सुकमा: आदिवासियों का हितैषी होने का झूठा ढोंग रचने वाले नक्सलियों की नई करतूत सामने आई है. आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए सोमड़ा के परिजन पर दबाव बनाकर नक्सलियों ने गांव वापस बुलाया और जनअदालत लगाकर पहले तो पूरे परिवार को पुलिस का सहयोगी करार दिया और फिर सभी की बेरहमी से पिटाई कर दी.
पीड़ित माड़वी सोमड़ा 8 जून को मजदूरी कर आंध्र प्रदेश से वापस अपने गांव लौटा था. इसके बाद 18 जून को कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू, वेटटी कन्नी समेत बड़े संख्या में नक्सली वेलपोच्चा गांव पहुंचे. जहां जनअदालत लगाकर नक्सलियों ने सोमड़ा और उसके पूरे परिवार की जमकर पिटाई की. इतना ही नहीं गांव से बाहर जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद सोमड़ा नक्सली हिंसा से परेशान होकर पुलिस के शरण में आया है.
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जान बूझकर ग्रामीण को पीटा
एएसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि 'नक्सलियों ने धोखे से सोमड़ा को बुलाकर पुलिस के साथ काम करने का आरोप लगाया और पूरे परिवार को ग्रामीणों की मौजूदगी में जानकर बूझकर पीटा. इस घटना से नक्सलियों का दोहरा चरित्र सामने आया है. वो झूठ फैलाकर ग्रामीणों को वापस गावं बुलाते हैं और फिर मनमानी तरीके से आरोप लगाकर उनकी पिटाई और हत्या कर देते हैं. फिलहाल परिवार पुलिस की देख-रेख में सुरक्षित है.