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गारंटी के तौर पर लिए गए चेक से फील्ड ऑफिसर ने निकाले रुपये, ऋण धारकों ने लगाया आरोप - debtor

ऋण धारकों ने फील्ड ऑफिसर पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि फील्ड ऑफिसर ने बतौर गारंटी उनसे 8 चेक लिए थे और सारे चेक से रुपए निकाल लिए है.

ऋण धारकों ने फील्ड ऑफिसर पर लगाया आरोप
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Published : Sep 8, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Sep 8, 2019, 9:05 PM IST

सुकमा : ऋण धारकों ने फील्ड ऑफिसर और उनके अन्य साथियों पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इसके साथ ही ऋण धारकों ने बैंक के सामने बीते शुक्रवार को प्रदर्शन भी किया है. इस दौरान पीड़ितों के पक्ष का समर्थन देने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष मौके पर पहुंचे और एसबीआई के ब्रांच मैनेजर से मुलाकात कर पीड़ितों के रुपये वापस करने की मांग की है.

ऋण धारकों ने लगाया आरोप

ऋण धारक मोहम्मद अफरोज ने बताया कि उसने अपनी पत्नी सफीउन निशा के नाम से जिला उद्योग केंद्र से मंडल वॉटर प्लांट लगाने के लिए आवेदन दिया था. फील्ड अफसर ने संबंधित से 6 पीडीसी चेक मांगे.

पत्नी सफिउन निशा के पास चेक नहीं होने पर फील्ड अफसर ने उसके नाम से बतौर गारंटी 4 पीडीसी चेक जमा कर लिए. लोन स्वीकृत होने के बाद 20 मार्च को 22 लाख 42 हजार रुपये खाते में जमा हुए.

फील्ड अफसर ने पत्नी के खाते से मेरे खाते में क्रेडिट के और पीडीसी चेक लगाकर 20 लाख रुपए निकाल लिए.

वहीं ऋणधारक संतोषी नाग ने बताया कि घर बनाने के लिए उन्होंने बैंक से पर्सनल लोन के लिए आवेदन दिया था. फील्ड अफसर विश्वजीत सिसोदिया ने सात लाख रुपये देने की बात कही थी. बतौर गारंटी विश्वजीत ने 8 चेक लिया था. कुछ दिन बाद खाते में दो लाख जमा हुए.

इसके बाद उसने फील्ड अफसर से पूछा कि सात लाख का लोन लिया है और केवल दो लाख आए हैं तो, फील्ड आफिसर ने जल्द ही बची हुई रकम खाते में आने का आश्वासन दिया. कई दिन बीत जाने के बाद भी खाते में एक रुपए नहीं आए. जब बैंक से जानकारी मिली कि गारंटी के तौर पर दिए 8 चेक से रकम निकाल लिए गए हैं.

सुकमा : ऋण धारकों ने फील्ड ऑफिसर और उनके अन्य साथियों पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इसके साथ ही ऋण धारकों ने बैंक के सामने बीते शुक्रवार को प्रदर्शन भी किया है. इस दौरान पीड़ितों के पक्ष का समर्थन देने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष मौके पर पहुंचे और एसबीआई के ब्रांच मैनेजर से मुलाकात कर पीड़ितों के रुपये वापस करने की मांग की है.

ऋण धारकों ने लगाया आरोप

ऋण धारक मोहम्मद अफरोज ने बताया कि उसने अपनी पत्नी सफीउन निशा के नाम से जिला उद्योग केंद्र से मंडल वॉटर प्लांट लगाने के लिए आवेदन दिया था. फील्ड अफसर ने संबंधित से 6 पीडीसी चेक मांगे.

पत्नी सफिउन निशा के पास चेक नहीं होने पर फील्ड अफसर ने उसके नाम से बतौर गारंटी 4 पीडीसी चेक जमा कर लिए. लोन स्वीकृत होने के बाद 20 मार्च को 22 लाख 42 हजार रुपये खाते में जमा हुए.

फील्ड अफसर ने पत्नी के खाते से मेरे खाते में क्रेडिट के और पीडीसी चेक लगाकर 20 लाख रुपए निकाल लिए.

वहीं ऋणधारक संतोषी नाग ने बताया कि घर बनाने के लिए उन्होंने बैंक से पर्सनल लोन के लिए आवेदन दिया था. फील्ड अफसर विश्वजीत सिसोदिया ने सात लाख रुपये देने की बात कही थी. बतौर गारंटी विश्वजीत ने 8 चेक लिया था. कुछ दिन बाद खाते में दो लाख जमा हुए.

इसके बाद उसने फील्ड अफसर से पूछा कि सात लाख का लोन लिया है और केवल दो लाख आए हैं तो, फील्ड आफिसर ने जल्द ही बची हुई रकम खाते में आने का आश्वासन दिया. कई दिन बीत जाने के बाद भी खाते में एक रुपए नहीं आए. जब बैंक से जानकारी मिली कि गारंटी के तौर पर दिए 8 चेक से रकम निकाल लिए गए हैं.

Intro:फील्ड अफसर द्वारा धोखाधड़ी के विरोध में ऋण धारकों ने बैंक के सामने किया प्रदर्शन

सुकमा. एसबीआई की फील्ड अफसर ने ग्राहकों के खाते से पीडीसी चेक लगा कर करोड़ों की राशि निकाल ली थी। अब तक 100 से ज्यादा ऋण धारकों ने एसबीआई के सुकमा शाखा में शिकायत की है। फील्ड अफसर द्वारा ऋण धारकों से करोड़ों की धोखाधड़ी के विरोध में शुक्रवार को पीड़ितों ने बैंक के सामने प्रदर्शन किया। पीड़ितों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इस मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ऋण धारकों के प्रदर्शन को जिला भाजपा संगठन ने भी समर्थन दिया।

गुरुवार को फील्ड अफसर के धोखाधड़ी का शिकार हुए ऋण धारक एसबीआई की जिला मुख्यालय स्थित शाखा के सामने प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पीड़ितों के पक्ष में समर्थन देने भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज देव और नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी बाई मौके पर पहुंची। पीड़ितों से मिलकर जिलाध्यक्ष ने एसबीआई के ब्रांच मैनेजर से मुलाकात की और जल्द से जल्द मामले की जांच कर पीड़ितों को उनका पैसा लौटाने की मांग की।


Body:पीड़ितों ने बैंक प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक की लापरवाही के चलते ही फील्ड अफसर द्वारा करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है। ऋण धारक मोहम्मद अफरोज ने बताया कि उसने पत्नी सफीउननिशा के नाम से जिला उद्योग केंद्र से मंडल वाटर प्लांट लगाने के लिए आवेदन दिया था। फील्ड अफसर ने संबंधित से 6 पीडीसी चेक मांगे। पत्नी सफिउन निशा के पास चेक नहीं होने पर फील्ड अफसर ने मेरे नाम से बतौर गारंटी 4 पीडीसी चेक जमा कर लिए। लोन स्वीकृत होने के बाद 20 मार्च को 22 लाख 42 हजार रुपये खाते में जमा हुए। फील्ड अफसर ने पत्नी के खाते से मेरे खाते में क्रेडिट के और पीडीसी चेक लगाकर बिस लाख रुपए निकाल लिए।

पुष्पाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर पदस्थ संतोषी नाग ने बताया कि घर बनाने के लिए उन्होंने बैंक से पर्सनल लोन के लिए आवेदन दिया था। फील्ड अफसर विश्वजीत सिसोदिया ने सात लाख देने की बात कही थी। बतौर गारंटी 8 चेक लिया गया कुछ दिन बाद खाते में दो लाख जमा हुए। जब मैंने फील्ड अफसर से पूछा कि सात लाख का लोन लिया है और केवल दो लाख आए हैं तो उन्होंने जल्द ही शेष राशि खाते में आने का आश्वासन दिया। कई दिन बीत जाने के बाद भी खाते में एक भी पैसा नहीं आया। जब बैंक से पता किया तो जानकारी मिली कि गारंटी के तौर पर दिए गए चेक लगाकर पैसे निकाल लिए गए हैं।


Conclusion:एसआईटी गठित करने की मांग...
जिला अध्यक्ष मनोज देव ने पूरे मामले पर एसआईटी गठित करने की मांग सुकमा पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा से की है। उन्होंने बताया कि एसबीआई के फील्ड अफसर द्वारा करीब 100 से ज्यादा ऋण धारकों के साथ धोखाधड़ी किया गया है। फील्ड अफसर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है लेकिन इस पूरे मामले में बैंक के कई कर्मचारी और सफेद पोस लोग शामिल है। सुकमा जिले में साक्षरता का दर बेहद कम है। जिसका फायदा बैंक के कर्मचारियों ने उठाया है। उन्होंने मांग की है कि धोखाधड़ी के शिकार हुए ऋण धारकों को अतिशीघ्र मय ब्याज राशि वापस दिया जाए, तब तक उनका एमआई स्थगित रखा जाए।

बाइट 01 संतोषी नाग,पीड़ित स्वस्थ्य कर्मचारी
बाइट 02 मो अफरोज, पीड़ित
बाइट 03 मनोज देव, जिला अध्यक्ष, भाजपा
Last Updated : Sep 8, 2019, 9:05 PM IST
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