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नक्सलियों ने 10 दिसंबर हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को बताया फर्जी

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Published : Jan 4, 2020, 9:24 AM IST

नक्सलियों का आरोप है कि 18 दिसंबर को सुरक्षाबालों ने बड़े केडवाल, छोटे केडवाल, सिंघनमडगु, तुमालपाड़, एटापाड़, पेंटापाड गांवों में ग्रामीणों पर हमला किया है. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि गांव में हमले के दौरान कई ग्रामीणों के दैनिक उपयोग के सामान को भी सुरक्षा बलों के जवानों ने लूटा है और इन्हें सामान को मीडिया में नक्सलियों के पास से बरामद होने की बात कही है.

प्रेस नोट
प्रेस नोट

सुकमा: नकक्सलियों के कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू ने प्रेस नोट जारी कर पुलिस और सुरक्षा बल पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. नक्सली कमांडर मंगड़ू ने हाल ही में 10 दिसंबर को हुए मुठभेड़ को फर्जी बताते हुई कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

Naxalites call fake encounter
प्रेस नोट

नक्सलियों का आरोप है कि 18 दिसंबर को सुरक्षाबालों ने बड़े केडवाल, छोटे केडवाल, सिंघनमडगु, तुमालपाड़, एटापाड़, पेंटापाड गांवों में ग्रामीणों पर हमला किया है. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि गांव में हमले के दौरान कई ग्रामीणों के दैनिक उपयोग के सामान को भी सुरक्षा बलों के जवानों ने लूटा है और इन्हें सामान को मीडिया में नक्सलियों के पास से बरामद होने की बात कही है. नक्सली कमांडर ने सुरक्षा बलों पर फर्जी मुठभेड़ का भी आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते 10 दिसंबर को इत्तगुड़ा, दरेली और पुलनपाड़ गांव में सुरक्षा बल के जवान सोढ़ी नंदा और मड़कम हिड़मा को उनके खेतों से उठाकर गोली मार दी है. जो नक्सली नहीं आम ग्रामीण था.

Naxalites call fake encounter
प्रेस नोट

नक्सली कमांडर ने पर्चे में सुरक्षा बलों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'क्रांतिकारी आंदोलन के उन्मूलन करने के लक्ष्य लिए गश्त अभियानों के नाम पर कोया कमांडो, एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान गांवों में ग्रामीणों पर हमला कर आम लोगों को मार रहे हैं. गश्ती अभियान के दौरान सुरक्षाबल आम लोगों को नक्सली बताकर जेल में डाल रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों को गुमराह करने के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाया जा रहा है.'

सुकमा: नकक्सलियों के कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू ने प्रेस नोट जारी कर पुलिस और सुरक्षा बल पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. नक्सली कमांडर मंगड़ू ने हाल ही में 10 दिसंबर को हुए मुठभेड़ को फर्जी बताते हुई कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

Naxalites call fake encounter
प्रेस नोट

नक्सलियों का आरोप है कि 18 दिसंबर को सुरक्षाबालों ने बड़े केडवाल, छोटे केडवाल, सिंघनमडगु, तुमालपाड़, एटापाड़, पेंटापाड गांवों में ग्रामीणों पर हमला किया है. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि गांव में हमले के दौरान कई ग्रामीणों के दैनिक उपयोग के सामान को भी सुरक्षा बलों के जवानों ने लूटा है और इन्हें सामान को मीडिया में नक्सलियों के पास से बरामद होने की बात कही है. नक्सली कमांडर ने सुरक्षा बलों पर फर्जी मुठभेड़ का भी आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते 10 दिसंबर को इत्तगुड़ा, दरेली और पुलनपाड़ गांव में सुरक्षा बल के जवान सोढ़ी नंदा और मड़कम हिड़मा को उनके खेतों से उठाकर गोली मार दी है. जो नक्सली नहीं आम ग्रामीण था.

Naxalites call fake encounter
प्रेस नोट

नक्सली कमांडर ने पर्चे में सुरक्षा बलों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'क्रांतिकारी आंदोलन के उन्मूलन करने के लक्ष्य लिए गश्त अभियानों के नाम पर कोया कमांडो, एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान गांवों में ग्रामीणों पर हमला कर आम लोगों को मार रहे हैं. गश्ती अभियान के दौरान सुरक्षाबल आम लोगों को नक्सली बताकर जेल में डाल रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों को गुमराह करने के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाया जा रहा है.'

Intro:पर्चा जारी कर नक्सली कमांडर मंगड़ू ने मुठभेड़ों को बताया फ़र्ज़ी

सुकमा. नक्सलियों की कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू द्वारा प्रेस नोट जारी कर पुलिस जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. नक्सली कमांडर मंगड़ू द्वारा हाल ही में गए मुठभेडों को फ़र्ज़ी बताया है.

Body:18 दिसंबर को सुरक्षाबालों ने बड़े केडवाल, छोटे केडवाल, सिंघनमडगु, तुमालपाड़, एटापाड़, पेंटापाड गाँवो पर हमला किया है. कई ग्रामीणों के दैनिक उपयोगी सामानों को लूटा गया है. जिसे मीडिया में नक्सलियों के पास से बरामद होना बताया गया. वहीं 10 दिसंबर को इत्तगुड़ा, दरेली और पुलनपाड़ गांव में हमला कर सोढ़ी नंदा और मड़कम हिड़मा को उनके खेतों से उठाकर गोली मार दी गई.

Conclusion:नक्सली कमांडर ने पर्चे में लिखा कि क्रांतिकारी आंदोलन के उन्मूलन करने के लक्ष्य लिए गश्त अभियानों के नाम पर कोया कमांडो, एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ बालों द्वारा गाँवो में हमले कर फ़र्ज़ी लोगों को मौत के घाट उतार जा रहा है. गश्ती अभियान के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा फ़र्ज़ी लोगों को नक्सली बताकर जेलों में ठूंसा जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों को गुमराह करने सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाया जा रहा है.
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