सुकमा: नक्सलियों ने एक बार फिर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है. जिले में नक्सलियों ने पर्चा जारी कर 14 सिंतबर को कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया है. नक्सलियों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को ढोंगी बताया है. बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास ने पर्चा जारी कर ये बातें कही हैं.
3 ग्रामीणों की मौत
नक्सल सचिव ने जारी पर्चे में कहा है कि 14 सितंबर को जिले के कोतागुड़ा गांव के ग्रामीण अपने गांव के पुजारी का चुनाव करने के लिए अपनी परंपरा के अनुसार शिकार करने जंगल गए हुए थे. इसी दौरान चिंतलनार थाना के बुर्कापाल कैंप से गश्त पर निकले डीआरजी के जवानों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी. इसमें एक ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं अन्य गांववाले घायल हुए थे, जिनकी मौत बाद में हुई.
पूर्व सरकार की तरह काम कर रही है कांग्रेस सरकार
नक्सलियों का कहना है कि, 'कांग्रेस की सरकार भी पहले की सरकार की तरह काम कर रही है. भाजपा के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार अब खुद वहीं काम कर रही है. इससे पहले भी पुलिस ने गोडेलगुड़ा में अंधाधुंध गोलीबारी कर आदिवासी महिला पोडियाम सुक्की की हत्या की थी.'
नक्सलियों ने लगाए आरोप
- नक्सलियों ने लिखा है कि चुनाव से पहले आदिवासियों का हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाले कवासी लखमा ने अब उसके विपरीत काम कर रहे हैं.
- नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में भू अर्जन पुनर्वास पुनर्व्यवस्थापन कानून 2019 पास कराया गया है, जिससे किसानों की जमीनों, जंगलों, खदानों को छीनकर पूंजीपतियों के हवाले किया जा सके.
- नक्सलियों का आरोप है कि सरकार आदिवासियों को दहशत में डालकर खनन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए फर्जी मुठभेड़ और गिरफ्तारी करा रही है.
- नक्सलियों का कहना है कि शासन फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने की बजाय डीआरजी के गुंडों को इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे रही है.