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VIDEO: ढोल की थाप पर आदिवासियों संग जमकर नाचे मंत्री कवासी लखमा - tribal dance by kawasi lakhma

मंत्री कवासी लखमा आदिवासियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. लखमा पहले भी आदिवासी नृत्य कर सुर्खियां बन चुके हैं. ढोल गले में डाले लखमा को डांस करते देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. इस दौरान उनके साथ आदिवासी महिलाएं भी थिरकती नजर आईं.

ढोल की थाप पर आदिवासियों संग जमकर नाचे मंत्री कवासी लखमा
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Published : Oct 16, 2019, 7:24 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 9:09 PM IST

सुकमा: छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा कभी अपने बयानों तो कभी अपने अंदाज को लेकर सुर्खियों में बन रहते हैं. कवासी लखमा एक बार फिर अपने अंदाज में लोक नृत्य करके चर्चा में हैं. वे अपने गृह ग्राम नागारास में नवाखाई त्योहार में आदिवासी परंपरा के तहत ढोल की थाप पर नाचते दिखे.

ढोल की थाप पर आदिवासियों संग जमकर नाचे मंत्री कवासी लखमा

इस दौरान मंत्री कवासी लखमा आदिवासियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. लखमा पहले भी आदिवासी नृत्य कर सुर्खियां बन चुके हैं. ढोल गले में डाले लखमा को डांस करते देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. इस दौरान उनके साथ आदिवासी महिलाएं भी थिरकती नजर आईं.

धोती-कुर्ता और जैकेट में डास करते लखमा को जिसने देखा वो ठिठक गया.

सुकमा: छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा कभी अपने बयानों तो कभी अपने अंदाज को लेकर सुर्खियों में बन रहते हैं. कवासी लखमा एक बार फिर अपने अंदाज में लोक नृत्य करके चर्चा में हैं. वे अपने गृह ग्राम नागारास में नवाखाई त्योहार में आदिवासी परंपरा के तहत ढोल की थाप पर नाचते दिखे.

ढोल की थाप पर आदिवासियों संग जमकर नाचे मंत्री कवासी लखमा

इस दौरान मंत्री कवासी लखमा आदिवासियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. लखमा पहले भी आदिवासी नृत्य कर सुर्खियां बन चुके हैं. ढोल गले में डाले लखमा को डांस करते देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. इस दौरान उनके साथ आदिवासी महिलाएं भी थिरकती नजर आईं.

धोती-कुर्ता और जैकेट में डास करते लखमा को जिसने देखा वो ठिठक गया.

Intro:ढोल की थाप पर आदिवासियों संग जमकर नाचे आबकारी मंत्री कवासी लखमा

सुकमा. अक्सर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले छत्तीसगढ़ के आबकारी व उद्योग मंत्री कवासी लखमा का डांस एक बार फिर चर्चा में है। इस बार भी अपने गृह ग्राम नागारास में नवाखाई त्यौहार में आदिवासी परंपरा के तहत ढोल की थाप पर नाचते दिखे। आदिवासियों के बीच कवासी लखमा आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।


Body:पत्रकारों से चर्चा करते हुए कवासी लखमा ने बताया कि बस्तर आदिवासी परंपराओं के लिए जाना जाता है। भाजपा की सरकार में यहां की परंपराएं लुप्त हो गई थी। कांग्रेसी सरकार ने इसे दोबारा शुरू कराया है। 13 साल से बंद स्कूलों को खोला गया है। आज बस्तर का आदिवासी पुलिस और नक्सल के बीच फंस गया है। दोनों तरफ से आदिवासियों का ही नुकसान हो रहा है। इन सब को देखते हुए सरकार आदिवासी हित के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित कर रही है और इन्हें पहचान दिलाने के लिए नया प्रयास कर रही है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 9:09 PM IST
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