सुकमा: नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आ कर एक लाख के ईनामी नक्सली सहित दो नक्सलियों ने शनिवार को सरेंडर किया है. Naxalites Surrenderd in Sukma दोनों नक्सली छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति और सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'पूना नर्कोम अभियान' (नई सुबह नई शुरुवात) से प्रभावित हुए. Sukma police getting success from Poona Narkom जिसके बाद उन्होंने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में पुलिस और सीआरपीएफ 223वीं वाहिनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.
क्या है पूना नर्कोम अभियान: सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि "नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिले में सरकार द्वारा नक्सल उन्मूलन आभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत "पूना नर्कोम अभियान" चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत सुकमा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बैनर पोस्टर लगाने के साथ ही ग्रामीणों से मिलकर नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए अपील की जा रही है."
दोनों नक्सली कई घटनाओं में रहे हैं शामिल: सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि "सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली इस अभियान से प्रभावित हुए. जिसके बाद थाना चिंतागुफा और चिंतलनार एरिया में सक्रिय दोनों नक्सलियों ने सरेंडर किया. समर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों में एक DAKMS सदस्य लेकाम गुज्जा है, जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 लाख का इनाम घोषित था. वहीं दूसरा मिलिशिया डिप्टी कमांडर मड़कम हिडिया है. दोनों ही नक्सल संगठन में शामिल होकर कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं.
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समर्पित नक्सलियों को जल्द मिलेगा योजनाओं का लाभ: सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि "सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. उन्हें शासन की सभी योजनाओं का लाभ भी जल्द प्रदाय किया जायेगा."
एक सप्ताह में 7 नक्सलियों ने किया सरेंडर: सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि "जिले में नक्सलियों के विरुद्ध सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर 2 सप्ताह में नक्सल संगठन से जुड़े 7 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जिनमें 4 ईनामी नक्सली शामिल हैं. इन चार इनामी नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था."