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सुकमा: पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, DRG के दो जवानों के घायल होने की खबर

सुकमा: किस्टाराम के डुब्बा मरका के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है. एनकाउंटर में डीआरजी को दो जवानों के घायल होने की खबर है.

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Published : Feb 21, 2019, 4:36 PM IST

बता दें कि सुरक्षाबलों की टीम ऑपेशन के बाद कैंप में वापस लौट रही थी, इसी दौरान रास्ते में नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों की टीम 'लाल आतंक' की कायराना हरकत का मुहंतोड़ जवाब दे रही हैं.

मुखबिर से मिली थी जानकारी
बता दें कि, गुरुवार की सुबह सुरक्षाबलों को बीजापुर, तेलंगाना और सुकमा के सरहदी इलाकों में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी. जिसके आधार पर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया गया था.

बता दें कि सुरक्षाबलों की टीम ऑपेशन के बाद कैंप में वापस लौट रही थी, इसी दौरान रास्ते में नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों की टीम 'लाल आतंक' की कायराना हरकत का मुहंतोड़ जवाब दे रही हैं.

मुखबिर से मिली थी जानकारी
बता दें कि, गुरुवार की सुबह सुरक्षाबलों को बीजापुर, तेलंगाना और सुकमा के सरहदी इलाकों में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी. जिसके आधार पर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया गया था.

Intro:छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संचालित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आ रहा है । इसमें एक बड़ा मामले का खुलासा ईटीवी भारत ने किया है कि हुए विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया में अपने चहेतों को भर्ती करने का मामला सामना आया है। विश्वविद्यालय की ओर से एंटोंमोलॉजी विषय पर मास्टर स्पेशलिस्ट के लिए भर्ती की गई है। इसमें तमाम नियमों को ताक पर रखकर मेरिट लिस्ट में टॉप करने वाले अभ्यर्थी की जगह कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को पद पर बैठा दिया गया है। इस मामले के तमाम दस्तावेजों के साथ हम बताएंगे आपको पूरी रिपोर्ट।


Body:प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में गड़बड़ियों का अंबार लगा हुआ है। यहां पर आए दिन कुछ ना कुछ गड़बड़ी देखने को मिल रही है, इसी में ईटीवी भारत के हाथ भर्ती से संबंधित कुछ विशेष दस्तावेज हाथ लगे हैं जिसमें विश्वविद्यालय के कर्ता-धर्ताओं की काली करतूत देखने को मिल रही है। दरअसल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से एंटोंमोलॉजी विषय के लिए मास्टर स्पेशलिस्ट पद पर भर्ती की जा रही थी। इस भर्ती में प्रदेशभर के सैकड़ों एग्रीकल्चर से जुड़े स्पेशलिस्ट अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था । सबसे बड़ी बात यह है कि इस मैरिट सूची में टॉप करने वाले अभ्यर्थी रणदीप कुमार कुशवाहा जो कि पूरे रैंक में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए थे उनकी जगह किसी दूसरे अभ्यर्थी को चयन करके नौकरी दे दी गई।
सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि कीट विज्ञान में पीएचडी किए हुए छात्र रणदीप कुमार कुशवाहा जिन्होंने मेरिट सूची में 56.27 अंक प्राप्त किया था उनकी जगह सूर्य कुमार गुप्ता जो कि 51.14 अंक प्राप्त किए हैं. उनको चयन कर नियुक्ति दे दी गई है। इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस के पाटिल की भूमिका संदेह के दायरे में है. जिसे लेकर तमाम दस्तावेजों में उनके ही निर्देशो के साथ प्रक्रिया की गई है। इस मामले को लेकर अब किसान संगठनों से जुड़े लोग भी खुलकर विरोध में आ गए हैं और इस नियुक्ति में गड़बड़ी करने वाले दोषियों पर सीधे बर्खास्त करने की कार्यवाही की मांग भी कर रहे हैं।

बाइट- गौरीशंकर श्रीवास, प्रवक्ता भाजपा

वहीं दूसरी ओर इस कमीशन खोरी को लेकर जब हमने इसका जवाबदार और विश्वविद्यालय के कर्ता-धर्ताओं से बात करने की कोशिश की गई । इस दौरान ना तो वह विश्वविद्यालय में मिले और ना ही इस मामले में कुछ भी कहने को लेकर सामने आते दिखे। दस्तावेजों में भी उल्लेख है कि इस भर्ती प्रक्रिया में कुल 59 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें सबसे ज्यादा अंक पीएचडी के छात्र रणदीप कुमार कुशवाहा ने प्राप्त किया था बावजूद उसके सूर्य कुमार गुप्ता को चयन कर नौकरी दे दी गई।

पीटूसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर


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