सुकमा: चुनावी साल में नक्सल मोर्चे पर लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन का असर दिख रहा है. कई नक्सली साजिशें नाकाम हो रही है. तो कई नक्सली अब आत्मसमर्पण की राह पर चल पड़े हैं. बघेल सरकार की नक्सल उन्मूलन की नीति और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की वजह से कई नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं.इसी क्रम में मंगलवार को एक खूंखार नक्सली ने सरेंडर किया है.
नक्सली कुंजम मुक्का ने डाले हथियार: मंगलवार को खूंखार नक्सली कुंजम मुक्का ने सुकमा पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं. माओवादी कुंजम मुक्का पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह कई नक्सल गतिविधियों में शामिल रहा है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कुंजम मुक्का ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर किया है. अब सुरक्षाबलों को इससे नक्सलियों के खिलाफ जंग में अहम इनपुट मिल सकता है.
"कुंजम मुक्का ने अमानवीय और खोखली माओवादी विचारधारा से निराशा का हवाला देते हुए सरेंडर किया है. कुंजम मुक्का गैरकानूनी संगठन का मिलिशिया कमांडर था और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह 2007 में बाल संघम सदस्य के रूप में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुआ था. उसके बाद नक्सलियों के साथ काम कर रहा था": किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा
कोट्टाचेरु नक्सली हमले में शामिल था कुंजम मुक्का: सुकमा एसपी ने बताया कि" नक्सली कुंजम मुक्का साल 2017 के नक्सली एनकाउंटर में शामिल था. इसमें 12 सीआरपीएफ जवानों की शहादत हुई थी. पुलिस अब इस नक्सली एनकाउंटर का पूरा सच नक्सली कुंजम मुक्का से हासिल कर सकती है". पुलिस के सामने हथियार डालने वाले नक्सली कुंजम मुक्का को शासन की तरफ से आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.