मनीष कुंजाम ने कहा कि नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नक्सलियों ने पर्चा जारी कर चुनाव प्रचार में आने वाले नेताओं को सबक सिखाने की बात कही थी. भाजपा नेताओं की हत्या और सीपीआई, कांग्रेस नेताओं को जनअदालत में खड़ा कर सवाल पूछने की बात कही थी. लेकिन कलमु धुर्वा सीपीआई पार्टी से संबंध रखते थे और लंबे समय से बोडको ग्राम पंचायत के सरपंच भी रहे हैं फिर उन्हें क्यों मारा.
नक्सली हर हत्या की जवाबदारी लेते हैं: कुंजाम
मनीष कुंजाम ने कहा कि नक्सली हत्या करने के बाद इसकी जवाबदारी बाकायदा पर्चा जारी कर लेते हैं. जबकि सरपंच कलमु धुर्वा के मामले में ऐसा नहीं किया. मनीष कुंजाम ने कहा कि कलमु धुर्वा की हत्या को नक्सली वारदात दिखाया जा रहा है जबकि ये राजनीतिक हत्या है.
ये है मामला
बोडको सरपंच कलमु धुर्वा की नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव के दौरान कर दी थी. कलमु धुर्वा फुलबगड़ी थाना क्षेत्र के इत्तापारा गांव में चुनाव प्रचार करने गया था, इस दौरान नक्सलियों ने कलमु की डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दिया. हत्या के बाद सीपीआई ने इस हत्या को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कवासी लखमा पर हत्या कराने का आरोप लगया था.