सुकमा: छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर बुधवार को 10 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. कोंटा थाना प्रभारी और सीआरपीएफ कमाडेंट आनंद कुमार के सामने 10 सक्रिय नक्सलियों ने बगैर हथियार आत्मसमर्पण किया है.
आत्मसमर्पित सभी नक्सली कोंटा थाना क्षेत्र के बालेंगतोंग के रहने वाले हैं. आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताड़ना एवं भेदभाव से प्रताड़ित होकर इन्होंने यह फैसला लिया. नक्सलियों ने पुलिस द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान के दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर यह कदम उठाया है. सभी नक्सली मुख्य धारा में शामिल होना चाहते हैं.
कोंटा थाना प्रभारी शरद सिंह ने बताया कि जिले के नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन पर भारी दबाव बना हुआ है. सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए 10 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है. उन्होंने बताया कि सभी नक्सली पिछले कई वर्षों से सक्रिय रूप से संगठन में काम रहे थे. इन सभी पर वाहनों में आगजनी, पुलिस पार्टी पर फायरिंग और आईईडी लगाने का आरोप है.
इन्होनें किया समर्पण
समर्पण करने वालों में दिरदो हुंगा, दिरदो देवा, मड़कम हिडमे, मुयाकी देवे, दिरदो हिड़मा, दिरदो कोसा, माड़वी जोगा, मुचाकी देवा, मुचाकी हुंगा और राजेश शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि सभी आत्म समर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान की जाएगी.