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सुकमा : 2 हजार 29 क्विंटल वनोपज की हुई खरीदी, समितियों में खुशी का माहौल

सुकमा जिले में 25 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां वनोपज संग्रहण कर रहीं हैं. महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है.

sukma forest food produce
सुकमा में 2 हजार 29 क्विंटल वनोपज की हुई खरीदी
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Published : Apr 19, 2020, 9:19 PM IST

सुकमा: लॉकडाउन के दौरान सुकमा जिले के ग्रामीण संग्राहकों के जंगलों से संग्रहित वनोपज उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार साबित हो रहा है. जिले में वन विभाग 25 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के जरिए वनोपज संग्रहण कर रहा है.

वन धन विकास योजना के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है.

ये महिला समूह अपने गांवों सहित प्रमुख बसाहटों में लघु वनोपज का संग्रहण कर तत्काल संग्राहकों को नकद भुगतान कर रहे हैं. राज्य शासन के मुताबिक वन धन विकास योजना के तहत महिला स्वसहायता समूहों ने जिले में अबतक 2 हजार 29 क्विंटल वनोपज की खरीदी की है. जिसमें 1 हजार 595 क्विंटल आटी इमली, 154 क्विंटल महुआ फूल, 7 क्विंटल हर्रा, 161 क्विंटल बेहड़ा, 99 क्विंटल चरोटा बीज, 9 क्विंटल फूलझाड़ू सहित अन्य वनोपज शामिल हैं.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचे जा रहे वनोपज का भुगतान संग्राहकों को तुरंत किया जा रहा है. अबतक 56 लाख 54 हजार 372 रुपये की वनोपज खरीदी जा चुकी है.

सुकमा: लॉकडाउन के दौरान सुकमा जिले के ग्रामीण संग्राहकों के जंगलों से संग्रहित वनोपज उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार साबित हो रहा है. जिले में वन विभाग 25 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के जरिए वनोपज संग्रहण कर रहा है.

वन धन विकास योजना के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है.

ये महिला समूह अपने गांवों सहित प्रमुख बसाहटों में लघु वनोपज का संग्रहण कर तत्काल संग्राहकों को नकद भुगतान कर रहे हैं. राज्य शासन के मुताबिक वन धन विकास योजना के तहत महिला स्वसहायता समूहों ने जिले में अबतक 2 हजार 29 क्विंटल वनोपज की खरीदी की है. जिसमें 1 हजार 595 क्विंटल आटी इमली, 154 क्विंटल महुआ फूल, 7 क्विंटल हर्रा, 161 क्विंटल बेहड़ा, 99 क्विंटल चरोटा बीज, 9 क्विंटल फूलझाड़ू सहित अन्य वनोपज शामिल हैं.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचे जा रहे वनोपज का भुगतान संग्राहकों को तुरंत किया जा रहा है. अबतक 56 लाख 54 हजार 372 रुपये की वनोपज खरीदी जा चुकी है.

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