सुकमा: नक्सलियों के सप्लाई चेन में संलिप्त पाए गए बस्तर में पदस्थ 2 आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है. ASI आनंद जाटव और प्रधान आरक्षक सुभाष सिंह को IG सुंदरराज पी ने बर्खास्त कर दिया है. दोनों पर नक्सलियों को मदद पहुंचाने के आरोप हैं. दोनों आरोपी सुकमा में पदस्थ थे. दोनों पर नक्सलियों को कारतूस पहुंचाने के आरोप हैं. फिलहाल दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं.
जानकारी के मुताबिक, 3-4 जून को एएसआई और सप्लायरों के बीच कारतूस सप्लाई की योजना बनी. सप्लायर लगातार एएसआई के संपर्क में थे. पुलिस भी जवान और सप्लायर का फोन ट्रेस कर रही थी. 4 तारीख की सुबह करीब 4 बजे शहर के मलकानगिरी चौक पर मिलने का प्लान बनाया. प्लान के मुताबिक सप्लायर चारपहिया वाहन में सुकमा पहुंचे और मलकानगिरी चौक पर जवान का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच पुलिस की विशेष टीम ने सप्लायरों को घेराबंदी कर धर दबोचा.
कारतूस का बैग लेकर पहुंचे एएसआई आनंद जाटव को भी पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने मौके से दो सप्लायर और एएसआई को हिरासत में लिया. आरोपियों की निशानदेही के बाद पुलिस की जांच में सुकमा में तैनात 2 पुलिसकर्मियों के संलिप्त पाए जाने का मामला उजागर हुआ. जिसके बाद तत्काल दोनों आरोपी ASI आनंद जाटव और प्रधान आरक्षक सुभाष सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
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शहरी नेटवर्क पर वार
बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. पिछले 2 महीने के अंदर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क की कमर तोड़कर रख दी है. 12 मई तक पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और 14 मई को करोड़ों का कारोबारी निशांत जैन हत्थे चढ़ा था. कांकेर में कुछ माह पहले सप्लायरों से पूछताछ में सुकमा के कुछ पुलिसकर्मियों के शामिल होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद से सुकमा पुलिस एएसआई पर नजर बनाए हुई थी. एएसआई आनंद जाटव की संदिग्ध गतिविधियों के कारण पुलिस का शक यकीन में बदल गया. एएसआई का फोन ट्रेस किया गया, जिसमें वो लगातार नक्सल सप्लायरों के संपर्क में था. कारतूस की बड़ी खेप आर्मरर के सहयोग से सप्लायारों तक पहुंच रही थी.