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नक्सलियों ने कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को बताया फर्जी, कहा- BJP ने जो किया वही कर रही कांग्रेस

नक्सल सचिव ने पर्चा जारी कर कोतागुड़ा गांव में हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया है. इसके साथ ही कांग्रेस पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है.

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Published : Sep 19, 2019, 9:18 AM IST

Updated : Sep 19, 2019, 3:34 PM IST

नक्सल पर्चा

सुकमा: नक्सलियों ने एक बार फिर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है. जिले में नक्सलियों ने पर्चा जारी कर 14 सिंतबर को कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया है. नक्सलियों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को ढोंगी बताया है. बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास ने पर्चा जारी कर ये बातें कही हैं.

नक्सलियों ने कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को बताया फर्जी

3 ग्रामीणों की मौत
नक्सल सचिव ने जारी पर्चे में कहा है कि 14 सितंबर को जिले के कोतागुड़ा गांव के ग्रामीण अपने गांव के पुजारी का चुनाव करने के लिए अपनी परंपरा के अनुसार शिकार करने जंगल गए हुए थे. इसी दौरान चिंतलनार थाना के बुर्कापाल कैंप से गश्त पर निकले डीआरजी के जवानों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी. इसमें एक ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं अन्य गांववाले घायल हुए थे, जिनकी मौत बाद में हुई.

पूर्व सरकार की तरह काम कर रही है कांग्रेस सरकार
नक्सलियों का कहना है कि, 'कांग्रेस की सरकार भी पहले की सरकार की तरह काम कर रही है. भाजपा के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार अब खुद वहीं काम कर रही है. इससे पहले भी पुलिस ने गोडेलगुड़ा में अंधाधुंध गोलीबारी कर आदिवासी महिला पोडियाम सुक्की की हत्या की थी.'

नक्सलियों ने लगाए आरोप

  • नक्सलियों ने लिखा है कि चुनाव से पहले आदिवासियों का हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाले कवासी लखमा ने अब उसके विपरीत काम कर रहे हैं.
  • नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में भू अर्जन पुनर्वास पुनर्व्यवस्थापन कानून 2019 पास कराया गया है, जिससे किसानों की जमीनों, जंगलों, खदानों को छीनकर पूंजीपतियों के हवाले किया जा सके.
  • नक्सलियों का आरोप है कि सरकार आदिवासियों को दहशत में डालकर खनन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए फर्जी मुठभेड़ और गिरफ्तारी करा रही है.
  • नक्सलियों का कहना है कि शासन फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने की बजाय डीआरजी के गुंडों को इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे रही है.

सुकमा: नक्सलियों ने एक बार फिर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है. जिले में नक्सलियों ने पर्चा जारी कर 14 सिंतबर को कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया है. नक्सलियों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को ढोंगी बताया है. बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास ने पर्चा जारी कर ये बातें कही हैं.

नक्सलियों ने कोत्तागुड़ा में हुए मुठभेड़ को बताया फर्जी

3 ग्रामीणों की मौत
नक्सल सचिव ने जारी पर्चे में कहा है कि 14 सितंबर को जिले के कोतागुड़ा गांव के ग्रामीण अपने गांव के पुजारी का चुनाव करने के लिए अपनी परंपरा के अनुसार शिकार करने जंगल गए हुए थे. इसी दौरान चिंतलनार थाना के बुर्कापाल कैंप से गश्त पर निकले डीआरजी के जवानों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी. इसमें एक ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं अन्य गांववाले घायल हुए थे, जिनकी मौत बाद में हुई.

पूर्व सरकार की तरह काम कर रही है कांग्रेस सरकार
नक्सलियों का कहना है कि, 'कांग्रेस की सरकार भी पहले की सरकार की तरह काम कर रही है. भाजपा के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार अब खुद वहीं काम कर रही है. इससे पहले भी पुलिस ने गोडेलगुड़ा में अंधाधुंध गोलीबारी कर आदिवासी महिला पोडियाम सुक्की की हत्या की थी.'

नक्सलियों ने लगाए आरोप

  • नक्सलियों ने लिखा है कि चुनाव से पहले आदिवासियों का हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाले कवासी लखमा ने अब उसके विपरीत काम कर रहे हैं.
  • नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में भू अर्जन पुनर्वास पुनर्व्यवस्थापन कानून 2019 पास कराया गया है, जिससे किसानों की जमीनों, जंगलों, खदानों को छीनकर पूंजीपतियों के हवाले किया जा सके.
  • नक्सलियों का आरोप है कि सरकार आदिवासियों को दहशत में डालकर खनन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए फर्जी मुठभेड़ और गिरफ्तारी करा रही है.
  • नक्सलियों का कहना है कि शासन फर्जी मुठभेड़ का विरोध करने की बजाय डीआरजी के गुंडों को इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे रही है.
Intro:*कोत्तागुडा मुठभेड़ को नक्सलियों ने बताया फर्जी, शिकार करने के गये ग्रामीणों को अंधाधुंध फायरिंग कर उतारा मौत के घाट...*

*सुकमा.* जिले के कोत्तागुड़ा में 14 सिंतबर को हुए मुठभेड़ को माओवादियों ने फर्जी बताया है। माओवादियोंं ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को ढोंगी भी बताया है। बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास ने पर्चा जारी कर उक्त बातें कही हैं।

नक्सल सचिव ने जारी पर्चे में कहा है कि 14 सितंबर को जिले के कोतागुड़ा गांव जिला के ग्रामीण अपने गांव के पुजारी का चुनाव के लिए अपनी परंपरा के अनुसार शिकार करने जंगल में गए थे। जंगली सूअर का पीछा करने के दौरान चिंतलनार थाना अंतर्गत के बुर्कापाल कैंप से गश्त पर निकली डीआरजी के जवानों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर तीन ग्रामीणों – सोड़ी देवाल, मुचाकी हड़मा, मुचाकी हिड़मा पर फायरिंग की। इनमें से सोड़ी देवा की घटना स्थल पर ही मौत हुई जबकि दो अन्य ग्रामीणों को घायल अवस्था में पकड़कर उन्हें आमानवीय यातनाएं देकर पुलिस ने उनकी जघन्य हत्या कर दी।

*पूववर्ती सरकार की तरह काम कर रही कांग्रेस सरकार...*
माओवादियों ने कांग्रेस की भूपेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए लिखा है कि कांग्रेस की सराकार पूर्ववर्ती सरकार की तरह काम कर रही हैे। सत्ता में काबिज होते ही कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने अपने चुनावी वादों को भूल गई है। भाजपा के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ों का विरोध करने का दिखावा करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा 2 फरवरी को सुकमा जिले के गोडेलगुड़ा में अंधाधुंध गोलीबारी कर आदिवासी महिला पोडियाम सुक्की की हत्या की गयी जबकि उसी घटना में और एक महिला कलमू देवे को गंभीर रूप से घायल किया गया था।

*Body:कवासी लखमा को कहा ढोंगी और गद्दार...*
चुनाव से पूर्व आदिवासी हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाले ढोंगी, आदिवासियों का गद्दार, धोखेबाज कवासी लखमा सत्ता में बैठते ही आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन व संसाधनों को कौड़ियों के भाव देशी, विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए स्वयं उद्योग मंत्री बन बैठा हैं। फर्जी मुठभेड़ों का विरोध करना तो दूर उन्हें अंजाम देने वाले डीआरजी गुंडों को ईनाम व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे रहा है. उसी की देखरेख में छत्तीसगढ़ भू अर्जन, पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन कानून, 2019 पास कराया गया है जोकि राज्य के किसानों, दलितों व आदिवासियों की जमीनों, जंगलों, खदानों को छीनकर पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए ही बनाया गया है.आदिवासियों को दहशत में डालकर खनन परियोजनाओं जैसे नंदराज पहाड़ से लेकर उत्तर में हाहलादी, मानपुर तक एवं वृहद बांध परियोजनाओं को शुरु कराने के लिए ही फर्जी मुठभेड़ों, गिरफ्तारियां, गांवों पर हमलों, अत्याचारों, जनता की बेदम पिटाई का सिलसिला जारी है. आदिवासी अवाम के दमन में शोषक-शासक वर्गों के हाथों कठपुतली बनकर अपना उल्लू सीधा करने वाला स्वार्थी व आदिवासी विरोधी कवासी लखमा के असली चरित्र से अवगत होकर उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों का भंडाफोड़ करें।

Conclusion:हाल ही में 8 सितंबर को बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक के बंडागुडा के पुनेम बुधराम, ओयम सन्नु, ताती सोना, पोटाम राकेश, माड़वी बसंत को आधी रात घर से पकड़ कर जेल भेजा गया. 12 सितंबर को बीजापुर जिले के दारेली गांव पर हमला कर चिंतलनार, चिंतागुफा, बुरकापाल पुलिस ने 20 ग्रामीणों को पकड़कर बेदम पिटाई करके छोड़ दिया था. जबकि माड़वी गुज्जाल नामक ग्रामीण को अभी तक पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा है। यह सिलसिला बेरोकटोक जारी है. कुछ लोगों को आत्मसमर्पण दिखाया जाता है, कुछ लोगों को झूठे केसों में जेल भेजा जाता है जबकि कुछेक की माओवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने की कहानी के जरिए इहलीला समाप्त किया जाता है।

बाइट 01: शलभ सिन्हा, एसपी सुकमा
Last Updated : Sep 19, 2019, 3:34 PM IST
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