सुकमा: जिले के मिनपा इलाके में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी है. पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए माओवादियों ने ये खूनी खेल खेला और कोरसा कोसा के ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया. नक्सलियों के काफी दिनों से यह शक था कि ग्रामीण पुलिस तक उनकी सूचनाएं पहुंचाता है. इसके बाद शुक्रवार को उसे मौत के घाट उतार दिया.
ग्रामीण का नक्सलियों ने किया था अपहरण (Naxalite incident in Sukma): पुलिस अधिकारी किरण चव्हाण ने बताया कि "ग्रामीण आंध्र प्रदेश में काम करता था. वहां से वह अपने परिवार से मिलने बीजापुर आया था. बीजापुर के पालगुड़ा से नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया था. उसके बाद उसकी हत्या कर दी. पुलिस को इस वारदात की सूचना मिली. जिसके बाद मौके पर पुलिस टीम के साथ पहुंची और ग्रामीण के शव को अपने कब्जे में लिया. अब शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इसके साथ साथ इस वारदात की जांच भी चल रही है."
नारायणपुर में भी नक्सलियों ने की थी ग्रामीण की हत्या: इससे पहले नक्सलियों ने नारायणपुर में एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी. यह घटना जुलाई की है. नारायणपुर जिले के ग्राम रोहताड़ में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के संदेह में गांव के ही एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी.
जुलाई में बीजापुर में माओवादियों ने खेला था खूनी खेल: जुलाई के महीने की 14 तारीख को नक्सलियों ने बीजापुर में रक्त चरित्र दिखाया था. 14 जुलाई की आधी रात को माओवादियों ने एक ग्रामीण की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी. पूरा मामला कुंजाम पारा का था. यहां के शख्स सुंदर ओयाम को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया. नक्सलगढ़ में माओवादी लगातार इस तरह की वारदात को अंजाम देकर गांव वालों में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं. अब देखना होगा को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बल के जवान और छत्तीसगढ़ पुलिस क्या करती है.
सोर्स: एएनआई