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नुलकातोंग नक्सली मुठभेड़ के चार साल: ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों पर लगाए फर्जी एनकाउंटर के आरोप - नुलकातोंग इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

सुकमा के नुलकातोंग इलाके में 6 अगस्त 2018 को नक्सली मुठभेड़ हुआ (Four years of Nulkatong Naxalite encounter) था. इस एनकाउंटर में 15 नक्सलियों के मारे जाने का दावा सुरक्षाबलों ने किया (Nulkatong Naxalite encounter Villagers accuse security forces) था. लेकिन गांव वालों ने इस मुठभेड़ पर सवाल उठाए ( fake encounter in sukma) थे. इस घटना के चार साल बाद भी गांव वालों ने पुलिस प्रशासन पर संगीन ( bastar naxalite incident news) आरोप लगाए हैं

Villagers accuse security forces of fake encounter
नुलकातोंग नक्सली मुठभेड़ के चार साल
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Published : Aug 6, 2022, 10:44 PM IST

सुकमा: बस्तर के सुकमा में 6 अगस्त 2018 को नुलकातोंग इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई (Four years of Nulkatong Naxalite encounter) थी. इस मुठभेड़ में 15 नक्सलियों को मार गिराने का दावा सुरक्षाबलों ने किया (Nulkatong Naxalite encounter Villagers accuse security forces) था. इस मामले में सुकमा के नुलकातोंग के ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गांव वालों का कहना है कि सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया था. तब से लगातार गांव वाले हर 6 अगस्त को शहीदी दिवस मनाते हैं और इस मुठभेड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते ( fake encounter in sukma) हैं. इस बार गांव वालों ने इस मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीणों की याद में शहीद स्मारक बनाया और वहां श्रद्धांजलि सभा की. इस सभा में कई ग्रामीण ( bastar naxalite incident news) उपस्थित थे.

ग्रामीणों का दावा सुरक्षा बलों ने किया फर्जी मुठभेड़: ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. यहां पर गांव वालों से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. ग्रामीणों का दावा है कि साल 2018 में यहां निर्दोष गांव वालों को मारा गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि सुरक्षाबल के जवान गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से मारपीट करने लगे. साल 2018 में जब जवान गोमपाड़ इलाके में सर्चिंग करते हुए पहुंचे तो गांव के ग्रामीण जवानों के मारपीट से डरकर दूसरे गांव नुलकातोंग पहुंचे और सभी ग्रामीण खेत मे सोने चले गए थे. उसी दौरान पुलिस के जवान ग्रामीणों के खेत पर पहुंचे और निहत्थे निर्दोष आदिवासी ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं गांव वालों ने सुरक्षाबलों पर नाबालिग ग्रामीणों को भी मारने का आरोप लगाया. ईटीवी भारत ग्रामीणों के इस दावे की पुष्टि नहीं करता.

नुलकातोंग नक्सली मुठभेड़ के चार साल

ये भी पढ़ें: Narayanpur Police Naxalite Encounter: मारे गए नक्सली के परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी

इस मसले पर सुरक्षाबलों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. देखना होगा की सुरक्षाबल इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. उनका इस मुठभेड़ को लेकर क्या कहना है. फिहलाल ग्रामीणों के दावे और आरोप की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

सुकमा: बस्तर के सुकमा में 6 अगस्त 2018 को नुलकातोंग इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई (Four years of Nulkatong Naxalite encounter) थी. इस मुठभेड़ में 15 नक्सलियों को मार गिराने का दावा सुरक्षाबलों ने किया (Nulkatong Naxalite encounter Villagers accuse security forces) था. इस मामले में सुकमा के नुलकातोंग के ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गांव वालों का कहना है कि सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया था. तब से लगातार गांव वाले हर 6 अगस्त को शहीदी दिवस मनाते हैं और इस मुठभेड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते ( fake encounter in sukma) हैं. इस बार गांव वालों ने इस मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीणों की याद में शहीद स्मारक बनाया और वहां श्रद्धांजलि सभा की. इस सभा में कई ग्रामीण ( bastar naxalite incident news) उपस्थित थे.

ग्रामीणों का दावा सुरक्षा बलों ने किया फर्जी मुठभेड़: ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. यहां पर गांव वालों से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. ग्रामीणों का दावा है कि साल 2018 में यहां निर्दोष गांव वालों को मारा गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि सुरक्षाबल के जवान गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से मारपीट करने लगे. साल 2018 में जब जवान गोमपाड़ इलाके में सर्चिंग करते हुए पहुंचे तो गांव के ग्रामीण जवानों के मारपीट से डरकर दूसरे गांव नुलकातोंग पहुंचे और सभी ग्रामीण खेत मे सोने चले गए थे. उसी दौरान पुलिस के जवान ग्रामीणों के खेत पर पहुंचे और निहत्थे निर्दोष आदिवासी ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं गांव वालों ने सुरक्षाबलों पर नाबालिग ग्रामीणों को भी मारने का आरोप लगाया. ईटीवी भारत ग्रामीणों के इस दावे की पुष्टि नहीं करता.

नुलकातोंग नक्सली मुठभेड़ के चार साल

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इस मसले पर सुरक्षाबलों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. देखना होगा की सुरक्षाबल इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. उनका इस मुठभेड़ को लेकर क्या कहना है. फिहलाल ग्रामीणों के दावे और आरोप की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

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