सुकमा : तस्वीर देश के सबसे कम साक्षरता दर के लिए पहचाने जाने वाला सुकमा जिले से निकलकर आई है. जी हां, वही सुकमा जिसका नाम सुनते ही आपके जहन में सैकड़ों नक्सली वारदातें सामने आने लगती हैं.
जिला प्रशासन ने इस तस्वीर को बदलने, बच्चों को किताबों के और करीब लाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए 100 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए खूबसूरत लायब्रेरी खोले जाएंगे.
नक्सल प्रभावित जिले के इन नन्हे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और ज्ञान की दुनिया को पुस्तकों के माध्यम से लिखना-पढ़ना सिखाने के लिए यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा. गुरुवार को प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जिला मुख्यालय के पावारास स्थित प्रायमरी स्कूल में पुस्तकालय का उद्घाटन कर इसकी शुरुआत कर दी है.
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शिक्षिका ममता सिंह कहती हैं कि बच्चे किसी भी पठन सामग्री को धारा प्रवाह के साथ समझ कर पढ़ें और पढ़ाई उन्हें बोझ न लगे, इसके लिए कहानी, महापुरुषों की जीवनी की छोटी-छोटी किताबें और वर्ण माला पढ़कर बच्चे किताबों से जुड़ सकेंगे. वहीं जिले के कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा की इस पहल से बच्चों में पढ़ने की दक्षता और समझने की क्षमता का विकास होगा.