सुकमा: स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. DVC मेंबर समेत 5 बड़े कैडर के नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए 'लाल आंतक' का रास्ता छोड़ दिया. सभी ने नक्सल विचारधारा को अलविदा कहते हुए शनिवार को CRPF और पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया. शासन और प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नक्सली संगठन छोड़कर सभी ने आत्मसमर्पण किया है. बता दें नक्सली 15 अगस्त और 26 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाते हैं. उन्हीं नक्सलियों ने स्वतंत्रता दिवस को सरेंडर करने के लिया चुना है.
आत्मसमर्पण करने वालों में चिन्नापाली एरिया कमेटी DVC मेंबर 8 लाख के इनामी नक्सली बोडडू वेंंकटेश और 5 लाख का इनामी जगरगुण्डा LGS कमांडर उंडाम सन्ना भी शामिल हैं. इनके अलावा एक लाख का इनामी गंगालूर एरिया कमेटी के प्लाटून नंबर 13 का सदस्य मड़कम सोनी, ब्यूरो कम्युनिकेशन टीम सदस्य सन्ना मरकाम और मिलिशिया डिप्टी कमांडर पोड़ियम देवा ने भी पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 8 लाख के इनामी नक्सली बोडडू वेंकटेश सुकमा जिले के ऐर्राबोर अंतर्गत गगनपल्ली का रहने वाला है. सुकमा जिले में कई बड़ी नक्सली घटनाओं में वह शामिल रहा है.
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बोडडू वेंकटेश इन वारदातों में था शामिल
- ऐर्राबोर IED ब्लास्ट
- साल 2006 में गोरगुण्डा के पास पुलिस पार्टी पर हमला
- साल 2006 में ऐर्राबोर राहत शिविर पर हमला
- साल 2009 में मुरलीगुड़ा-बंडा के बीच पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी पर फायरिंग
- साल 2008 में तिमेलवाड़ा रोड के पास पुलिस पार्टी पर फायरिंग
- साल 2010 में ताड़मेटला में CRPF जवानों पर हमला जिसमें 76 जवान शहीद हुए थे.
हाल के दिनों में पुलिस और सुरक्षाबलों ने कार्रवाई में नक्सली संगठन को कमजोर कर दिया है. कई बड़े नक्सलियों ने इस दौरान समर्पण किया है. लगातार चल रही कार्रवाई में कई नक्सलियों को मार गिराया है. हाल के दिनों में नक्सल घटनाओं पर नजर डाली जाए तो छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी थी. पुलिस ने 50 लाख के इनामी नक्सली यशवंत बोगा और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है. लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस के सामने 3 इनामी सहित कुल 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.