि की मांग की गई. शासन स्तर पर आबंटन में विलंब होने के चलते संस्था को भुगतान नहीं किया जा सका. शासन से आवंटन प्राप्त होते ही फरवरी 2019 में संस्था को 30% की राशि जारी की गई. एग्रीमेंट के तहत संस्था को दिए जाने वाले 30 लाख में करीब 26 लाख का भुगतान किया जा चुका है. भुगतान नहीं मिलने का बहाना बनाते हुए ट्रेनिंग संस्था ने साल 2018 की परीक्षा आयोजित नहीं की है.

सुकमा: लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था ट्रैक कंप्यूटर्स की गंभीर लापरवाही की वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. डेढ़ साल बीतने के बाद भी संस्था द्वारा परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है, जिसके चलते ढाई सौ से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था की लापरवाही से अधर में अटका छात्रों का भविष्य

ट्रेनिंग संस्था का कहना है कि लाइवलीहुड कॉलेज के जिम्मेदारों ने समय रहते राशि का भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से परीक्षा आयोजित नहीं करवा पाए. वहीं लाइवलीहुड कॉलेज के जिम्मेदारों का कहना है कि 80 प्रतिशत राशि का भुगतान किए जाने के बाद भी संस्था लापरवाही बरत रही है. ट्रेनिंग संस्था और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.

साल 2017-18 में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत कुम्हाररास स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में 1 साल के कंप्यूटर कोर्स के लिए ढाई सौ युवाओं ने एडमिशन लिया था. युवाओं को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दंतेवाड़ा के ट्रैक कंप्यूटर्स को दी गई थी. कोर्स खत्म होने के बाद नवंबर 2018 में संस्था द्वारा डीसीए की परीक्षा होनी थी, लेकिन ट्रेनिंग संस्था को समय पर राशि नहीं मिलने पर परीक्षा ही नहीं करायी गयी.

इस मामले में छात्र ने बताया कि परीक्षा नहीं होने से उनका साल बर्बाद हो गया है. जिम्मेदारों से जब वे पूछते है तो वे एक-दो महीने में परीक्षा होने की बात कहकर टाल देते हैं.

भुगतान में की देरी
ट्रैक कंप्यूटर्स के सेंट्रल इंचार्ज सुभाष पैकरा ने बताया कि लाइवलीहुड कॉलेज के साथ हुए करार में परीक्षा के लिए 80 फीसदी राशि का भुगतान किया जाना था. प्रथम किश्त के बाद दूसरी किश्त के भुगतान में प्रबंधन ने देरी कर दी, जिसके चलते डीसीए की परीक्षा नहीं कराई गई. डीसीए की परीक्षा ऑनलाइन होती है. इसके लिए प्रति छात्र दो हजार रुपए मूल्यांकन के रूप में पहले जमा करना होता है. फरवरी 2019 में ही शेष राशि का भुगतान हुआ है. सितंबर में डीसीए की परीक्षा आयोजित की जाएगी.

80% राशि का हो चुका है भुगतान
लाइवलीहुड कॉलेज के नोडल अधिकारी गिरीशचंद्र बेलसरिया ने बताया कि ट्रेनिंग संस्था ने दिसंबर 2017 में कोर्स की शुरुआत की. कॉलेज और संस्था के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्टार्टअप के लिए 20% और 3 महीने के बाद दी जाने वाली 30% राशि का भुगतान एक साथ किया गया. इस दौरान कोर्स के बीच ही संस्था द्वारा 30% की राशि की मांग की गई. शासन स्तर पर आबंटन में विलंब होने के चलते संस्था को भुगतान नहीं किया जा सका. शासन से आवंटन प्राप्त होते ही फरवरी 2019 में संस्था को 30% की राशि जारी की गई. एग्रीमेंट के तहत संस्था को दिए जाने वाले 30 लाख में करीब 26 लाख का भुगतान किया जा चुका है. भुगतान नहीं मिलने का बहाना बनाते हुए ट्रेनिंग संस्था ने साल 2018 की परीक्षा आयोजित नहीं की है.

Intro:लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था की लापरवाही से अधर में अटका छात्रों का भविष्य...

सुकमा. लाइवलीहुड कॉलेज और ट्रेनिंग संस्था ट्रैक कंप्यूटर्स की गंभीर लापरवाही से विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. डेढ़ साल बीतने के बाद भी संस्था द्वारा परीक्षा आयोजित नहीं किया गया है. जिसके चलते ढाई सौ से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

ट्रेनिंग संस्था का कहना है कि लाइवलीहुड कालेज के जिम्मेदारों ने समय रहते राशि का भुगतान नहीं किया जिसके चलते ही परीक्षा आयोजित नहीं करवा पाए. वहीं लाइवलीहुड कॉलेज के जिम्मेदारो का कहना है कि 80 प्रतिशत राशि का भुगतान किए जाने के बाद भी संस्था लापरवाही बरत रही है. ट्रेनिंग संस्था और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.

वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत कुम्हाररास स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में 1 साल के कंप्यूटर कोर्स के लिए ढाई सौ युवाओं ने एडमिशन लिया था. युवाओं को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दंतेवाड़ा के ट्रैक कंप्यूटर्स को दी गई थी. कोर्स खत्म होने के बाद नवंबर 2018 में संस्था द्वारा डीसीए की परीक्षा आयोजित किया जाना था. लेकिन ट्रेनिंग संस्था को समय पर राशि नहीं मिलने से परीक्षा ही नहीं कराया गया. एक साल से ज्यादा समय बीत गया है और विद्यार्थियों को परीक्षा का इंतजार है. छात्रों ने बताया कि परीक्षा नहीं होने से साल बर्बाद हो गया है. जिम्मेदारों से पूछने पर एक-दो माह में परीक्षा होने की बात कहकर टाला जा रहा है.


Body: भुगतान में की देरी...
ट्रैक कंप्यूटर्स के सेंट्रल इंचार्ज सुभाष पैकरा ने बताया कि लाइवलीहुड कॉलेज के साथ हुए करार में परीक्षा के लिए 80 फ़ीसदी राशि का भुगतान किया जाना था. प्रथम किस के बाद दूसरे किस्त के भुगतान में प्रबंधन ने देर कर दी. जिसके चलते डीसीए की परीक्षा नहीं कराई गई. डीसीए की परीक्षा ऑनलाइन होती है इसके लिए प्रति छात्र दो हजार रुपए मूल्यांकन के रूप में पहले जमा करना होता है. फरवरी 2019 में ही शेष राशि का भुगतान हुआ है. सितंबर में डीसी की परीक्षा आयोजित की जाएगी.


Conclusion:80% राशि का हो चुका है भुगतान...
लाइवलीहुड कॉलेज के नोडल अधिकारी गिरीशचंद्र बेलसरिया ने बताया कि ट्रेनिंग संस्था ने दिसंबर 2017 में कोर्स की शुरुआत की. लाइव कॉलेज और संस्था के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्टार्टअप के लिए 20% और 3 माह के बाद दी जाने वाली 30% राशि का भुगतान एक साथ किया गया. इस दौरान कोर्स के मध्य ही संस्था द्वारा 30% की राशि की मांग की गई. शासन स्तर पर आवंटन में विलंब होने के चलते संस्था को भुगतान नहीं किया जा सका. शासन से आवंटन प्राप्त होते ही फरवरी 2019 में संस्था को 30% की राशि जारी की गई. एग्रीमेंट के तहत संस्था को दिए जाने वाले 30 लाख में करीब 26 लाख का भुगतान किया जा चुका है. भुगतान नहीं मिलने का बहाना बनाते हुए ट्रेनिंग संस्था ने वर्ष 2018 का परीक्षा आयोजित नहीं किया है.

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बाइट 03: सुभाष पैकरा, ट्रैक कंप्यूटर्स के इंचार्ज
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