सुकमा: मड़वी हिडमा नाम के नक्सली ने सरेंडर किया है. आत्मसमर्पित मड़वी हिडमा सुकमा जिले के थोंडामरका गांव का निवासी है. मिलिशिया सदस्य नक्सली मड़वी हिडमा ने तेलंगाना में मुलुगु जिला में पुलिस अधीक्षक डॉ. संग्राम सिंह पाटिल और 151 सीआरपीएफ (कालीवेरू) कमांडेंट प्रद्युम्न कुमार सिंह और विष्णु चरण मुनाकिया के सामने सरेंडर किया है. दूसरी तरफ नक्सलियों ने कमांडर हिडमा के सरेंडर की खबरों का खंडन किया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि माओवादी मड़वी हिडमा कई वर्षों से क्रांतिकारी पीपुल्स कमेटी और मिलिशिया का सदस्य रहा है. 16 साल की उम्र में ही मड़वी हिडमा सुकमा जिले के थोंडामरका गांव में नक्सल संगठन से जुड़ गया था. मड़वी हिकमा की उम्र अभी 24 साल है. यानी करीब 8 साल तक वह नक्सली संगठन से जुड़ा रहा है.
कौन है खूंखार नक्सली हिडमा
बताया जा रहा है कि यह वही माओवादी है जो कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए हमले का मास्टरमाइंड था। अप्रैल 2021 को बीजापुर में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला हुआ था जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे. मुलुगु पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय हिडमा आउड लॉड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) का सदस्य है. वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है और मात्र 16 साल की उम्र में ही माओवादी संगठन से जुड़ गया था. बताया जाता है कि हिडमा कई हमलों का मास्टरमाइंड है. उसने न केवल सुरक्षाबलों पर बल्कि राजनेताओं को भी निशाने पर लिया था.
70 जवानों की शहादत में हिडमा का हाथ
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिडमा ने जो हमले करवाएं हैं. उसमें उसने अब तक 70 जवानों की जान ली है. छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक हिडमा पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था. मडवी हिडमा को अब तक किसी ने नहीं देखा है. उसकी उम्र के बारे में भी अलग अलग की चर्चाएं मीडिया में आती रहती है. हिडमा नक्सलियों का वो कमांडर है. जो हमेशा हथियारों के साथ लैस रहता है. उसके साथ अलग से नक्सलियों हमेशा मौजूद रहती है. बताया जाता है कि हिडमा नक्सली कमांडर रावुला श्रीनिवास उर्फ रमन्ना का करीबी रहा है.
नक्सली कमांडर हिडमा के सरेंडर की खबरों का नक्सलियों ने किया खंडन
नक्सलियों ने कमांडर हिडमा के सरेंडर की खबरों का खंडन किया है. नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस जारी कर कहा कि नक्सली हिडमा के सरेंडर का पुलिस की तरफ से झूठा प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने इसे पुलिस की साजिश बताया है. नक्सलियों का आरोप है कि किसी और व्यक्ति को हिड़मा के नाम से सरेंडर करवाया गया है. यह झूठी कहानी पुलिस की तरफ से गढ़ी गई है. दंडकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने दावा किया है कि नक्सली कमांडर हिडमा संगठन के काम में जुटा हुआ है.