ETV Bharat / state

'लाल आतंक' की क्रूरता, जनअदालत लगाकर ग्रामीण के पूरे परिवार को पीटा

नक्सलियों ने आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए सोमड़ा के परिजनों पर दबाव बनाकर गांव बुलाया और पुलिस का सहयोगी बताकर पूरे परिवार की जनअदालत लगाकर बेरहमी से पिटाई की.

author img

By

Published : Jul 4, 2019, 2:44 PM IST

Updated : Jul 4, 2019, 3:23 PM IST

लाल आतंक' की क्रूरता

सुकमा: आदिवासियों का हितैषी होने का झूठा ढोंग रचने वाले नक्सलियों की नई करतूत सामने आई है. आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए सोमड़ा के परिजन पर दबाव बनाकर नक्सलियों ने गांव वापस बुलाया और जनअदालत लगाकर पहले तो पूरे परिवार को पुलिस का सहयोगी करार दिया और फिर सभी की बेरहमी से पिटाई कर दी.

वीडियो

पीड़ित माड़वी सोमड़ा 8 जून को मजदूरी कर आंध्र प्रदेश से वापस अपने गांव लौटा था. इसके बाद 18 जून को कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू, वेटटी कन्नी समेत बड़े संख्या में नक्सली वेलपोच्चा गांव पहुंचे. जहां जनअदालत लगाकर नक्सलियों ने सोमड़ा और उसके पूरे परिवार की जमकर पिटाई की. इतना ही नहीं गांव से बाहर जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद सोमड़ा नक्सली हिंसा से परेशान होकर पुलिस के शरण में आया है.

पढ़े: रेत उत्खनन गिरोह को खनिज विभाग ने दबोचा, रेत माफिया और ड्राइवर फरार

जान बूझकर ग्रामीण को पीटा
एएसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि 'नक्सलियों ने धोखे से सोमड़ा को बुलाकर पुलिस के साथ काम करने का आरोप लगाया और पूरे परिवार को ग्रामीणों की मौजूदगी में जानकर बूझकर पीटा. इस घटना से नक्सलियों का दोहरा चरित्र सामने आया है. वो झूठ फैलाकर ग्रामीणों को वापस गावं बुलाते हैं और फिर मनमानी तरीके से आरोप लगाकर उनकी पिटाई और हत्या कर देते हैं. फिलहाल परिवार पुलिस की देख-रेख में सुरक्षित है.

सुकमा: आदिवासियों का हितैषी होने का झूठा ढोंग रचने वाले नक्सलियों की नई करतूत सामने आई है. आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए सोमड़ा के परिजन पर दबाव बनाकर नक्सलियों ने गांव वापस बुलाया और जनअदालत लगाकर पहले तो पूरे परिवार को पुलिस का सहयोगी करार दिया और फिर सभी की बेरहमी से पिटाई कर दी.

वीडियो

पीड़ित माड़वी सोमड़ा 8 जून को मजदूरी कर आंध्र प्रदेश से वापस अपने गांव लौटा था. इसके बाद 18 जून को कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू, वेटटी कन्नी समेत बड़े संख्या में नक्सली वेलपोच्चा गांव पहुंचे. जहां जनअदालत लगाकर नक्सलियों ने सोमड़ा और उसके पूरे परिवार की जमकर पिटाई की. इतना ही नहीं गांव से बाहर जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद सोमड़ा नक्सली हिंसा से परेशान होकर पुलिस के शरण में आया है.

पढ़े: रेत उत्खनन गिरोह को खनिज विभाग ने दबोचा, रेत माफिया और ड्राइवर फरार

जान बूझकर ग्रामीण को पीटा
एएसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि 'नक्सलियों ने धोखे से सोमड़ा को बुलाकर पुलिस के साथ काम करने का आरोप लगाया और पूरे परिवार को ग्रामीणों की मौजूदगी में जानकर बूझकर पीटा. इस घटना से नक्सलियों का दोहरा चरित्र सामने आया है. वो झूठ फैलाकर ग्रामीणों को वापस गावं बुलाते हैं और फिर मनमानी तरीके से आरोप लगाकर उनकी पिटाई और हत्या कर देते हैं. फिलहाल परिवार पुलिस की देख-रेख में सुरक्षित है.

Intro:नक्सलियों की मारपीट के बाद परेशान परिवार ने गांव छोड़ा

सुकमा. आदिवासी हितैषी होने का झूठा ढोंग रचने वाले माओवादियों का नई करतूत सामने आई है। आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए सोमड़ा के परिजनों पर दबाव बनाकर नक्सलियों ने गांव वापस बुलाया और पुलिस का सहयोगी बताकर पूरे परिवार की जनअदालत लगाकर बेदम पिटाई कर दी। नक्सली हिंसा से त्रस्त सोमड़ा अपनी पत्नी और बच्चे समेत गाँव छोड़कर पुलिस के समक्ष शरण मे आया है।

गौरतलब है कि नक्सलियों को पुलिस और फ़ोर्स में शामिल युवाओं को वापस लौट आने की अपील करते देखा गया है। ऐसा ही एक मामला हाल में देखने को मिला है जहां नक्सलियों स्थानीय युवाओं को पुलिस और फ़ोर्स में शामिल नही होने की अपील करते हुए एक पर्चा जारी किया गया था। जिसमे नक्सलियों की कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू की ओर से जारी बयान में कहा था कि पुलिस में भर्ती हुए युवा सरकारी द्वारा दी गई गुलामी की नौकरी छोड़कर गांव वापस आने वालो को माफ कर दिया जाएगा। उन्हें गांव में स्वतंत्र जीवन जीने का मौका दिया जाएगा।

पीड़ित माड़वी सोमड़ा ने बताया कि बीते माह 8 जून को नक्सलियों के बुलाने लर वह गांव लौटा था। 18 जून को कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू, वेटटी कन्नी, मिलिशिया कमांडर कवासी हुंगा, दिरदो देवा, हूँगी समेत बड़ी संख्या में नक्सली वेलपोच्चा गांव पहुंचे। सोमड़ा समेत पूरे परिवार को गांव से बाहर ले गए। जनअदालत लगाकर पुलिस का सहयोगी बताकर नक्सलियों ने सोमड़ा व उसकी पत्नी पोज्जे और उसकी बेटी हडमें की डंडे से बेदम पिटाई की। पिटाई के बाद सोमड़ा के पूरे परिवार को गांव से बाहर जाने पर जान से मारने की धमकी दी। गांव में नजरबंद कर दिया। 12 दिनों तक गांव में नजरबंद रहने के बाद 30 जून को मौका मिलते ही वे किसी तरह नक्सलियों से छिपकर कोंटा पहुंचा।



Body:सोमड़ा और सिंगा के हवाले से नक्सलियों ने जारी की थी अपील...
माओवादियों की दक्षिण बस्तर डिवीज़न की कोंटा एरिया कमेटी की ओर से 25 जून को चिन्तागुफ़ा निवासी हिंगा को डीआरजी जवान व वेलपोच्चा निवासी माड़वी सोमड़ा को पुलिस का सहयोगी बताते हुए डीआरजी, कोया, कमांडो, सीआरपीएफ और एसटीएफ के जवानों से अपील का पर्चा जारी किया था। जारी पर्चे में माओवादियों ने दावा किया था कि सोमड़ा व हिंगा पुलिस की गुलामी की जिंदगी छोड़कर अपने घर-परिवार के लास वापस लौट आये हैं। जनअदालत में दोनों ने अपने गलती मान ली है। इसीलिए उन्हें दुबारा मौका दिया गया है। इसी तरह अन्य लोग जो पुलिस व फ़ोर्स में हैं वे नौकरी छोड़कर परिवार के साथ रहकर दूसरे काम करें।


Conclusion:एएसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि नक्सलियों ने धोखा देकर सोमड़ा को बुलाकर पुलिस के साथ काम करने का आरोप लगाकर पूरे परिवार को ग्रामीणों की मौजूदगी में जानकर पीटा। इससे नक्सलियों का दोहरा चरित्र सामने आया है। वे झूठ फैलाकर ग्रामीणो को वापस गयं बुलाते है फिर मनमानी तरीके से आरोप लगाकर उनकी पिटाई व हत्या करते हैं। सोमड़ा के पूरे परिवार को हर संभव मदद किया जाएगा।

बाइट 01 : माड़वी सोमड़ा (पीड़ित ग्रामीण)
बाइट 02 : सिद्धार्थ तिवारी (एएसपी, सुकमा)
Last Updated : Jul 4, 2019, 3:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.